Pigmentation Meaning in Hindi | झाईयां किस विटामिन की कमी से होती है?

0

आज के समय में हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है और खूबसूरत होने के साथ–साथ सभी की तमन्ना होती है कि उसकी त्वचा हमेशा चमकती और दमकती रहे लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है। लोगों में अक्सर त्वचा संबंधी समस्याएं देखने को मिलती रहती हैं। इन्हीं समस्याओं में से ही एक समस्या पिगमेंटेशन (Pigmentation) की है। जी हां पिगमेंटेशन लेकिन सबसे पहले आपको बताऐंगे Pigmentation Meaning in Hindi.

Content: Pigmentation Meaning in Hindi

Sponsored Ad

दोस्तों, पिगमेंटेशन त्वचा की खूबसूरती पर नजर लगा देता है जिसके बारे में जानना बहुत जरूरी है। तो इस आर्टिकल में हम आपको पिगमेंटेशन से जुड़ी सभी जानकारीयां देने जा रहे हैं जिसमें हम आपको बताएंगे कि पिगमेंटेशन क्या है (What is pigmentation) और Skin Pigmentation कितने प्रकार का होता है, ये क्यों होता है और किस तरह से इसका इलाज (How to Treat Pigmentation) किया जा सकता है?

Pigmentation Meaning in Hindi (पिगमेंटेशन क्या है?)

पिगमेंटेशन (Pigmentation) को हिंदी में रंजकता कहते हैं। चेहरे की त्वचा पर कहीं-कहीं पड़ने वाले काले धब्बों और त्वचा का रंग डार्क होने को पिंगमेंटेशन कहते हैं। पिंगमेंटेशन को Hyperpigmentation भी कहा जाता है और आमतौर पर लोग इसे चेहरे की झाईयां भी कहते हैं। किसी-किसी के चेहरे पर इसके निशान छोटे होते हैं तो किसी–किसी के चेहरे पर ये काफी जगह पर हो जाते हैं।

पिंगमेंटेशन को हानिकारक नहीं कहा जा सकता है क्योंकि ये किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं लेकिन कुछ मामलों में यह मेडिकल समस्या के लक्षण भी हो सकते हैं परन्तु हाँ पिंगमेंटेशन चेहरे पर बुरे दिखाई देते हैं और त्वचा अस्वस्थ दिखाई पड़ती है।

Sponsored Ad

Sponsored Ad

पिगमेंटेशन के प्रकार (Types of Pigmentation)

पिगमेंटेशन 2 टाइप का होता है। पहला हाइपोपिगमेंटेशन (Hypopigmentation) और दूसरा हाइपर पिगमेंटेशन (Hyperpigmentation). हाइपर पिगमेंटेशन त्वचा की एक सामान्य समस्या है। Hyperpigmentation में त्वचा के एक हिस्से का रंग बाकी हिस्से से ज्यादा डार्क हो जाता है। इसके अलावा त्वचा पर धब्बे भी पड़ जाते हैं।

gadget uncle desktop ad

आमतौर पर इसका होना सामान्य माना जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण त्वचा में मेलानिन का स्तर बढ़ जाना माना जाता है। आईये अब आपको पिगमेंटशन के सभी प्रकार विस्तार से बताते हैं।

1. मेलेसमा पिगमेंटशन (Melasma)

यह समस्या ज्यादातर व्यस्कों में देखने को मिलती है। इसमें चेहरे के दोनों ओर भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं। मेलेसमा के निशान सबसे ज्यादा चेहरे पर दिखाई देते हैं जिसमें गाल, नाक, माथा और ऊपरी होंठ शामिल हैं। यह समस्या महिलाओं में सबसे अधिक दिखाई देती है। वहीं अगर पुरुषों की बात करें तो उनकी संख्या केवल दस फीसदी होती है।

यह समस्या सबसे अधिक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में देखी जाती है। वहीं सूर्य की रोशनी में अधिक समय बिताने से उनकी समस्या बढ़ जाती है। गर्मियों के दिनों में यह समस्या काफी अधिक होती है।

2. प्लूटस पिगमेंटशन (Plutus)

