Types of Computer in Hindi | कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार और वर्गीकरण

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दोस्तों आज की दुनिया कंप्यूटर की दुनिया है। आजकल हर काम कंप्यूटर से ही होता है तो आज इस आर्टिकल में हम बताऐंगे Types of Computer in Hindi. कंप्यूटर, जो कई प्रकार के होते है और जो हमारे चारो तरफ है लेकिन सभी Computers एक जैसे नहीं होते ये अलग-अलग Design के होते हैं और इनकी अलग–अलग विशेषताएँ होती हैं। कुछ Computer बहुत अधिक क्षमता के साथ स्पीड वाले होते है वहीं कुछ धीमी गति के होते हैं। इसी प्रकार कंप्यूटर यूज़र्स की आवश्कताओं के आधार पर विकसित किये जाते हैं।

Content: Types of Computer in Hindi

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Types of Computer in Hindi (कंप्यूटर के प्रकार)

कंप्यूटर को उसकी काम करने की क्षमता, उद्देश्य तथा साईज़ के आधार पर विभिन्न प्रकार का होता है। कंप्यूटर को निम्नलिखित 3 आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • अनुप्रयोग (Application)
  • उद्देश्य (Purpose)
  • आकार (Size)

कंप्यूटर क्या है?

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कंप्यूटर एक इलैक्ट्रॉनिक मशीन है जिसमें यूज़र डेटा (Data) को Input करता और उस डेटा प्रक्रिया द्वारा परिणाम प्राप्त करता है। कंप्यूटर यूज़र के निर्देशों का पालन करता है और इसमें डेटा को स्टोर, डेटा को प्रोसेस करने की अदभुद क्षमता होती है। कंप्यूटर का प्रयोंग कई तरह के कामों में किया जाता है जैसे वेब ब्राउज़ करना, डॉक्युमेंट बनाना, ईमेल, गेम खेलना आदि। बड़े वैज्ञानिक कामों में इसका ज्यादा प्रयोग किया जाता है जैसे अंतरिक्ष, रक्षा अनुसंधान, स्वास्थ्य क्षेत्र में।

इसके अलावा भी कंप्यूटर का इस्तेमाल कई कामों और बिजनेस में किया जाता है जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बताऐंगे।

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मैकेनिज़्म के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार

हमारे आर्टिकल Types of Computer in Hindi में सबसे पहले जानते हैं मैकेनिज़्म के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार। दोस्तों अनुप्रयोगों के आधार पर कंप्यूटर को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
  • डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
  • हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)

1. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)

एनालॉग एक ग्रीक शब्द है और इसका मतलब किन्हीं दो राशियों में समरूपता को तलाशना है। इन कंप्यूटर्स का प्रयोग भौतिक क्रिया का प्रारूप बनाकर उस कार्य को लगातार जारी रखने के लिए] निर्देश देने के लिए किया जाता है अर्थात यह कंप्यूटर Input के रूप में Analog Data या Signals को लेते हैं और Analog को Process करते हैं और Output भी Analog में ही Show करते हैं। इन कंप्यूटर्स से पूरी तरह शुद्ध परिणाम नहीं मिलते हैं लेकिन इनसे 99 प्रतिशत तक सही परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

  • एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग भौतिक मात्रा को नापने के लिए किया जाता है जैसे: प्रेशर, तापमान, लम्बाई, ऊंचाई आदि।
  • यह कंप्यूटर माप करके उसके परिणाम को अंको में व्यक्त करते हैं।
  • यह कंप्यूटर दो परिमापों के बीच तुलना भी करते हैं।
  • ऐसे कंप्यूटर का प्रयोग विज्ञान एवं इंजीनियरिंग क्षेत्रों में किया जाता है।
  • ये कंप्यूटर ग्राफ के रूप में आउटपुट देते हैं।
  • ऐसे कंप्यूटर में कम क्षमता की मेमोरी और इनकी गति भी कम होती है।
  • ये कंप्यूटर Alpha Numeric को Process नहीं कर सकते हैं।
  • इन कंप्यूटर्स के लिए RF तकनीक की आवश्यकता होती है।
Analog Computer के उदाहरण

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  • Deltar
  • E6B flight computer
  • Librascope, aircraft weight and balance computer
  • Mechanical computer
  • Water integrator

2. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)

