पिछले महीने भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत में “बायकॉट चाईना” प्रदर्शन ने जोर पकड़ा, जिसमें भारतीय नागरिकों द्वारा चीनी सामान को तोड़ा गया और चीन में बने हर वस्तु का बहिष्कार किया गया परन्तु अब भारत के बाहर भी चीन की हरकतों का विरोध सामने आ रहा है।
यह विरोध प्रदर्शन गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद सामने आया है घाटी में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 76 घायल हुए थे। अमेरिका में कोरोनावायरस के प्रकोप के बावजूद, दर्जनों भारतीय मूल के अमेरिकियों और तिब्बती एंव ताइवान मूल के अमेरिकियों द्वारा ऐतिहासिक और विश्वविख्यात Times square पर “बायकॉट चाईना” का प्रदर्शन किया गया।
झड़प के बाद से, संयुक्त राज्य अमेरिका में कई शहरों में चीन विरोधी प्रदर्शन सामने आये हैं न्यूयॉर्क में भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है Times Square पर लोगों ने चीन विरोधी पोस्टर हाथों में लेकर और भारतीय और तिब्बती राष्ट्रीय झंडे को लहरा कर चीन विरोधी नारे लगाऐ गऐ।
प्रदर्शनकारियों का मानना है कि भले ही “बायकॉट चाईना” अभियान पहले से ही अनुमान से अधिक सफल रहा हो, लेकिन अभी भी चीनी उत्पादों के उपयोग को रोकने के अलावा बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
चीन को हराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने तीन चीजों पर ज़ोर दिया जिसमें, व्यापार पर रोक लगे, चीनी उत्पादों का बहिष्कार हो, तिब्बत की पूर्ण स्वतंत्रता और ताइवान का पूर्ण समर्थन हो।
टाइम्स स्क्वायर के प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वैश्विक गठबंधन, जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से विश्व के तीन बड़े नेता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे करें तो चीन से सफलतापूर्वक निपटा जा सकता है।
अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सहवानी ने चीन को “दुष्ट कम्युनिस्ट शासन” बताया जो भारत सहित अपने अन्य पड़ोसी देशों के खिलाफ “नग्न आक्रामकता” प्रदर्शित कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने आने वाले दिनों में इस तरह के ओर भी प्रोटेस्ट देश के विभिन्न शहरों में करने की भी बात कही।