1967 में पद्मश्री पुरूस्कार से सम्मानित सुरों के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी की आज 41वीं पुण्यतिथि है। 31 जुलाई 1980 की रात 10:25 बजे, एक बड़ा दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ था। मोहम्मद रफी तब 55 वर्ष के थे।
संगीत सम्राट मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) का जन्म 24 दिसम्बर 1924 को अमृतसर के एक गांव कोटला सुल्तान सिंह में हुआ। रफी साहब भारतीय सिनेमा संगीत में सुरों के जादूगर के रूप में हमेशा याद किये जाते रहगें।
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Mohammed Rafi Family मोहम्मद रफी का परिवार
मोहम्मद रफी 8 भाई बहन थे जिसमें 2 बड़ी बहनें और कुल 6 भाई थे। रफी को उनके परिवार में “फीको” के नाम से भी बुलाते थे। रफी के पिता 1935 में लौहोर चले गये जहां उन्होने हेयर कटिंग सैलून शुरू किया। मोहम्मद रफी ने उस्ताद अब्दुल वाहिद खान, पंडित जीवन लाल मट्टू और फिरोज़ निज़ामी से शास्त्रीय संगीत (Classical Music) की शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद वे 1944 में पहली बार मुम्बई आऐ।
मुम्बई में कई बड़े फिल्मकारों से मिलने के बाद उन्हे हिन्दी सिनेमा में फिल्म “गांव की गोरी” के लिए पहली बार एक युगल गीत गाने का मौका मिला। गीत के बोल थे “अजी दिल हो काबू में तो दिलबर की ऐसी तैसी”। बस उसके बाद से मोहम्मद रफी ने पीछे मुड़कर नही देखा। इसके बाद रफी साहब मशहूर संगीत निर्देशक नौशाद के सम्पर्क में आऐ और उनके साथ रफी साहब ने एक से एक बढ़कर नग्में संगीत प्रेमियों को दिये।
मोहम्मद रफी का फिल्मी सफर Rafi Hit Songs
नौशाद के अलावा उन्होने भारतीय फिल्म संगीत से जुड़े लगभग हर एक संगीतकार के साथ काम किया जिनमें एस.डी. बर्मन, शंकर जय किशन, रवि, मदन मोहन, ओ.पी. नैयर, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और कल्याण जी आनंद जी प्रमुख हैं।
मोहम्मद रफी ने 1000 से ज्यादा फिल्मों में अलग अलग भाषाओं में गाने गाऐ। रफी साहब के हिट गानों की लिस्ट (Rafi Hit Songs) इतनी लम्बी है कि उन सभी के बारे में बताना काफी चुनौती भरा काम है। उनके द्वारा गाये गऐ खुशी भरे गीत हों या देशभक्ति के गीतों हों या दुख भरे गीत हों (Rafi Sad Song) तमाम तरह के मिजाज़ वाले गीत रफी साहब ने इतनी संजीदगी से गाऐं हैं कि सुनने वाला सिर्फ एक ही बात बोलता है “वाह”।
मोहम्मद रफी ने अपने फिल्मी कैरियर में कुल 7,405 गाने गाए। उन्होने कोंकणी, असमिज़, भोजपुरी, उड़ीया, पंजीबी, बंगाली, मराठी, सिंधी, कन्नड़, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मगाही और मैथिली आदि भारतीय भाषाओं के अलावा कुछ विदेशी भाषाओं में भी गीत गाए। विदेशी भाषाओं में अंग्रेज़ी, फारसी, अरबी, सिन्हैला, कोरियोले और डच भी शामिल है।
Mohammed Rafi Awards
संगीत सम्राट रफी साहब को देश विदेश में अलग अलग तरह के कई सौ अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है लेकिन यदि बात करें फिल्मफेयर की तो उन्हे 6 बार (1960, 1961, 1964, 1966, 1968, 1977) इस आवर्ड से सम्मानित किया गया और एक बार नेशनल फिल्म आवार्ड “क्या हुआ तेरा वादा” (1977) से भी सम्मानित किया गया।
YEAR | SONG (FILMFARE) | FILM | RESULT |
1960 | चौदहवीं का चांद हो | चौदहवीं का चांद | बेस्ट सिंगर |
1961 | तेरी प्यारी प्यारी सूरत को | ससुराल | बेस्ट सिंगर |
1964 | चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे | दोस्ती | बेस्ट सिंगर |
1966 | बहारों फूल बरसाओ | सूरज | बेस्ट सिंगर |
1968 | दिल के झरोंखे में तुझ को बिठा कर | ब्रह्मचारी | बेस्ट सिंगर |
1977 | क्या हुआ तेरा वादा | हम किसी से कम नहीं | बेस्ट सिंगर |
करोंड़ों लोगों को अपने मधुर नग्मों से झुमाने के बाद आज के ही दिन 31 जुलाई 1980 को मोहम्मद रफी साहब इस दुनिया को अलविदा कह गये लेकिन उनके गाए हजारों गीत, नग्में और उनकी आवाज़ हमेशा उनके चाहने वालोें के दिलों हमेशा बसी रहेगी।
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