ये कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक घड़ी या कैलकुलेटर डिजिटल पद्ति पर आधारित है। ये सभी अंक 8 डिजिट पर आधारित होते हैं क्योंकि 8 ही एकमात्र ऐसा नम्बर है जिसके अलग अलग भागों को दिखाकर अलग-अलग अंकों को दिखाया जा सकता है। डिजिटल कंप्यूटर अंकगणित को आधार मानकर सभी गणनाएं करता है और किसी भी डेटा को बायनरी (Binary) के रूप में परिवर्तित करके बायनरी योग के आधार पर सभी प्रकार की गणनाएं करता है।

  • Digit का अर्थ ही होता है अंक, डिजिटल कंप्यूटर अंको की गणना करता है।
  • Digital Computers, Letters, Numerical या Special Symbols को Represent करते हैं।
  • ये Computers Data एवं Program को 0, 1 में Convert करके Electronic के रूप में लेता है।
  • इनका ज्यादातर उपयोग Arithmetic Operation को Perform करने के लिए किया जाता है जैसे जोड़ना, घटाना, गुणा आदि।
  • आज के समय में ज्यादातर उपयोग में लाए जाने वाले कंप्यूटर Digital Computer हैं।
  • इन कंप्यूटर के उदाहरण – Accounting Machine और Calculator हैं।
  • Analog Computer की तुलना में यह ज्यादा सही परिणाम, मेमोरी और तेज स्पीड वाले होते हैं।
  • ये कम्प्यूटर्स Text, Graphics और Picture के आधार पर Output देते हैं।
Digital Computer के उदाहरण
  • IBM PC
  • Apple Macintosh smartphones
  • Laptops
  • Calculator

3. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)

हाइब्रिड का अर्थ संकरित यानि अनेक गुणों वाला होना होता है तो Hybrid Computer भी Analog कम्प्यूटर और Digital कम्प्यूटर, दोनों के सबसे अच्छे गुणों को मिलाकर बनाया गया है। Analog Computer में किसी सिस्टम को नियंत्रण करने के लिए एक ही पल में दिशा-निर्देश प्राप्त हो जाते हैं।

Hybrid Computer इन इन कमांड को डिजिटल कमांड में बदलने के लिए विशेष यन्त्रों का प्रयोग किया जाता है। इंटरनेट मॉडम इसी तरह के यन्त्रों में से एक है। यह Analog संकेतों को Digital संकेतों तथा Digital संकेतों को Analog संकेतों में बदलने का काम करता है। आशा है आपको हमारा आर्टिकल Types of Computer in Hindi पसंन्द आ रहा होगा।

  • हाइब्रिड कंप्यूटर Analog और Digital Computer दोनों की विशेषताओं को जोड़कर बनाया गया है।
  • इस कंप्यूटर में Analog Computer की Speed और Digital Computer की Accuracy और Memory है।
  • इस कंप्यूटर का उपयोग पेट्रोल पंप पर किया जाता है जोकि ईधन प्रवाह को माप कर उसकी मात्रा और कीमत को दिखाता है।
  • ये कंप्यूटर Binary Number (0, 1) के साथ Analog Signal को भी समझता है।
Hybrid Computer के उदाहरण
  • First Hybrid Computer – Hycomp 250
  • HYDAC 2400
  • Starglow Hybrid Computer
  • HP Envy Hybrid Computer

उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार

आर्टिकल Types of Computer in Hindi में अब बात करते हैं कि उद्देश्यों के आधार पर कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैं? अलग–अलग उद्देश्यों के लिए अलग–अलग प्रकार के कंप्यूटर उपयोग में लाये जाते हैं। कंप्यूटर को उद्देश्य के अनुरूप नाम देकर उन्हे विभाजित किया जाता है:

सामान्य उद्देश्यीय कंप्यूटर (General Purpose Computer)

इन कंप्यूटर का उपयोग सामान्य कार्य करने के लिए किया जाता है जैसे पत्र लेखन और डेटाबेस से सम्बंधित कार्य आदि। ऐसा कंप्यूटर जिस पर ये सारे काम सम्भव होते हैं, वो कंप्यूटर सामान्य उद्देश्यीय कंप्यूटर कहलाता है। इस तरह के कंप्यूटर सबसे अधिक उपयोग किये जाते हैं। इन कंप्यूटर्स का प्रयोग दुकानों, कार्यालय, स्कूल और पर्सनल काम के लिए भी किया जाता है। इसका उदाहरण I.B.M. PC है।

