महिलाओं में शुगर के लक्षण | शुगर के इन संकेतों को ना करें नजरअंदाज

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दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि महिलाओं में शुगर के लक्षण क्या होते हैं। वैसे तो शुगर यानि डायबिटीज आम बीमारी है और अक्सर लोगों में पायी जाती है। बड़े, बूढ़े यहां तक कि बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा शुगर का शिकार महिलाएं हो रही हैं।

वहीं ये लाइफ स्टाईल से सम्बधित बीमारी कभी–कभी घातक भी बन जाती है तो आपकी सावधानी के लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं महिलाओं में शुगर के लक्षण और किन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डायबिटीज की शुरुआत में कई लक्षण दिखने लगते हैं जैसे बार-बार पेशाब आना, ज्यादा प्यास लगना आदि।

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Content: Mahilaon Me Sugar Ke Lakshan

महिलाओं में डायबिटीज के लक्षण – CDC के अनुसार उम्र के हिसाब से किसी भी स्वास्थ्य समस्या और अन्य कारकों के आधार पर ब्लड शुगर के लक्षणों में अंतर हो सकता है। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें और जानें कि आपकी स्थिति में कौन से लक्षण सही माने जाएंगे।

महिलाओं में शुगर के लक्षण (Diabetes Symptoms in Females)

महिलाओं में शुगर शुरू होने के कुछ लक्षण शुरुआत में नजर आने लगते हैं जिससे छोटी-मोटी शारीरिक समस्याओं से व्यक्ति परेशान होने लगता है, जैसे किडनी की समस्याएं, आंखों में दिक्कत, दिमाग, शरीर में झनझनाहट, घुटने दर्द, चिड़चिडापन, यूरिया का बढ़ना और भी कई तरह की समस्याऐं शुरु हो जाती हैं।

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शुरुआत में तो ये सामान्य लगती हैं लेकिन जैसा कि हमने पहले आपको बताया कि इन छोटी-छोटी शारीरिक समस्याओं को नजरअंदाज करने से ये कब घातक हो जाएंगी पता नहीं लगता। तो आइये जानते हैं महिलाओं में शुगर के लक्षण जिससे आप डायबिटीज को पहचानने में देरी न करें और तुरन्त अपने डॉक्टर की सलाह लें।

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन

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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी UTI महिलाओं में होने वाला एक सामान्य रोग है। यह इंफेक्शन बैक्टीरिया, फंगस और वायरस से होने वाला एक इंफेक्शन है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन गर्भाशय, किडनी, ब्लैडर या मूत्रमार्ग कहीं भी हो सकता है। जो कि डायबिटीज का भी संकेत हो सकता है। तो अगर आप इस समस्या से परेशान हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

वज़ाइना में दर्द

योनि मार्ग में दर्द भी महिलाओं में शुगर का लक्षण हो सकता है। इसमें कई बार वज़ाइना में जलन की समस्या होती है। इसके अलावा सेक्स के दौरान वज़ाइना में दर्द होना भी इसका लक्षण माना जाता है तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

वज़ाइना में खुजली

महिलाओं को कई बार वज़ाइना में खुजली होती है। कई बार यह और भी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हो सकता है लेकिन कई मामलों में पाया गया है कि महिलाओं को डायबिटीज होने पर उनके वज़ाइना में खुजली होती है। इसलिए अगर आपको लगातार वज़ाइना में खुजली होती है तो अपना ब्लड शुगर लेवल चेक अवश्य करवाएं। इसके अलावा वज़ाइना में सूखापन भी महिलाओं में डायबिटीज का एक लक्षण हो सकता है।

वज़ाइना से व्हाइट और येलो डिस्चार्ज होना

महिलाओं में अक्सर डिस्चार्ज की समस्या देखी जाती है जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है लेकिन वज़ाइना से व्हाइट और येलो डिस्चार्ज होना भी महिलाओं में शुगर का लक्षण हो सकता है, अगर आपको ऐसा कुछ बदलाव नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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मुंह में सफेद घाव होना

कुछ महिलाओं के मुंह में बार-बार सफेद घाव बनते हैं। ये भी महिलाओं में डायबिटीज का एक लक्षण हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज होने पर मुंह से कभी-कभी डिस्चार्ज भी होता है। ऐसा लक्षण दिखने पर बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।

