Petrol Crisis in Sri Lanka: ब्लैक मार्किट में 3000 रूपये लीटर पैट्रोल, डीज़ल की कीमत

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कोलंबो, श्रीलंका का हाल बद से बदतर होता जा रहा है जरूरी सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं। छोटी छोटी चीजों के लिए जनता को संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे नाज़ुक हालात में श्रीलंका में कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे हैं। देश में सभी रोज़मर्रा के इस्तेमाल में आने वाले चीजों की किल्लत है वहीं देश में पैट्रोल और डीज़ल के लिए पैट्रोल पंपों पर लंबी कतारें (Petrol Crisis in Sri Lanka) लगी हुई हैं, इस उम्मीद में कि कब देश में पैट्रोल, डीज़ल की आपूर्ति सामान्य रूप से बहाल हो सकेगी।

3000 रूपये लीटर पैट्रोल (Petrol Crisis in Sri Lanka)

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श्रीलंका में इस स्थिति का फायदा कुछ लोग उठा रहे हैं। ऐसे समय में श्रीलंका की ब्लैक मार्किट में पैट्रोल और डीज़ल, 3000 रूपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। सरकार द्वारा इस स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका है। पैट्रोल, डीज़ल की भारी कमी (Petrol Crisis in Sri Lanka) के चलते श्रीलंका में स्कूल कॉलेज फिलहाल बंद हैं साथ ही देश में कुछ गैर जरूरी सेवाओं को भी बन्द किया गया है। श्रीलंका की सरकार का मानना है कि स्कूल, कॉलेजों और कुछ गैर जरूरी सेवाओं को बंद करने से कुछ हद तक पैट्रोल, डीज़ल बचाया जा सकेगा। फिलहाल ने पेट्रोल, डीज़ल की खरीद पर भी रोक लगाई हुई है।

भारत से मदद की उम्मीद

इस नाज़ुक स्थिति के बीच श्रीलंका के उर्जा मंत्री को उम्मीद है कि पड़ोसी देश भारत, आने वाले मंगलवार तक श्रीलंका को तेल की डिलीवरी कर देगा जिससे कुछ हद तक लोगों को इस समस्या का समाधान मिल जाऐगा। उर्जा मंत्री का मनना है कि भारत द्वारा तेल की आपूर्ति (Petrol Crisis in Sri Lanka) में मौसम की कोई बाधा नहीं आऐगी। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भारत दो दिन पहले ही श्रीलंका को फर्टीलाइजर की एक बड़ी खेप भी भेज चुका है।

श्रीलंका में जनता का प्रदर्शन

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आपको बात दें कि पिछले दिनों मंहगाई से त्रस्त जनता ने श्रीलंका के राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया था। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास में घुंस कर वहां की सम्पति को साधारण तौर पर यूज़ किया था। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जब तक राष्ट्रपति गोटाबाया अपनी कुर्सी छोड़ कर इस्तीफा नहीं देते, वे वहीं डटे रहेंगे। जनता की इस मांग पर राष्ट्रपति गोटाबाया को झुकना पड़ा और उन्होने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और तब जाकर जनता ने राष्ट्रपति निवास को खाली किया।

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