विशेष उद्देश्यीय कंप्यूटर (Special Purpose Computer)

जो कंप्यूटर एक तरह का काम करने के लिए बनाये जाते हैं, उन कंप्यूटर को विशेष उद्देश्यीय कंप्यूटर्स कहा जाता है। इस तरह के कंप्यूटर में ज्यादा मैमोरी और अधिक तेजी से काम करने की क्षमता होती है। विशेष उद्देश्यीय कंप्यूटर में ज्यादा कुशलता से कार्य होता है। ये कंप्यूटर्स दूसरे कंप्यूटर की तुलना में अधिक महंगे होते है इनका उपयोग मौसम विज्ञान, कृषि विज्ञान, युद्ध एवं अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में किया जाता है।

यांत्रिक उद्देश्यीय कंप्यूटर (Machine Inbuilt Purpose Computer)

जब कंप्यूटर के जरिए मशीनों को नियन्त्रित करना होता है तो उस कंप्यूटर की Output, Electric Signals के रूप में बाहर निकालकर स्विच के द्वारा मशीनों से जोड़ देते हैं। ऐसे कंप्यूटर को यांत्रिक उद्देश्यीय कंप्यूटर कहते हैं। जैसे अस्पतालों में ऑपरेशन के लिए, जांच के उपकरणों को कंट्रोल करने के लिए, दूरभाष केन्द्र में ऑटोमेटिक लाइन मिलाने के लिए आदि प्रकार की मशीनों को कंट्रोल करने के लिए इन कंप्यूटर्स का प्रयोग करते हैं। कंप्यूटर के द्वारा आंखों की जांच करना ऐसे मशीन का सबसे अच्छा उदाहरण है।

सहयोगी कंप्यूटर (Users Friendly Computers)

ऐसे कंप्यूटर जिनको कोई भी साधारण व्यक्ति आसानी से यूज़ कर सकता है या यूं कहे कि ऐसा कंप्यूटर जिनको ऐसा व्यक्ति भी ऑपरेट कर सकता है जिसे कंप्यूटर न भी आता हो, सहयोगी कंप्यूटर कहलाते हैं। इन कंप्यूटर को विशेष तरीके से बनाया जाता है जिससे ये कंप्यूटर स्वयं ही ऑपरेटर को संचालन के निर्देश और अन्य जानकारियां देते हैं जो कंप्यूटर की मॉनीटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होती रहती हैं। इस कंप्यूटर्स का प्रयोग स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने अथवा कंप्यूटर पर मनोरंजन करने के लिए किया जाता है।

हाई इन्टेलीजेन्ट मशीन (High Intelligent Machine)

इन कंप्यूटर का प्रयोग जटिल समस्याओं के निवारण करने और भारी मशीनों को चलाने के लिये किया जाता है। हाई इन्टेलीजेन्ट मशीन तेज बुद्धि वाला कंप्यूटर होता है इसकी सहायता से रोबोट, रॉकेट, प्रक्षेपक आदि को संचालित किया जाता है।

नॉलेज इनफॉर्मेशन प्रॉसेसिंग सिस्टम (Knowledge Information Processing System)

इस तरह के कंप्यूटर का आविष्कार जापान ने किया था और उसका नाम KIPS था। इस कंप्यूटर में दुनिया के सभी संभावित में काम करने के लिए पहले से ही प्रोग्राम बनाकर डाल दिये गये हैं, जिसे हम कंप्यूटर की Artificial Intelligence भी कह सकते हैं। ये कंप्यूटर अभी तक मार्केट में नहीं है परन्तु जल्द ही उपलब्ध हो सकते हैं। यदि आपको लगता है कि हमारे आर्टिकल Types of Computer in Hindi में अभी तक सही जानकारी दी गई है तो कृपया नीचे कमेंट अवश्य करें।

काम और आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार

तकनीक के आधार पर कंप्यूटर 4 तरह के होते हैं:

  • माइक्रो कंप्यूटर
  • मिनी कंप्यूटर
  • मेनफ्रेम कंप्यूटर और
  • सुपर कंप्यूटर

माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)

तकनीकी रूप से ये कंप्यूटर सबसे कम काम करने की क्षमता रखने वाला कंप्यूटर है लेकिन यह कंप्यूटर, सभी कार्यों के लिये प्रयोग किये जाते हैं। इन माइक्रो कंप्यूटर का विकास साल 1970 में हुआ था, ये कंप्यूटर Single User System होते हैं। इन कंप्यूटर के CPU में Micro Processor का उपयोग किया गया है इसलिए इन कंप्यूटर को Single User Micro Computer कहा जाता है।

