अमेरिका में शिकागो शहर के नॉर्थ वेस्टर्न हॉस्पिटल की डॉक्टरों की टीम ने, एक 20 साल की कोरोना संक्रमित के दोनों फेफड़ों का ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपण) करने का दावा किया है। मरीज को कोरोना का गंभीर संक्रमण था और वो पिछले 6 हफ्तों से वेंटीलेटर के सहारे जी रही थी।
मरीज़ के दोनों फेफड़े संक्रमण से इतना ज्यादा खराब हो गऐ थे कि उन्हे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता था। इसलिए उसे बचाने के लिए ऑपरेशन जरूरी था।
भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भारत ने ये सफल ऑपरेशन किया है उन्होने बताया कि “ये बहुत ही मुश्किल ट्रांसप्लांट था जो मैने किया ये सच में चुनौती भरा केस था।“
अस्पताल ने दावा किया है कि ये पहला मामला है जिसमें इस तरह की सफल सर्जरी करके किसी मरीज की जान सुरक्षित की है। ये सर्जरी उन मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है जिनके फेफड़ों को कोरोना वायरस ने अत्याधिक नुकसान पहुंचाया है।
फेफड़ों का अत्याधिक खराब होना था सर्जरी की वजह
संक्रमित मरीज की स्थिति ICU में सबसे ज्यादा गंभीर थी। हॉस्पिटल के केपल्मनरी स्पेशलिस्ट डॉ. बेथ मालसिन ने बताया कि “उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी। उसके बचने की उम्मीद बहुत कम थी। जून की शुरुआत में उसके फेफड़े बहुत ज्यादा खराब होने लगे थे। उनमें कोई सुधार नहीं आ रहा था। वायरस के कारण उनमें इतना नुकसान हो चुका था कि दोबारा से ठीक होना संभव नहीं था। इस पर डॉक्टरों ने उसके फेफड़े ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया।”
कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने के 48 घंटों बाद किया गया ट्रांसप्लांट
डॉ. बेथ मालसिन के अनुसार वे मरीज में दिन-रात ये चैक करते थे कि मरीज़ के फेफड़ों और दूसरे अंगों तक सही तरह से ऑक्सीजन पहुंच रही है या नहीं ताकि सर्जरी के वक्त किसी तरह का जोखिम पैदा न हो। उन्होने कहा कि “जैसे ही उसकी मरीज़ की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई, हमने तुरंत ट्रांसप्लांट की तैयारी शुरू कर दी और 48 घंटे बाद ऑपरेशन से फेफड़ों को ट्रांसप्लांट कर दिया जोकि सफल रहा।”
आपको बता दें कि ये विश्व में पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आस्ट्रिया में 26 मई को एक 45 साल की महिला के फेफड़े ट्रांसप्लांट किये गऐ थे। वो भी कोरोनावायरस की मरीज रहीं थी।
इसी तरह चीन ने भी 29 फरवरी को double lung transplant सर्जरी की थी।