Petrol Price: क्या सरकार की नई उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर होगा असर?

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Petrol Price: नई दिल्ली, भारत सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2-2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 8 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। हालांकि, इस बढ़ोतरी का सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा क्योंकि खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। इसका कारण है कि अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट के चलते खुदरा कीमतों में कटौती की जाएगी, जो इस बढ़ोतरी को समायोजित कर सकेगी।

अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट का असर

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भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है, और हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आई है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव के कारण तेल की मांग में कमी आई है, जिससे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। ब्रेंट क्रूड वायदा 63.15 डॉलर प्रति बैरल और यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड वायदा 59.57 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं, जो अप्रैल 2021 के बाद से सबसे निचले स्तर पर हैं।

पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें स्थिर रहेंगी

सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है, लेकिन पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके पीछे कारण यह है कि अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट के कारण खुदरा कीमतों में पहले ही कमी हो चुकी है, जिससे उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी का असर नहीं होगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने सूचित किया है कि कीमतें स्थिर रहेंगी।

केंद्र सरकार का इतिहास और तेल कीमतों में बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट के दौरान उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। 2014 से 2016 के बीच जब वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट आई थी, तब सरकार ने कई बार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था। इन बढ़ोतरीयों से सरकार को आय का अच्छा स्रोत मिला, और इसके बाद सरकार ने कई बार उत्पाद शुल्क में कमी भी की।

कैसे उत्पाद शुल्क का असर पड़ा है?

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पिछले कुछ वर्षों में, अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में उछाल के बाद, सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया, जिससे इनकी खुदरा कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। उदाहरण के लिए, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थी। हालांकि, सरकार ने इसके बाद इन वृद्धि को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में कमी की।

आखिरकार क्या है उपभोक्ताओं पर असर?

इस नई उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी का सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, यह बढ़ोतरी सरकार के लिए एक अतिरिक्त राजस्व का स्रोत बनेगी, जिससे वह अन्य विकास कार्यों के लिए फंड जुटा सकेगी।

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