नई दिल्ली, Prithvi Shaw का नाम पहली बार तब चर्चा में आया जब उन्होंने हैरिस शील्ड जैसे स्कूल टूर्नामेंट्स में रिकॉर्डतोड़ पारियां खेलीं। महज 14 साल की उम्र में उन्होंने 546 रन की पारी खेलकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद रणजी ट्रॉफी में उन्होंने मुंबई के लिए डेब्यू पर शतक जड़ा और फिर तो मानो हर कोई उन्हें “नेक्स्ट सचिन तेंदुलकर” कहने लगा।
2018: सफलता की ऊँचाइयों पर
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2018 में Prithvi Shaw ने भारत की अंडर-19 टीम की कप्तानी करते हुए वर्ल्ड कप जीत लिया। इसके कुछ महीनों बाद ही उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और शतक भी लगाया। उस वक्त ऐसा लगा कि भारत को अगला बड़ा बल्लेबाज़ मिल गया है। क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदें सातवें आसमान पर थीं।
शुभमन, अर्शदीप, पराग आगे निकले… Prithvi Shaw पीछे रह गए
उसी वर्ल्ड कप टीम में शुभमन गिल, अर्शदीप सिंह और रियान पराग जैसे खिलाड़ी भी थे। आज शुभमन गिल भारतीय टीम के उप-कप्तान हैं, अर्शदीप भारत के प्रमुख टी20 गेंदबाज़ हैं, और पराग IPL 2025 में राजस्थान रॉयल्स के कप्तान भी बन चुके हैं। लेकिन पृथ्वी शॉ कहीं नजर नहीं आ रहे।
यह सवाल अब हर किसी के ज़हन में है – Prithvi Shaw आखिर गए कहां?
गिरावट की वजह: फिटनेस और अनुशासन पर सवाल
क्रिकेट एनालिस्ट तनय तिवारी ने एक पॉडकास्ट में बताया कि Prithvi Shaw के गिरते करियर का मुख्य कारण उनकी फिटनेस और प्रोफेशनल एटिट्यूड में कमी हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि टीम के कैंप्स के दौरान ऐसी खबरें आईं कि Prithvi Shaw फील्डिंग प्रैक्टिस में हिस्सा नहीं ले रहे थे और टीम की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे थे।
स्किल्स तो अब भी मौजूद हैं, लेकिन शारीरिक और मानसिक अनुशासन की कमी उन्हें पीछे खींच रही है।
विनोद कांबली जैसी राह पर?
कई लोग Prithvi Shaw की तुलना अब पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली से करने लगे हैं। कांबली और तेंदुलकर ने एक साथ करियर की शुरुआत की थी, लेकिन कांबली जल्दी ही रडार से गायब हो गए। पृथ्वी के साथ भी कुछ वैसा ही हो रहा है। पर एक बात अलग है – Prithvi Shaw अभी सिर्फ 25 साल के हैं, और उनके पास वापसी करने का पूरा मौका है।
उम्मीद अब भी बाकी है
तनय तिवारी ने अपने पॉडकास्ट में कहा, “भगवान ने उसे बहुत टैलेंट दिया है, और उसने उसे सालों तक तराशा है। अब बस उसे फिर से वही आग, वही मेहनत और अनुशासन दिखाने की ज़रूरत है।”
शायद Prithvi Shaw का अगला कदम ही उनके पूरे करियर की दिशा तय करेगा। फैंस अब भी इंतज़ार में हैं कि वो फिर से उसी जोश के साथ मैदान पर उतरें, जैसा 2018 में किया था।