कुछ गर्भवती महिलाओं की स्किन में मेलानिन काफी अधिक होने लगता है। इस स्थिति को च्लोसमा (प्लूटस) कहा जाता है। इसके अलावा इसे “मार्क ऑफ प्रेग्नेंसी” भी कहा जाता है। यह निशान ज्यादातर महिलाओं के चेहरे पर और उनके पेट के आसपास नजर आते हैं। यह काफी ज्यादा फैल सकते हैं और सूर्य की रोशनी में अधिक समय बिताने से यह समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।

3. सन डैमेज पिगमेंटशन (Sun Damage)

Sponsored Ad

बढ़ती और ढलती उम्र के निशानों को ‘लिवर स्पॉट’ कहा जाता है। यह समस्या भी पिगमेंटेशन का ही एक प्रकार मानी जाती है। सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणों से स्किन को काफी नुकसान होता है और इसका सबसे बड़ा कारण सूर्य की रोशनी में ज्यादा समय बिताना भी होता है।

छोटे लेकिन गहरे धब्बे इस समस्या के सबसे आम लक्षण होते हैं। ये निशान ज्यादातर हाथों और चेहरों पर नजर आते हैं। इसके अलावा शरीर का कोई भी हिस्सा जो काफी देर तक सूर्य की किरणों के संपर्क में रहता है वहां भी ऐसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

4. झाईयां (Freckles)

झाईयां भी त्वचा से जुड़ी एक सामान्य समस्या है। त्वचा की इस समस्या को वंशानुगत भी माना जाता है। झाईयां होने पर त्वचा पर कुछ निशान पड़ जाते हैं। हालांकि, कुछ लोग झाईयों को आकर्षक भी मानते हैं लेकिन ज्यादातर लोगों की नजर में यह खूबसूरती को खराब करने वाले बादल हैं जिनसे जल्द से जल्द छुटकारा मिलना चाहिए।

5. पीआईएच (Post Inflammatory Hyperpigmentation)

पीआईएच (PIH) यानि पोस्ट इंफ्लेमेटरी हायपरपिगमेंटशन की समस्या ज्यादातर किसी तरह की चोट के बाद ही त्वचा पर नजर आती है। यह समस्या एक्ने (Acne) के निशानों और त्वचा पर अन्य किसी प्रकार के घावों के बाद ओर ज्यादा हो जाती है।

इसके अलावा लेजर थेरेपी से होने वाले नुकसान के कारण भी यह समस्या सामने आ सकती है। वहीं कुछ सौंदर्य उत्पादों में भी हानिकारक केमिकल मिले होते हैं जो हमारी त्वचा के लिए सही नहीं होते है जिनका अधिक इस्तेमाल भी यह समस्या पैदा कर सकता है। आशा है आपको इस आर्टिकल Pigmentation Meaning in Hindi में अच्छी जानकारियां मिल रही होंगी।

पिगमेंटेशन होने के कारण (Causes of Pigmentation)

pigmentation meaning in hindi
Hyperpigmentation

पिगमेंटेशन होने के कई कारण (Causes of Pigmentation) होते हैं जैसे अनुवांशिक लक्षण, ज्यादा समय तक धूप में समय बिताना, गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन करना आदि। इसके अलावा स्किन ट्रीटमेंट और हेयर ड्रायर के अनियमित इस्तेमाल से भी यह समस्याएं हो जाती हैं।

पिगमेंटेशन से कैसे करें बचाव (Prevention of Pigmentation)

पिगमेंटेशन से बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप अपने आपको धूप से बचाकर रखें। धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरुर लगाएं। 40 SPF वाली सनस्क्रीन लगाएं। सनस्क्रीन के इस्तेमाल से आप न सिर्फ चेहरे पर आने वाले पिगमेंटेशन से बचेंगे बल्कि आपके चेहरे का निखार भी बना रहेगा।

आईये अब जानते हैं हमारे आर्टिकल Pigmentation Meaning in Hindi में कि पिगमेंटेशन से कैसे बचें।