ये कंप्यूटर वजन में हल्के और सस्ते होते हैं। ज्यादातर इन कंप्यूटर का प्रयोग घरों में और छोटे व्यवसाय में किया जाता है। वर्तमान समय में इन कंप्यूटर्स का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। इन कंप्यूटर्स को व्यक्तिगत कंप्यूटर (Personal Computer) अथवा PC भी कहा जाता है। ये कंप्यूटर्स Micro Computers, Mainframe Computers की तुलना में छोटे होते हैं।

इसके CPU में एक RAM, ROM, Input/Output Ports, Interconnecting Wires और Motherboard होता है। माइक्रो कंप्यूटर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये कंप्यूटर एक किताब, फोन और घड़ी के साईज़ में भी बनाये जा रहे हैं। माइक्रो कम्प्यूटर्स का प्रयोग घरों, स्कूलों, ऑफिस आदि में किया जाता है।

PC को Personal Computer भी कहते हैं क्योंकि यह कंप्यूटर IBM द्वारा प्रस्तुत किया गया था इसलिए इसे IBM Compatible Personal Computer भी कहा जाता है।

Micro Computer के उदाहरण
  • Desktop computer
  • Laptop computer
  • Palmtop Computer
  • Notebook Computer
  • Tablet Computer

वर्कस्टेशन कंप्यूटर (Workstation Computer)

वर्कस्टेशन कंप्यूटर का इस्तेमाल इंजीनियरिंग Application (CAD, CAM), डेस्कटॉप प्रकाशन, सॉफ्टवेयर विकास और अन्य ऐसे प्रकार के Application के लिए किया जाता है। आमतौर पर ये कंप्यूटर एक बड़ी High Resolution Graphic Screen, बड़ी मात्रा में RAM, Inbuilt Network Support और एक Graphical User Interface के साथ आते हैं। यह कंप्यूटर महंगे होते हैं। इनकी कार्य क्षमता Micro Computer से ज्यादा होती है और ये आकार में बड़े होते हैं।

Workstation Computer के उदाहरण
  • Unix-based Sun
  • Compaq
  • SGI Workstation

इन कंप्यूटर्स का प्रयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों एवं सरकारी ऑफिस में Server कंप्यूटर के कार्य के लिए किया जाता है। इनकी कार्य क्षमता काफी अधिक होती है और इस कंप्यूटर पर कई यूज़र एक साथ Login कर सकते हैं।

इन कंप्यूटर्स का घरों में प्रयोग नहीं किया जाता क्योंकि इनकी कार्य क्षमता दूसरे कंप्यूटर्स से बहुत ज्यादा होती है क्योंकि इनके Hardware सामान्य कंप्यूटरों से काफी बड़े होते हैं और ये बहुत महंगे होते हैं।

इन कंप्यूटर्स का प्रयोग Database को सेव करने के लिए और कम्पनी के अन्य महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए किया जाता है।

मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)

मिनी कंप्यूटर्स का साईज़ लगभग माइक्रो कंप्यूटर्स जैसा ही होता है लेकिन इसके कार्य करने की क्षमता मिनी कंप्यूटर्स से ज्यादा होती है। इन कंप्यूटर का प्रयोग बैंक, फैक्ट्री और बीमा कम्पनियों में हिसाब-किताब रखने आदि कार्यों के लिए किया जाता है। इस कम्प्यूटर पर एक समय में एक से ज्यादा लोग कार्य कर सकते हैं।

मिनी कंप्यूटर्स की Memory, Speed और कार्यक्षमता माइक्रो कम्प्यूटर्स से ज्यादा और मेन फ्रेम कम्प्यूटर्स से कम होती है। इस कम्प्यूटर में एक से ज्यादा C.P.U. होते हैं। सबसे पहला मिनी कम्प्यूटर साल 1965 में PDP-8 के रूप में किया गया था। इस कंप्यूटर का आकार एक फ्रीज के बराबर था और इसकी कीमत 18000 डॉलर थी।

इसको DEC नाम की कंपनी ने बनाया था। DEC का पूरा नाम Digital Equipment Corporation था। मिनी कंप्यूटर का उपयोग वित्तीय खातों का रख-रखाव करने के लिए, बिक्री-विश्लेषण के लिए, लागत-विश्लेषण के लिए आदि के लिए किया जाता है।

