छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर निवेदन किया है कि वे बस्तर के Nagarnar Steel Plant के निजीकरण के निर्णय पर एक बार फिर से विचार करें। इसके साथ ही ये कहा है कि इस प्लांट को सार्वजनिक उद्यम रहने पर आदिवासियों को फायदा होगा।
Nagarnar Steel Plant के निजीकरण से आदिवासियों की उम्मीदों को झटका
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा है कि NMDC लगभग 20 हजार करोड़ की लागत से Nagarnar Steel Plant तैयार करा रहा है। इस प्लांट से खनिज का उपयोग राष्ट्र निर्माण मे होगा साथ ही इस प्लांट से क्षेत्र में हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि न्यूज माध्यमों से ये पता लगा है कि सरकार Nagarnar Steel Plant को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। Nagarnar Steel Plant के निजीकरण से लाखों आदिवासियों की उम्मीदों को गहरा धक्का लगेगा। सरकार के इस फैसले से लाखों आदिवासियों में असंतोष की भावना जागृत हो रही है।
इस फैसले का फायदा नक्सलीयों को हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने अथक प्रयासों से नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाया है। Nagarnar Steel Plant के निजीकरण से आदिवासियों के असंतोष का लाभ नक्सली उठा सकते हैं। उन्होने ये भी बताया कि स्टील प्लांट के लिए 610 हेक्टेयर जमीन सार्वजनिक प्रयोजन के लिए अधिग्रहित की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार की 211 हेक्टेयर जमीन
Nagarnar Steel Plant में 211 हेक्टेयर जमीन छत्तीसगढ़ सरकार की है इसमें 27 हेक्टेयर जमीन, NMDC को सशर्त 30 वर्षों के लिए दी गई है। राज्य सरकार ने जो जमीन उद्योग विभाग को दी की है, उसकी सबसे पहली शर्त यही है कि इसका उपयोग केवल NMDC के Steel Plant स्थापना के लिए होगा।
NMDC को 20 साल के लिए, 4 लौह खदान दिये
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले महीने में राज्य सरकार ने एनएमडीसी को 20 वर्ष की अवधि के लिए, बैलाडिला स्थित 4 लौह अयस्क खदानों को विस्तारित किया है। ये निर्णय इसलिए लिया गय है कि बस्तर क्षेत्र में लोगों को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होते रहे। इससे क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा और जनता मुख्य धारा से जुड़ सकेगी।