1. लेजर थेरेपी से करें उपचार

अगर आपको क्रीम से कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आप लेजर थेरेपी का भी सहारा ले सकते हैं। लेजर थेरेपी के कई सेशन्स लेने पर आपको पिगमेंटेशन से छुटकारा मिल सकता है।

2. ब्लेमिशेज क्रीम (Blemishes Cream)

ब्लेमिशेज क्रीम में गुलमोहर, शहतूत और विटामिन C का मिश्रण होता है। ब्लेमिशेज क्रीम त्वचा में मेलानिन के उत्पादन को कम करता है। मेलानिन के अधिक उत्पादन के कारण ही डार्क स्पॉट या पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। ब्लेमिशेज क्रीम त्वचा में मेलानिन का उत्पादन कम करके पिगमेंटेशन जैसी समस्याओं को दूर करती है इसके साथ ही त्वचा के प्राकृतिक रंग और निखार को बनाए रखती है।

पिगमेंटेशन के घरेलू उपाय (Home Remedies for Pigmentation)

हमारे लेख Pigmentation Meaning in Hindi में अब बात करते हैं पिगमेंटेशन से बचने के घरेलू उपायों के बारे में। पगमेंटेशन से बचने के लिए आप नीचे दिये घरेलू उपायों का भी सहारा ले सकते हैं लेकिन हमारी राय है कि आप घरेलू उपचार पर ज्यादा विश्वास नहीं करें। यदि आप झाईयों को लेकर पेरशान हैं तो आपको किसी अच्छे स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलना चाहिए। फिर भी यदि आप किसी तरह के घरेलू उपायों को ट्राई करना चाहते हैं तो हम दे रहें हैं कुछ चुने हुए तरीके।

कोको बटर

कोको बटर त्वचा को पोषित करता है और उसे नरम बनाता है। कोको बटर स्किन को प्राकृतिक रूप से पोषित कर निखारता है। इसके अलावा कोको बटर द्वारा पिगमेंटेशन को दूर करने के लिए इसे दिन में तीन बार इस्तेमाल करना चाहिए।

कच्चा आलू पिगमेंटेशन को करता है कम

पिगमेंटेशन से छुटकारा पाने के लिए कच्चा आलू भी फायदेमंद माना जाता है। कच्चा आलू हमारी त्वचा के लिए पोषक होता है जिसे छीलकर स्किन पर रगड़ने से पिगमेंटेशन से राहत मिलती है।

नींबू और शहद से पिगमेंटेशन में लाभ

नींबू और शहद दोनों ही त्वचा को बेदाग बनाने के लिए बेहद कारगर माने जाते हैं। नींबू चेहरे के दाग-धब्बे हटाने का काम करता है तो वहीं शहद त्वचा में कसाव लाता है और प्राकृतिक पोषण देता है। पिगमेंटेशन से छुटकारा पाने के लिए नींबू और शहद के मिश्रण को चेहरे पर लगा लें और 10 मिनट बाद अपना चेहरा धो लें।

डार्क स्पॉट से ऐसे पाएं छुटकारा

डार्क स्पॉट की समस्या दूर करने के लिए एक चम्मच चंदन पाउडर लें। उसमें आधा चम्मच ग्लिसरीन और एक चम्मच गुलाबजल डाल लें। अब इन सारी सामग्री को एक बाउल में डालकर मिला लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसको लगाने से पहले अपने चेहरे को धोकर अच्छी तरह सुखा लें।

अब इस मिश्रण को आंखें और होठों को छोड़कर पूरे चेहरे पर लगाएं। 20 मिनट बाद करीब 5 मिनट तक चेहरे पर अच्छी तरह से मसाज करें। अब पानी से चेहरा धो लें। यह घरेलू नुस्खा आप रोज ट्राई कर सकते हैं। कुछ ही दिनों में आपको इसका असर दिखाई देने लगेगा।

पिगमेंटेशन होने के कारण (Causes of Pigmentation)

वैसे तो पिगमेंटेशन के ​कई कारण हो सकते हैं परन्तु हम पिगमेंटेशन के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बता रहे हैं।