मूड स्विंग भी हो सकता है डायबिटीज का लक्षण

ज्यादातर महिलाएं अपने मूड स्विंग से परेशान रहती हैं। जो कई कारणों से होता है जिनमें से एक डायबिटीज है। डायबिटीज होने पर भी महिलाओं में मूड स्विंग जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।

गर्भावधि में शुगर के लक्षण

गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्त शर्करा के आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते इसमें सामान्य से थोड़ी ज्यादा प्यास लगती है या अधिक बार पेशाब जाना पड़ सकता है।

त्वचा में डार्क स्पॉट

डायबिटीज की शुरूआत में त्वचा पर डॉर्क स्पॉट नजर आने लगते हैं जैसे गर्दन के पिछले भाग, घुटनों, कोहनियों, हथेली के पीछे आदि पर डार्क पैचेस बढ़ते हैं। शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने पर त्वचा पर इस तरह के लक्षण दिखने लगते हैं तो ये भी महिलाओं में शुगर के लक्षण में से एक है।

शरीर का वजन अनियंत्रित होना

डायबिटीज या शुगर के शुरुआती लक्षण में अचानक से व्यक्ति का वजन घटने लगता है या फिर तेजी से बढ़ने लगता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि शुगर का पहला लक्षण ही वजन का अचानक घटना-बढ़ना है। इसलिए समय-समय पर शरीर का वजन जांचते रहना चाहिए। अगर वजन में ज्यादा फर्क दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

ज्यादा भूख लगना

शुगर के शुरुआती लक्षण में भूख ज्यादा लगने लगती है यहां तक कि खाना खाने के तुरन्त बाद फिर खाने की इच्छा होने लगती है तो यदि आपको भूख से सम्बन्धित समस्याऐं होना शुरू हो जाएं तो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें।

बार – बार पेशाब लगना

शुगर की शुरूआत में व्यक्ति के शरीर में यूरिन की मात्रा 6 प्रतिशत से बढ़कर 11 प्रतिशत हो जाती है। बढ़ा हुआ यूरिन, डायबिटीज होने के मुख्य लक्षणों में से एक है। इस दौरान बार-बार पेशाब लगती है। इसलिए पेशाब की समस्या होने पर यूरिन टेस्ट कराएं और इसके बढ़ने पर तुरन्त उपचार करवाएं क्योंकि यूरिन किडनी को सीधा एफेक्ट करता है और किडनी शरीर का मुख्य अंग है जो फिल्टर का काम करता है इसलिए यूरिन का बढ़ना हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह है।

प्यास ज्यादा लगाना

वैसे तो प्यास लगना आम बात है लेकिन डायबिटीज के शुरूआती लक्षण में भी व्यक्ति को ज्यादा प्यास लगती है। इसका कारण शरीर में यूरिन बढ़ना है जिससे बार-बार पेशाब आता है और हर 1-3 घण्टे के अन्तराल में बाथरूम जाना पड़ता है।

शरीर में झुनझुनहाट महसूस होना

शुगर के शुरुआती लक्षण में व्यक्ति को शरीर के अंगों हाथों, कन्धे, जोडों, गर्दन में झुनझुनहाट महसूस होने लगती है और इस तरह के शरीरिक लक्षण डायबिटीज के संकेतों में से एक हैं। ऐसे में तुरन्त डॉक्टर से सलाह लें।

फोड़े – फुंसी भी शुगर के लक्षण

शुगर लेवल के बढ़ने पर अक्सर फोड़े फुंसी की समस्या शुरू हो जाती है या फिर शरीर पर चोट लगने, कटने पर लगा घाव काफी समय तक भरता नहीं है।

शुगर से आंखों में समस्या

शुगर के शुरुआती लक्षणों में आंखों का कमजोर होना, धुंधलापन होना, दूर की नजर साफ नहीं होना, अचानक आंखों के सामने अन्धेरा होने जैसी समस्याऐं होने लगती है।

कान में समस्या होना

शुगर के शुरुआत में कान में भी कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं जिससे व्यक्ति के कानों के सेल्स डैमेज हो जाते हैं, कानों के अन्दर झनझन की आवाज महसूस होने लगती है, कभी कभी कूक की आवाज़ निरंतर सुनाई देती है जोकि डायबिटीज के लक्षण हैं।

