रक्षाबंधन कब है | Raksha Bandhan Date 2022

0

रक्षाबंधन कब है (Raksha Bandhan Kab Hai) इस लेख में हम बताऐंगे कि 2022 में रक्षाबंधन कब है और रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त कब है? भाई बहन का त्यौहार र​क्षाबंधन भारत में बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।

रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर प्रेम का धागा या राखी बांधती हैं और अपने भाई की तरक्की एवं जीवन में सफल होने की कामना करती हैं। इसी के साथ भाई भी इस दिन अपनी बहन की जिंदगी भर रक्षा करने का वचन देता है।

Sponsored Ad

रक्षाबंधन कब है?

वर्ष 2022 में रक्षाबंधन का त्यौहार गुरूवार, दिनांक 11 अगस्त को मनाया जाऐगा और इस बार रक्षाबंधन 2022 को शोभन योग बन रहा है। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक, रक्षाबंधन प्रत्येक वर्ष श्रावण के महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है इसलिए रक्षाबंधन को राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

Sponsored Ad

Sponsored Ad

आईये आपको बताते हैं कि आखिर रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? राखी का त्यौहार कैसे शुरू हुआ इसका कोई प्रमाण नहीं है लेकिन हिन्दू धर्म के विश्वास के अनुसार इसके साथ एक पौराणिक प्रसंग जुड़ा है। भविष्य पुराण के अनुसार एक बार सुर और असुरों में युद्ध छिड़ गया जिसमें देवताओं की हार होने लगी। इससे परेशान होकर भगवान इंद्र, भगवान बृहस्पति के पास गये और उनके सामने सारी घटना का वर्णन किया।

भगवान इंद्र और बृहस्पति के बीच का वर्णन इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने भी सुन लिया जिसके बाद उन्होने एक धागे को मंत्रोच्चारित करके इंद्र की कलाई पर बांध दिया जिस कारण देवता, राक्षसों से युद्ध ​जीत गये। संयोंगवश उस दिन भी श्रावण मास की पूर्णिमा थी।

gadget uncle desktop ad

इस पौराणिक प्रसंग के कारण ही लोगों में ये विश्वास बना कि मंत्रोच्चारित धागे को इंद्र की कलाई पर बांधने के कारण ही देवताओं को युद्ध में विजय प्राप्त हुई और तभी से श्रावण की पूर्णिमा पर कलाई पर धागा बांधने की प्रथा का चलन हुआ।

रक्षाबंधन के संदर्भ में श्रीकृष्ण और द्रौपदी प्रसंग

रक्षाबंधन की शुरूआत हाने में महाभारत कालीन श्रीकृष्ण और दौपदी प्रसंग का उल्लेख भी अवश्य आता है। इस प्रसंग के अनुसार एक बार श्रीकृष्ण की अंगुली युद्ध के दौरान घायल हो गई थी। घायल अंगुली को देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़ कर श्रीकृष्ण की अंगुली में बांध दिया था और बदले में श्रीकृष्ण ने किसी भी संकट में द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था। पद्मपुराण, स्कन्ध पुराण और श्रीमद्भागवत में वामन अवतार की कथा में भी रक्षाबन्धन का प्रसंग मिलता है।

रक्षाबंधन का ऐतिहासिक प्रसंग

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है इसको लेकर इतिहास में भी कुछ प्रसंग है। राजपूत सिपाही जब युद्ध में जाते थे तो बहनें उनके मस्तिष्क पर तिलक करके हाथ की कलाई पर रेशमी धागा बांधती थी और ये कामना करती थी कि उनके भाई जल्द से जल्द युद्ध जीतकर वापस आऐं।

रक्षाबंधन को लेकर मेवाड़ की रानी कर्मावती की प्रसंग भी उल्लेखनीय है। एक बार रानी कर्मावती को पूर्व सूचना मिलती है कि बहादुरशाह मेवाड़ पर हमला करने आ रहा है। रानी कर्मावती बहादुरशाह का सामना करने में असमर्थ थी इसलिए वें मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर मेवाड़ की रक्षा करने का आग्रह करती है। हुमायूँ मसलमान होते हुए भी रानी कर्मावती की राखी की लाज रखते हैं और बहादुरशाह के खिलाफ, कर्मावती की मदद करते हैं जिससे मेवाड़ युद्ध में विजयी होता है।

तो ये थे कुछ पौराणिक और ऐतिहासिक प्रसंग जिससे ये माना जाता है कि रक्षाबंधन का प्रचलन ऐसे ही बढ़ा।

Sponsored Ad

राखी का शुभ मुहूर्त कब है Rakhi Shubh Muhurat 2022

अब बात करते हैं रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त (Rakhi Shubh Muhurat 2022) की। राखी बांधने का सबसे अच्छा समय कौन सा है। जैसा कि हमने उपर बताया कि रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है तो आपको बता दें कि पूर्णिमा, 11 अगस्त को रात 8.51 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी और 9 बजकर 13 मिनट तक रहेगी।

बता दें कि रक्षाबंधन 2022 पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 51 मिनट से लेकर 9 बजकर 13 मिनट तक है और इस बार रक्षाबंधन 2022 को शोभन योग बन रहा है।

रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल और राहुकाल का भी ध्यान रखना होगा। भद्रा काल और राहुकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इस काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना जाता है।

भद्रा काल 23 अगस्त 2021 को प्रात: 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

पढ़िये हमारा अन्य आर्टिकल Holi Kab Ki hai

तो आपको हमारा ये लेख रक्षाबंधन कब है कैसा लगा हमें कमेंट करके अवश्य बताऐं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.