दिल्ली के चांदनी चौक में करीब डेढ़ महीने पहले तोड़े गए हनुमान मंदिर को एक बार फिर से रातों-रात बना दिया गया है। बताया जा रहा है इसका निर्माण उत्तरी नगर निगम के मेयर जय प्रकाश और हनुमान भक्तों के द्वारा बनाया गया है।
राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में हनुमान मंदिर को लेकर कुछ दिन पहले ही बवाल मचा था और प्रशासन की मदद से अवैध बताकर हटा दिया गया था। अब उसी जगह पर रातों-रात मंदिर को तैयार कर दिया गया। मंदिर रातोंरात कैसे बना इसको लेकर लोग भी हैरान हैं कि इतने कम समय में मंदिर को कैसे बनाया गया।
रातों-रात तैयार किया गया मंदिर
बता दें कि यह हनुमान मंदिर चांदनी चौक के मेन रोड पर स्थित था जिसे कुछ समय पहले ही एमसीडी और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में यहां से हटाया गया था। जिसके बाद हनुमान जी की मूर्ति को एमसीडी के एक स्टोर में रख दिया गया था। अब उसी हनुमान जी की मूर्ति को स्टील के एक स्ट्रक्चर के अंदर रखकर मंदिर में स्थापित किया गया है।
भक्तों और नेताओं का लगा तांता
जिस मंदिर को लेकर कुछ दिन पहले सभी पार्टियों के नेता अपनी राजनीति चमकाने में लगे थे वहीं मंदिर बनने के बाद शुक्रवार को नेताओं का तांता लगने लगा, चाहे वो बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के, नेता मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे रहे हैं तो वहीं हनुमान भक्त भी बजरंगबली के दर्शन के लिए जा रहे हैं।
इस दौरान बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता मंदिर पहुंचे और दर्शन किए। आदेश गुप्ता ने मंदिर जाकर दिल्लीवासियों की आस्था का प्रतीक बताया और उन्होंने ट्वीट कर कहा.. केजरीवाल सरकार द्वारा मंदिर तोड़े जाने पर जन-जन की आस्था टूटी थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों की धार्मिक भावनाओं के संरक्षण के लिए तत्पर हैं।
केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि… मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील करता हूं कि वो चांदनी चौक में भव्य हनुमान मंदिर निर्माण में अपना सहयोग दें और हनुमान मंदिर जाकर अपनी गलती का पश्चाताप करें।
उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने भी ट्वीकर कर कहा कि मैं भी मंदिर में जाकर हनुमान जी के दर्शन के लिए जाऊंगा।
आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक ने कहा कि.. स्थानीय लोगों ने मंदिर बनवाया है। मैं वहां जाऊंगा और संकट मोचन प्रभू पवन सुत हनुमान जी की पूजा करूंगा और विश्व शांति के लिए प्रार्थना करूंगा।
मंदिर हटाए जाने को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी और बीजेपी भी इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने आ गए और राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गईं थी।