Mini Computer के उदाहरण
  • DEC PDP and VAX series
  • Control Data’s CDC 160A and CDC 1700
  • Data General Nova
  • Honeywell-Bull DPS 6/DPS 6000 series
  • IBM Mid Range Computers

मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)

यह कंप्यूटर बहुत पावरफुल होते हैं। इन कंप्यूटर्स की भंडारण की सीमा और स्पीड, माइक्रो कंप्यूटर और मिनी कंप्यूटर की तुलना में बहुत ज्यादा होती है जिससे सभी टर्मिनल्स द्वारा किये जाने वाले कार्य को सुचारू रूप से संग्रह किया जा सके। इन कंप्यूटर की भंडारण क्षमता आवश्यकतानुसार बढ़ायी अथवा घटाई जा सकती है।

इनका प्रयोग नेटवर्किंग के लिए होता है। अर्थात इन कंप्यूटर पर बहुत से टर्मिनल संलग्न रहते हैं और इन टर्मिनल्स को कहीं पर भी रख सकते हैं और अगर टर्मिनल्स को मेन कंप्यूटर के पास रखते हैं, जैसे एक ही बिल्डिंग में तो इस तरह की नेटवर्किंग को Local Area Networking कहा जाता है।

अगर कम्प्यूटर टर्मिनल्स को मेन कम्प्यूटर से दूर जैसे किसी अन्य शहर में रखते हैं तो इस प्रकार की नेटवर्किंग को Wide Area Networking कहा जाता है। वाइड एरिया नेटवर्किंग का रेलवे में उपयोग होने वाले टर्मिनल्स, इसका एक अच्छा उदाहरण है। ज्यादातर कम्पनियां मेनफ्रेम कम्प्यूटर का प्रयोग खरीदारों द्वारा खरीद का ब्यौरा, भुगतानों का ब्यौरा, बिलों को भेजना-रखना, नोटिस भेजना, कर्मचारियों का भुगतान करना, Tax का ब्यौरा रखना आदि के लिए किया जाता है।

मेनफ्रेम कंप्यूटर की गति टर्मिनल्स की संख्याओं, तारों की लम्बाई के अनुसार बढ़ती घटती है। वास्तव में टर्मिनल्स मेन फ्रेम कंप्यूटर को यूज़ करने के लिए एक लाइन में खड़े रहते हैं परन्तु ज्यादा पावरफुल होने के कारण मेन फ्रेम कंप्यूटर प्रत्येक टर्मिनल का कार्य तेजी से निबटा देता है।

टर्मिनल पर काम कर रहे कर्मचारी को आभास होता है कि कंप्यूटर केवल उसका काम कर रहा है। इस तरह के कार्य सम्पन्न करने की विधि को Time Shared System कहा जाता है। P.C. A.T./386, 486 IBM4381, ICL39 श्रृंखला और CDC Cyber श्रृंखला मेन फेम कम्प्यूटर के मुख्य उदाहरण हैं।

ये कंप्यूटर Server कंप्यूटर के रूप में कार्य करते हैं। इन कंप्यूटर का प्रयोग बड़ी कम्पनियों और सरकारी ऑफिस में अधिक मात्रा में डेटाबेस रखने के लिए किया जाता है। इस कंप्यूटर में एक साथ हजारों Users कार्य कर सकते हैं और इस कंप्यूटर की मेमोरी क्षमता (24×7) दिन की होती है। मेनफ्रेम कंप्यूटर का हार्डवेयर भी मिनी कंप्यूटर से बड़ा होता है और इनमें माइक्रो कंप्यूटर का प्रयोग Client के तौर पर होता है।

मेनफ़्रेम कंप्यूटर में दो तरह के प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है, पहला Main Processor और दूसरा System Assistance Processor (SAP) होता है। SAP डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तेजी से ले जाता है। यह Main Processor की तरह डाटा को प्रोसेस नहीं करता है।

Mainframe Computer के उदाहरण
  • IBM 4381
  • ICL 39
  • CDC Cyber

सुपर कंप्यूटर (Super Computer)