सूर्य की किरणों के सम्पर्क में आना

पिगमेंटेशन होने के वैसे तो कई कारण (Causes of Pigmentation) होते हैं जैसे सूरज के संपर्क में अधिक आने से, हार्मोन में बदलाव, अनुवांशिक लक्षण, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना, प्रेगनेंसी, हेयर रिमूवल, एलर्जी, विटामिन B-12 अथवा विटामिन D की कमी और त्वचा से संबंधित स्थितियों के कारण होता है।

विटामिन B-12 अथवा D की कमी

अगर आपके शरीर में काले रंग के दाग-धब्बे बन रहे हैं तो इसका कारण आपके शरीर में विटामिन D की कमी हो सकती है वहीं अगर आपके शरीर में चकत्ते पड़ रहे हैं तो इसका कारण शरीर में विटामिन B-12 की कमी हो सकती है।

त्वचा में मेलानिन के स्तर का बढ़ना

हालांकि पिगमेंटेशन का एक सबसे बड़ा कारण त्वचा में मेलानिन के स्तर का बढ़ जाना माना जाता है। इसमें हमारे चेहरे या शरीर के किसी खास हिस्से की कोशिकाएं मर जाती हैं और उन्हें जरूरी पोषक तत्व या स्किनकेयर नहीं मिलता है तब पिगमेंटेशन होता है।

त्वचा का सुस्त पड़ना

पिगमेंटेशन के दौरान आपकी त्वचा सुस्त और काली पड़ जाती है क्योंकि त्वचा किसी भी भोजन या पोषक तत्वों या स्किन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं होती है। इसके अलावा कई दवाइयां भी होती हैं जिनके रिएक्शन से Hyperpigmentation हो जाता है।

हार्मोन के स्तर में बदलाव

प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन स्तर कुछ बदलाव आता है जिसके कारण महिलाओं में मेलानिन के उत्पादन पर असर पड़ता है। वहीं त्वचा में आई सूजन को भी हाइपरपिग्मेंटेशन का एक प्रमुख कारण माना जाता है।

पिगमेंटेशन को कैसे करें कम? (How to Get Rid of Pigmentation)

यदि आप अपने चहरे को पिगमेंटेशन या झाईयों से बचाना चाहते हैं तो नीचे दिये गऐ दिशा निर्देशों और उपायों को अपनायें।

गर्मियों में सूर्य की तेज किरणों से बचें

सबसे पहले आपको ये समझना होगा कि सूर्य की किरणें पिगमेंटेशन पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गर्मियों में तेज सूर्य की किरणें, त्वचा के साथ-साथ शरीर को भी नुकसान पहुंचाती हैं। इससे बचने के लिए जब भी घर से बाहर जाएं सनस्क्रीन जरूर लगाएं और बाहर जाते समय इसे अपने साथ ले जाएं और पूरे दिन में कई बार लगाएं।

SPF 40 का सनस्क्रीन लगाऐं

अपनी त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए अपने मेकअप और लिप बाम में SPF 40 का सनस्क्रीन लगाएं क्योंकि मेकअप प्रोडक्ट में इतना कवरेज नहीं मिलता है।

विटामिन C सीरम का इस्तेमाल

विटामिन C सीरम का इस्तेमाल करें ये त्वचा की रक्षा करने में मदद करता है। इसका काम टायरोसिनेस की क्रिया को रोकना है जो पिगमेंट मेलेनिन के निर्माण के लिए जरूरी होती है। नियमित रूप से विटामिन C का इस्तेमाल करने से हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या धीरे-धीरे दूर हो जाएगी।

धूप में छाते का इस्तेमाल करें

जब भी धूप में बाहर जाएं तो आप छाता लेकर जाएं। इसके अलावा दोपहर से शाम 4 बजे के बीच बाहर जाने से बचें क्योंकि ये घंटे दिन के सबसे गर्म घंटे होते हैं।

गर्मियों में धूप में हल्के रंग के कपड़े

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य की करणें हमारे कपड़ों के अंदर भी प्रवेश कर सकती हैं और पिगमेंटेशन पैदा कर सकती हैं। इससे बचने के लिए हमेशा हल्के और सांस लेने वाले कपड़े पहनें।