घाव का जल्दी ठीक न होना

शुगर के शुरूआती लक्षण में शरीर में लगी चोट या घाव जल्दी ठीक नहीं होते जिसको ठीक होने में काफी समय लगता है।

रोग ग्रस्त होना

शुगर के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने पर शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन हो जाती हैं जो किडनी, फेफड़े, गैस, पाचन को नुकसान करती है। इसलिए इनको नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर की सलाह लें।

डायबिटीज क्या है? (What is Diabetes)

हमारे शरीर के अग्न्याशय में इंसुलिन का स्त्राव कम होने के कारण जब खून में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है तो वो स्थिति डायबिटीज कहलाती है। वो हॉर्मोन जो पाचक ग्रन्थि द्वारा बनता है और इसकी जरूरत भोजन को एनर्जी में बदलने में होती है।

इसके बिना हमारा शरीर शुगर की मात्रा को कंट्रोल नहीं कर पाता और फिर हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा लेने में कठिनाई होती है। इसके कारण ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर हमारे रक्त में बना रहता है जो धीर – धीरे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है जिसमें मस्तिष्क, आंखें, हृदय, धमनियां और गुर्दे प्रमुख हैं।

डायबिटीज के प्रकार (Types of Diabetes in Hindi)

डायबिटीज मुख्यत: दो प्रकार की होती है जिसे डायबिटीज टाइप 1 और डायबिटीज टाइप 2 कहते हैं। तो आइये जानते हैं इन दोनों टाइप की डायबिटीज के बारे में।

डायबिटीज टाइप 1

टाइप 1 डायबिटीज ज्यादातर छोटे बच्चों या 20 साल से कम उम्र के लोगों को हो सकती है। जब हमारा अग्न्याशय इंसुलिन नहीं बना पाता तब इस डायबिटीज की शुरुआत होती है। इसमें रोगी को अपने खून में ग्लूकोज का लेवल नॉर्मल बनाए रखने के लिए समय-समय पर इंसुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है।

डायबिटीज टाइप 2

टाइप 2 डायबिटीज में शरीर के अन्दर इन्सुलिन तो बनता है लेकिन वह शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होता है। सबसे ज्यादा लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं। इसका कारण अनुवांशिक भी हो सकता है या फिर मोटापा भी इसका कारण हो सकता है।

ब्लड शुगर का सामान्य स्तर कितना होता है?

Centers for Disease Control and Prevention के अनुसार

  • खाली पेट शुगर लेवल (Fasting) 100 या 100 mg/dL से कम होना चाहिए।
  • ब्रेकफास्ट के 1.5 घंटे बाद ब्लड शुगर 140 mg/dL से कम होना चाहिए
  • भोजन करने के दो घंटे बाद ब्लड शुगर 180 mg/dL से कम होना चाहिए
  • बीते तीन महीनों में ब्लड शुगर लेवल का A1C लेवल – स्वस्थ व्यक्ति में 5.7 प्रतिशत से कम और डायबिटीज मरीज में 180 mg/dl से कम होना चाहिए।

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण

आइये अब बात करते हैं टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण की।

वजन घटना

अगर आपका शरीर आपके भोजन से ऊर्जा प्राप्त नहीं कर पाता है तो वह ऊर्जा के लिए मांसपेशियों और वसा को जलाने लगता है।

मतली और उल्टी लगना

जब शरीर वसा जलाने का सहारा लेता है, तो वह कीटोन्स बनाता है। ये आपके रक्त में खतरनाक स्तर तक जमा कर सकते हैं, ये एक संभावित जीवन-धमकी वाली स्थिति जिसे डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis) कहा जाता है। केटोन्स पेट से संबंधित समस्याएं दे सकते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण

टाइप 1 डायबिटीज के लक्षणों के बाद अब जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों के बारे में। टाइप 2 शुगर की जटिलताओं के लक्षण निम्न हो सकते हैं: 

  • जल्दी ठीक ना होने वाले चोट या घाव
  • त्वचा में खुजली (ज्यादातर योनि या कमर के आसपास)
  • बार-बार यीस्ट इन्फेक्शन होना
  • वजन बढ़ना
  • गर्दन, बगल और कमर की त्वचा में बदलाव, जिसे एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स कहते हैं
  • हाथ-पैर का सुन्न होना या फिर झुनझुनी होना
  • दृष्टि में कमी होना
  • नपुंसकता या स्तंभन दोष

हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia)

हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड प्रेशर तब होता है जब आपके रक्त में शर्करा या ग्लूकोज का स्तर शरीर को ईंधन देने के लिए बहुत कम हो जाता है। इस दौरान आप ऐसा महसूस कर सकते हैं:

  • अस्थिर
  • नर्वस
  • पसीना मिर्च, या चिपचिपा लगना
  • कर्कश या अधीर
  • अस्पष्ट
  • चक्कर आना
  • भूखा
  • निद्रालु
  • कमज़ोर
  • होठों, जीभ, या गालों में झुनझुनी या सून्नपन लगना
  • तेजी से दिल धड़कना
  • त्वचा में पीलापन
  • धुंधली दृष्टि
  • सिरदर्द
  • समन्वय की समस्या
  • बरामदगी (मस्तिष्क के विद्युत संकेतों में बदलाव के दौरे को कहा जाता है)

हाइपरग्लेसेमिया (Hyperglycemia)

हाइपरग्लेसेमिया या हाई ब्लड शुगर, ऊपर सूचीबद्ध डायबिटीज की कई चेतावनी संकेतों का कारण बनता है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • ज्यादा प्यास
  • धुंधली नज़र
  • ज्यादा पेशाब लगना
  • भूख ज्यादा लगना
  • सून्नपन या झुनझुनी
  • थकान लगना
  • मूत्र में चीनी
  • वजन का घटना
  • संक्रमण
  • घाव का जल्दी ना भरना

डायबिटीज़ कोमा

डायबिटीज कोमा का आधिकारिक नाम Hyperglycemic Hyperosmolar Nonketotic Syndrome (HHNS) है। ये गंभीर जटिलता शुगर कोमा का कारण बन सकती है और किसी भी प्रकार के शुगर से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है, हालांकि यह टाइप 2 में ज्यादा आम है। हालांकि कि ऐसा तब होता है जब रक्त शर्करा बहुत ज्यादा हो जाता है और शरीर गंभीर रूप से निर्जलित हो जाता है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:

  • रक्त शर्करा 600 मिलीग्राम / डीएल से ज्यादा
  • सूखा मुँह
  • ज्यादा प्यास
  • गर्म, शुष्क त्वचा
  • तेज बुखार
  • तंद्रा या भ्रम
  • देखने में तकलीफ होना
  • दु: स्वप्न
  • शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस करना

डायबिटीज़ के इलाज के घरेलू नुस्खे

डायबिटीज़ ही नहीं यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी रोग से पीड़ित हो तो उसे किसी अनुभवी चिकि​त्सक से ही सम्पर्क करना चाहिए लेकिन फिर भी हमारे आयूर्वेद के द्वारा या घरेलू नुस्खों द्वारा भी कुछ बिमारियों में हमें लाभ हो सकता है। हमारी राय है कि आप किसी गंभीर बीमारी में घरेलू नुस्खों पर ज्यादा विश्वास न करें। यदि आपको आपको मधुमेह के लक्षण महसूस हो रहे हैं या डायबिटीज है तो आपको किसी स्पेशलिस्ट चिकित्सक से ही मिलना चाहिए।

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आम की पत्तियों और पानी से डायबिटीज़ का इलाज

आम की 15 ताजा पत्तियों को लें और उसको 1 गिलास पानी में उबाल लें। फिर उन पत्तियों को सुखा लें और रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह इस पानी को छानकर पी लें, यह शुगर के लिए एक प्रभावी घरेलू नुस्खा है। किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने के साथ साथ शुगर लेवल की जांच अवश्य ही करते रहें।

करेले और आंवले का जूस डायबिटीज़ में बेहतर

एक बड़े चम्मच आंवले के जूस को एक कप करेले के जूस में मिलाकर 2 महीने तक रोज पिएं। इससे रक्त और यूरीन में शुगर की मात्रा कम होती है। करेले की सब्जी़ खाने से भी डायबिटीज़ के मरीज़ों को काफी आराम मिलता है लेकिन करेले का बीज निकालकर ही इसका उपयोग करें। वैस करेले और आंवले का जूस आपको करीबी बाज़ार में आसानी से मिल जाऐगा।

