जब आप किसी आतंकी, बालात्कारी या किसी अन्य जघन्य अपराधी को सजा मिलने की बात सोचते होंगे तो आप उनके लिए फांसी, अंग-भंग कर देने या अन्य सजाओं के बारे में सोचते होंगे क्योंकि हम इससे अधिक खतरनाक सजा (harsh punishment) की कल्पना भी नहीं सकते हैं।
अमूमन हमारे लिए साधारण मौत की सजा ही बहुत होती है. आज के समय में पब्लिक हैंगिंग की सजा भी कुछ ही देशों में दी जाती है ऐसी सजाओं को विकसित देशों द्वारा अमानवीय माना जाता है और ऐसे देशों की दुनियाभर में निंदा भी की जाती है.
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लेकिन अगर आज से कुछ सौ वर्ष पीछे जाएँ तो हमें पता चलता है कि उस समय कैसे अपराधियों को मौत कि सजा दी जाती थी। ऐसी सजा जिससे मौत की भी रूह कांप जाए. ऐसी सजा पा रहे अपराधी मौत के लिए तड़प जाते थे, लेकिन मौत नहीं आती थी.
हम आपको इतिहास की कुछ ऐसी क्रूर सजाओं (harsh punishment) के बारे बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आपके भी रोंगटे खडे हो जायेंगे
नाव में बांध कर कीड़ों से कटवाना
ये बेहद ही खौफनाक सजा (harsh punishment) थी जिसे सुनकर ही रूह कांप उठती है. ये सजा प्राचीन काल में ईरान में प्रचलित थी. इस सजा में आरोपी को पहले पेट भर शहद और दूध पिलाया जाता था जिससे उस व्यक्ति को लगातार दस्त होने लगते थे. फिर आरोपी के पूरे शरीर पर शहद और मीठी चीजें लपेट दी जाती थीं और उसे नाव में बांधकर जंगल के बीच नदी में छोड़ दिया जाता था.
पूरे शरीर पर शहद लिपटे होने की वजह से कई तरह के कीड़े और मधुमक्खियां आकर्षित होते थे, साथ ही उसे बार-बार दस्त भी होते थे जिससे और भी ज्यादा गंदे कीड़े आने लगते थे. ये कीड़े धीरे धीरे उस व्यक्ति को खाना शुरू कर देते और उस अपराधी को मौत आने में काफी दिन लग जाता थे. मौत आने तक आरोपी लम्बे समय तक तड़पता रहता था.
धातु के बैल में रोस्ट करके मौत देना
ये सजा पुराने समय में ग्रीस में दी जाती थी. इस सजा में आरोपी को धातु के बने हुए बैल में बन्द कर दिया जाता था और उस बैल का मुँह खुला रखा जाता था जिससे उस व्यक्ति को सांस मिलती रहे. धातु के बने हुए बैल के नीचे कोयले की आग जाला दी जाती थी, धातु का बैल गरम हो जाता था और उसके अंदर आरोपी तड़प-तड़प कर धीरे-धीरे पूरी तरह जल जाने पर ही मरता था. बिल्कुल रोस्टेड मोमोस की तरह इंसान को रोस्ट कर दिया जाता था.
भूखे चूहों से कटवाना
15वीं सदी में रोम में इस तरह की भयानक सजा आरोपियों को दी जाती थी. आरोपी को एक बक्से में बन्द कर दिया था जिसमें सैकड़ों भूखे चूहें भी रख दिए जाते थे. भूखे चूहे उस व्यक्ति को कुतर-कुतर कर खाता जाते थे. आरोपी को मौत आने में 5-6 दिन भी लग जाते थे और तब तक आरोपी मौत के लिए तड़पता रहता था.
Source : Wikipedia