चेहरे को कपड़े से न रगड़ें

अपने चेहरे को तौलिये या किसी भी कपड़े से न रगड़ें क्योंकि इससे घर्षण होता है। घर्षण पिगमेंटेशन की एक प्रमुख वजहों में से एक है इसलिए त्वचा को नरम और मॉश्चराइज्ड रखने के लिए हमेशा अपने चेहरे को थपथपाते रहें।

हमेशा पैच टेस्ट करें

किसी भी DIY उपाय आजमाने से पहले पैक को सीधे अपने चेहरे पर ना लगाएं उससे पहले हमेशा पैच टेस्ट करें क्योंकि ऐसा जरुरी नहीं है कि आपकी त्वचा को सूट करे और अगर ये आपकी त्वचा के अनुरूप नहीं होतें है तो आपकी त्वचा संबधी समस्याएं पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ जाएंगी। हमारे लेख Pigmentation Meaning in Hindi में दी जा रही जानकारी आपको कैसा लग रही है कृपया हमें कमेंट अवश्य करें।

ओटमील, टमाटर और दही का मिश्रण

दो चम्मच ओटमील के साथ, दो चम्मच टमाटर का जूस, आधा चम्मच दही डाल कर अच्छी प्रकार मिलाए और इसे पिंगमेंटेड स्किन पर लगाए। सूखने के बाद इसे पानी के साथ मालिश करते हुए साफ कर लें।

इस्तेमाल किये गये ग्रीन टी बैग

यदि आप ग्रीन टी बैग को ठंडा करके आप पिगमेंटेशन वाली जगह पर लगाते हैं तो इससे भी आपको खासा फायदा देखने को मिलेगा।

Sponsored Ad

जैतून का तेल और चीनी का मिश्रण

जैतून के तेल में चीनी मिलाकर स्क्रब की तरह पिंगमेंटेड स्किन पर 3–4 मिनट तक रगड़ें और ठण्डे पानी से धो लें।

तुलसी का रस और नींबू का मिश्रण

कुछ तुलसी के पत्तों को पीस ले और इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएँ और त्वचा पर लगाएँ, सूख जाने पर इसे ठण्डे पानी से धो लें। यह उपाय हाइपरपिगमेंटेशन में बहुत लाभदायक माना जाता है।

गाजर, नींबू और मुल्तानी मिट्टी का मिश्रण

गाजर को कद्दूकस कर लें और फिर उसमें मुल्तानी मिट्टी और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएँ। इसे पिंगमेंटेड स्किन पर 20 मिनट के लिए लगा कर छोड़ दें और फिर नार्मल पानी से धो लें। सप्ताह में एक बार करने से झाईयों से छुटकारा मिलेगा।

चेहरे की झाईयां (Freckles) हटाने के घरेलू उपाय

हमारे आर्टिकल Pigmentation Meaning in Hindi में अब हम आपको चेहरे की झाईयों को कम करने के ​कुछ घरेलू उपाया बताने जा रहे हैं लेकिन घरेलू उपाय ज्यादा कारगर नहीं होते। किसी चिकित्सक से ही सलाह लें।

टमाटर रस की मसाज करें

टमाटर काटकर चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करने से चेहरे की झाईयां कम हो जाती हैं और चेहरे की रंगत भी निखरती जाती है।

पपीते के गूदे से मसाज

झाईयों से छुटकारा पाने के लिए पपीते के गूदे को चेहरे पर रगड़िए। नियमित रूप से कम से कम 15 मिनट तक पपीते के पल्प को चेहरे पर रगड़िए, उसके बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो लें। ऐसा करने से धीरे–धीरे आप के चेहरे की झाईयां खत्म हो जाती हैं।

बादाम और नींबू का पेस्ट

5-6 बादाम को नींबू की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहर पर लगाइए और 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लीजिए। इससे भी आपकी झाईयां समाप्त हो जाएंगी।

नींबू, हल्दी और बेसन का पेस्ट

चेहरे की झाईयों को दूर करने के लिए आप आधा नींबू व आधा चम्मच हल्दी और दो चम्मच बेसन लीजिए। अब इन चीजों को आपस में अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस मिश्रण का मास्क चेहरे पर तीन या चार बार लगाइए। झाईयां समाप्त हो जाएंगी।