नीम-तुलसी की पत्तियों से डायबिटीज़ का इलाज

नीम, तुलसी और बेलपत्र की 10 पत्तियों को लें और उसका पेस्ट बना लें और उन्हें पानी में मिलाकर रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से शुगर का लेवल कम होता है।

शुगर के मरीज़ों के लिए सोयाबीन है सर्वश्रेष्ठ

शुगर के मरीज़ों के लिए सोयाबीन सर्वोत्तम आहार माना जाता है। सोयाबीन में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है।

जामुन से शुगर का इलाज

आम और जामुन को सामान अनुपात में लें और दिन में इसे कम से कम 3 बार लें। इससे रक्त में शुगर की मात्रा कम होती है।

प्याज़ से घटेगा है शुगर लेवल

प्याज़ खाना भी डायबिटीज़ के मरीज़ के लिए अच्छा माना जाता है।

लहसुन से डायबिटीज़ नियंत्रण

लहसुन डायबिटीज़ के लिए एक प्राकृतिक उपचार है। इसके उपयोग से शरीर में मौजूद कॉलेस्ट्रॉल का विघटन होता है।

आमलकी-हल्दी से डायबिटीज़ कंट्रोल

आमलकी और हल्दी डायबिटीज़ की रोकथाम के लिए प्रभावी माने जाते हैं। हल्दी में प्राकृतिक रूप से शरीर के हर भाग को साफ करने की क्षमता होती है।

दालचीनी से होगी शुगर कम

खाने में दालचीनी का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ का इलाज किया जा सकता है और इससे भूख में भी बढ़ोत्तरी होती है।

करी के पत्तों से डायबिटीज़ की रोकथाम

सुबह-सुबह पानी के साथ 10 करी पत्तियां खाने से डायबिटीज़ कंट्रोल कर सकते हैं। 3 महीने तक रोज इसका सेवन करने से डायबिटीज़ में आराम मिलता है।

नोट: जैसा कि हमने उपर भी बताया कि घरेलू नुस्खे ज्याद कारगर नहीं होते इसलिए आपको किसी अनुभवी चिकित्सक से ही सम्पर्क करना चाहिए।

ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के अन्य उपाय

  • पूरी तरह कार्ब्स लेना बंद ना करें।
  • अधिक पानी पिएं।
  • एक्सरसाइज या फिर फिजिकल एक्टिविटी करें।
  • फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें।

सब्जियों से भी कर सकते हैं शुगर लेवल को कंट्रोल

बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए एक्सपर्ट डाइट में कुछ ऐसे बदलाव करने का सुझाव देते हैं जिससे ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें खाने से ब्लड शुगर के स्तर पर काफी प्रभाव पड़ता है क्योंकि कार्बोहाइड्रेट, ग्लूकोज में टूटते हैं और रक्तप्रवाह में एब्जोर्व हो जाते हैं जिससे कारण डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाता है, इसलिए शुगर के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों का सेवन कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है।

आइए जानते हैं उन सब्जियों के बारे में जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद मानी जाती हैं।

ब्रोकली

इसमें फाइबर, विटामिन A, विटामिन C और विटामिन K पाए जाते हैं. ब्रोकली का जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) भी सिर्फ 10 है।

टमाटर

इसमें क्रोमियम पाया जाता है जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में करने में मदद करता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए टमाटर बेहद फायदेमंद माना जाता है।

फ्रोजन मटर

इसमें पोटेशियम, आयरन और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है इसलिए ऐसा माना जाता है कि फ्रोजन मटर का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

गाजर

कच्चे गाजर का जीआई 14 होता है जो कि बहुत कम है लेकिन उबालाने पर ये बढ़कर 41 हो सकता है। इसमें स्टार्च की मात्रा काफी कम होती है इसलिए गाजर को डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है।

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शकरकंद

शकरकंद में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर आदि होते हैं, इसलिए ऐसा माना जाता है कि शकरकंद खाने से भी ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं।

इन सब्जियों के अलावा शतावरी, फूलगोभी, हरी बीन्स, आर्टिचोक, लेट्यूस, बैंगन, मिर्च, मैंगो टाउट, पालक, अजवाइन को भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

आपको हमारा जानकारी से भरपूर आर्टिकल महिलाओं में शुगर के लक्षण कैसा लगा। कृपया हमें कमेंट करके अवश्य बताऐं।

Source : Google and Wikipedia

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