दिल्ली में कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन और उससे पहले से लंबित चले आ रहे चालानों के निस्तारण के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा। लोक अदालतों पर लोगों के चालानों का भुगतान किया जाएगा और निस्तारण भी किया जाएगा।
चालानों के निस्तारण के लिए दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने यातायात के लिए विशेष रूप से 14 फरवरी को प्राधिकरण के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में लोक अदालतें लगाने की तैयारी शुरू की है।
इन लोक अदालतों का आयोजन दिल्ली के सभी डिस्ट्रक्ट कोर्ट परिसर और चुनिंदा कम्युनिटी सेंटरों पर किया जाएगा। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी नियमों का पालन भी किया जाएगा।
अगर आपका चालान कटा है तो आप भी इन लोक अदालतों में पहुंचकर अपने चालान का भुगतान और निस्तारण करवा सकते हैं। इन सेंटरों पर सभी लोगों को हिदायत दी गई है कि सभी लोग मास्क पहनकर आएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
कहां-कहां होगा लोक अदालतों का आयोजन
दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसिज़ अथॉरिटी के अनुसार लोक अदालतों का आयोजन डिस्ट्रक्ट कोर्ट परिसर में किया जाएगा जिनमें तीस हजारी कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, साकेत कोर्ट, रोहिणी कोर्ट और द्वारका कोर्ट परिसर शामिल है जिनमें आयोजन किया जाएगा।
लोक अदालतों के विरोध में बार एसोसिएशन
इन लोक अदालतों का दिल्ली की जिला अदालत बार एसोसिएशन की समिति विरोध कर रही है। वहीं समिति की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रमुख को लेटर लिखकर लोक अदालतों का विरोध किया है।
बार एसोसिएशन समिति ने क्या कहा
बार एसोसिएशन समिति का कहना है कि “कोराना महामारी के कारण हम पहले से ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और लगातार आदालतों को पूरी तरह खोलने की मांग कर रहे हैं। अगर इस तरह लोक अदालतें लगने लगी तो हमारे लिए और भी मुश्किल खड़ी हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा.. हम पहले ही अदालतों को खोलने की मांग कर रहे हैं ताकि हमें अपनी रोजी-रोटी चलाने का अवसर मिले“
दिल्ली की जिला अदालत बार एसोसिएशन ने पत्र में कहा.. लोक अदालत लगाने को लेकर हमें बताया नहीं गया और ना ही मीडिया को किसी तरह की जानकारी दी गई। इस बार घर-घर लोक अदालतों की अवधारणा पर लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। वहीं साकेत बार एसोसिएशन ने भी इस आदेश को तत्काल वापस लेने के लिए गुहार लगाई है।