नींबू के रस की मसाज

चेहरे पर नींबू के रस को मलने से भी झाईयां समाप्त होती हैं। ताजे नींबू को काटकर सुबह-शाम चेहरे पर लगाइए परन्तु ध्यान रहे चेहरे पर किसी प्रकार के दाने या कटा हुआ नहीं हो।

सेब के गूदे की मसाज

सेब खाने के साथ सेब का गूदा चेहरे पर मलना चाहिए, इससे भी झाईयां दूर होती हैं।

पर्याप्त नींद लें

रात को सही से नींद न आने पर भी चेहरे पर झाईयां पड़ जाती हैं जिनको दूर करने के लिए रात को सोने से पहले चेहरे को अच्छी तरह से किसी अच्छे फेसवॉश से धोकर ही सोना चाहिए।

दूध की मलाई और बादाम का मिश्रण

एक चम्मच मलाई में 3 या 4 बादाम पीसकर दोनों का मिश्रण बना लें। उसके बाद इस मिश्रण को चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करने के बाद सो जाएं। सुबह उठकर इस मिश्रण को धो लें। 2-3 हफ्ते तक इस लेप का इस्तेमाल करने से झाईयां समाप्त हो जाती है।

गाजर का जूस पियें

दिन में एक गिलास गाजर का रस बिना नमक-मिर्च आदि मिलाकर पीजिए। इससे आपका चेहरा तो लाल होगा ही, इसके अलावा आपके चेहरे की झाईयां भी समाप्त हो जाएंगी।

एलोवेरा का इस्तेमाल करें

झाईयों के निशान दूर करने के लिए नियमित रूप से एलोवेरा का इस्तेमाल करें। इससे आपकी त्वचा का रंग तो साफ होता ही है साथ ही इससे चेहरे में कसाव भी आता है।

प्याज का इस्तेमाल

प्याज का लाल हिस्सा स्किन पर लगाने से भी त्वचा के रंग में बदलाव देखने को मिलता है और इससे झाईयां खत्म होती हैं।

तिल से झाईयों से छुटकारा

सरसों, तिल, यवक्षार को एक साथ पीसकर लेप करने से कालापन दूर हो जाता है और झाईयों से छुटकारा मिलता है।

धूप में चेहरा ढकें

धूप और अनियमित दिनचर्या के कारण त्वचा में झाईयां होती हैं इसलिए धूप में निकलने से पहले चेहरे को पूरी तरह से ढक लीजिए। ज्यादा झाईयां होने पर आप चिकित्सक से संपर्क करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल Pigmentation Meaning in Hindi में आपको पिगमेंटेशन के प्रकार और इससे बचने के कई उपाय बताए हैं। इसके अलावा पिगमेंटेशन से बचने के लिए सबसे पहले तो आप अपनी लाइफस्टाइल सही करें, सही डाइट का सेवन करें, एक्सरसाइज करें और अपने स्किन केयर रूटीन में कुछ जरूरी बदलाव लाएं ताकि आपको पिगमेंटेशन से जुड़ी समस्याएं ना हों।

ये भी पढ़ें Vitamin E Capsules For Skin Whitening

इसके अलावा ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि पिगमेंटेशन कभी भी पूरी तरह से नहीं हटता है लेकिन अगर सही से ख्याल रखा जाए तो इसे कम किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए कई क्लीनिकल तरीके मार्केट में मौजूद भी हैं लेकिन इनके रिजल्ट्स कभी भी 100 फीसदी नहीं मिले हैं। चूंकि ये काफी मंहगे भी होते हैं और ये एक बार में कामगर भी नहीं होते है तो इसलिए सोच-समझकर ही इनका चुनाव करें।

तो ये था हमारा एक ओर भरपूर जानकारी से भरा लेख Pigmentation Meaning in Hindi, कृपया हमें कमेंट करके अवश्य बताऐं। आपके कमेंट से हमें इस तरह के ओर आर्टिकल लिखने की प्रेरणा मिलती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.