Zoho के सीईओ ने छोड़ा पद, अब बनेंगे मुख्य वैज्ञानिक – जानें उनके नए मिशन के बारे में!

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नई दिल्ली, सॉफ्टवेयर कंपनी Zoho कॉरपोरेशन के संस्थापक और सीईओ श्रीधर वेम्बू ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपनी भूमिका से हटकर कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक (Chief Scientist) के रूप में काम करने का निर्णय लिया है। यह कदम कंपनी के भविष्य और श्रीधर वेम्बू के व्यक्तिगत मिशन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

नई दिशा में कदम बढ़ाते हुए अनुसंधान और विकास पर ध्यान

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श्रीधर वेम्बू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस निर्णय का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि अब वह कंपनी के अनुसंधान और विकास (R&D) प्रयासों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करेंगे। वेम्बू ने कहा कि हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में जो प्रमुख बदलाव हुए हैं, उन्हें देखते हुए यह फैसला लेना जरूरी हो गया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने ग्रामीण विकास मिशन पर भी काम करने का निर्णय लिया है।

Zoho की नई नेतृत्व संरचना

श्रीधर वेम्बू ने इस फैसले के साथ Zoho की नई नेतृत्व संरचना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि कंपनी के सह-संस्थापक शैलेश कुमार डेवी अब समूह के नए सीईओ के रूप में कार्य करेंगे। इसके अलावा, टोनी थॉमस ज़ोहो यूएस का नेतृत्व करेंगे, राजेश गणेशन मैनेजइंजन डिवीजन का नेतृत्व करेंगे, और मणि वेम्बू Zoho डॉट कॉम डिवीजन के प्रमुख होंगे। इस बदलाव से कंपनी में नेतृत्व के स्तर पर एक नई दिशा आएगी।

श्रीधर वेम्बू का करियर और Zoho की यात्रा

श्रीधर वेम्बू का पेशेवर करियर काफी प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वायरलेस इंजीनियर के रूप में क्वालकॉम के साथ की थी। इसके बाद, 1996 में उन्होंने एडवेंटनेट नामक एक सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट हाउस की स्थापना की, जो बाद में 2009 में ज़ोहो कॉरपोरेशन के नाम से प्रसिद्ध हुआ। ज़ोहो ने अपने आरंभिक वर्षों में ग्राहक संबंध प्रबंधन (CRM) सॉफ़्टवेयर सेवाएं प्रदान कीं और बाद में सॉफ़्टवेयर-एज़-ए-सर्विस (SaaS) में भी कदम रखा।

ग्रामीण विकास मिशन और ज़ोहो का भविष्य

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श्रीधर वेम्बू ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी कहा कि कंपनी का भविष्य पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने अनुसंधान और विकास (R&D) प्रयासों को कितनी सफलता से नेविगेट करते हैं। वे इस नई जिम्मेदारी को लेकर बेहद उत्साहित हैं और इसे लेकर अपने जोश और ऊर्जा का इंतजार कर रहे हैं।

इस फैसले से यह साफ है कि वेम्बू का ध्यान अब केवल Zoho की व्यावसायिक सफलता पर नहीं, बल्कि इसके सामाजिक और तकनीकी पहलुओं पर भी रहेगा। पिछले साल आई खबरों के अनुसार, ज़ोहो चिप बनाने की योजना बना रहा था और इसके लिए उसने सरकार से प्रोत्साहन भी मांगा था। इस निर्णय से यह संभावना भी जताई जा रही है कि ज़ोहो अब अपने तकनीकी विकास के क्षेत्र में और अधिक विस्तार करेगा।

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