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सुपर कम्प्यूटर अभी तक का का सबसे पावफुल कंप्यूटर है। इसमें अनेक C.P.U समान्तर क्रिया को, समान्त प्रक्रिया (Parallel Processing) कहा जाता है। विश्व का पहला सुपर कम्प्यूटर I.L.L.I.A.C. है। एक C.P.U द्वारा Data और Program एक Stream में क्रियान्वित करने की पारस्परिक विचारधारा को ‘वॉन न्यूमान सिद्धान्त’ (Von Neumann Concept) कहते हैं लेकिन सुपर कंप्यूटर को ‘नॉन-वॉन न्यूमान सिद्धान्त’ (Non-Von Neumann Concept) के अनुसार बनाया जाता है।

Types of Computer in Hindi
Source : Pixabay

Super Computer में अनेक ALU, C.P.U का एक हिस्सा होते हैं जो एक खास काम के लिए होता है और सभी ALU एक साथ समान्तर काम करते रहते हैं। Super Computer में कई इनपुट और आउटपुट डिवाइस जोड़े जा सकते हैं।

सुपर कंप्यूटर आज के समय में सबसे तेज कंप्यूटर है। Super Computer का इस्तेमाल वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग की समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है जो बड़े डेटाबेस को संभालते हैं।

इन कंप्यूटर में एक से अधिक CPU का प्रयोग किया जाता है जिसकी वजह से इसकी गति काफी तेज होती है। इसमें कुछ ही Seconds में बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल करने की क्षमता होती है। सुपर कंप्यूटर आकार में बड़े और काफी महंगे होते हैं और ये काफी अधिक क्षमता वाले होते हैं।

सुपर कंप्यूटर के कार्य
  • अंतरिक्ष यात्रा के लिए
  • बड़ी प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक शोध व खोज करना।
  • मौसम विज्ञान की जानकारी लेने के लिए
  • High Resolution Animation वाली या फिर Action movie बनाने के लिए
  • युद्ध के लिए
Super Computer के उदाहरण
  • PARAM 8000 (First super computer of India)
  • IBM Summit
  • Sunway TaihuLight
  • NUDT Tianhe-2
  • Cray HPE/Piz Daint
  • Cray HPE Trinity

Types of Computer Virus in Hindi (कंप्यूटर वायरस के प्रकार)

दोस्तों इस आर्टिकल Types of Computer in Hindi में ​अब बात करते हैं कंप्यूटर वायरस के बारें। कुछ लोग वायरस को एक जीव की तरह समझते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कंप्यूटर वायरस कोई जीव नहीं बल्कि एक प्रकार सॉफ्टवेयर ही होता है जिसे कंप्यूटर हैकर किसी व्यक्ति के कंप्यूटर को खराब करने के लिए या उससे कोई भी जानकारी चुराने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

फिलहाल ​कंम्यूटर वायरस कितने प्रकार (Types of Computer Virus in Hindi) के होते हैं, इसका अंदाजा लगाना बहुत ही मुश्किल काम है क्योंकि हैकर्स आयेदिन नये नये वायरस बनाते रहते हैं इसलिए इसकी गिनती लगभग नामुमकिन है। हरेक कंप्यूटर वायरस अलग अलग काम करते हैं। इसलिए बेहतर है कि आप अपने कंप्यूटर को इस तरह के आक्रमण से बचा कर रखें। आपक मार्किट में उपलब्ध किसी भी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

भारत में पहला सुपर कंप्यूटर

भारत में पहला सुपर कंप्यूटर Cray-X MP-14 दिल्ली में स्थापित किया गया था। इस कंप्यूटर का उपयोग कृषि सम्बन्धी एवं मौसम की जानकारियों को प्राप्त करने के लिए किया गया था। कुछ समय पहले भारत ने भी Super Computer के निर्माण में सफलता प्राप्त कर ली है। जापानी कम्पनी N.E.C. ने दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर का निर्माण कर लिया है जो एक सेकंड में 28 अरब गणनाएं करने में सक्षम है। इसका मुख्य उदाहरण है CRAYXM-24 CRAY-2, और NEC-500 सुपर कंप्यूटर।

ये भी पढ़ें: Google Ka Malik Kaun Hai – ये किस देश का है, भारतीयों का इसमें क्या योगदान है

दोस्तों ये था हमारा एक ओर जानकारी से भरपूर आर्टिकल Types of Computer in Hindi उम्मीद है आपको पसंद आया होगा। यदि आप इस आर्टिकल से सम्बधित कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कृपया नीचे दिये कमेंट सैक्शन में कमेंट करें।

1 Comment
  1. Pushpa singh says

    Aapne bahut hi achchi jankri sheyar ki hai

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