Generation of Computer in Hindi | कंप्यूटर जनरेशन की कम्पलीट जानकारी
हैलो दोस्तों आज हम हमारे लेख में आपको Generation of Computer in Hindi के बारे में कंप्लीट जानकारी देने जा रहे हैं। इस लेख में आपकी सभी उलझनों का उत्तर मिल जाऐगा। उदाहरण के तौर पर First, Second, Third, Fourth, Fifth या उससे अधिक जनरेशन ऑफ कंप्यूटर क्या है?
तो सबसे पहले आपको बताते हैं कि कंप्यूटर की खोज Charles Babbage ने की थी। चार्ल्स को “Father of Computer” (कंप्यूटर का पिता) के नाम से भी जाना जाता है।
- Generation of Computer in Hindi (जनरेशन ऑफ कंप्यूटर)
- कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)
- इंटेल कोर के अनुसार कंप्यूटर जेनरेशंस (Intel Core Generation)
- समय के अधार पर कंप्यूटर जेनरेशन (Generation of Computer Over Time)
- कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation of Computer)
- कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation of Computer)
- कंप्यूटर की तीसरी जनरेशन (Third Generation of Computer)
- कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation of Computer)
- कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी (Fifth Generation of Computer)
आज के समय में कंप्यूटर हर मनुष्य के जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हर व्यक्ति के लिए कंप्यूटर बहुत ही जरूरी बन गया है। बच्चों के स्कूल की पढ़ाई से लेकर ऑफिस के हर छोटे बड़े कामों के लिए कंप्यूटर बहुत ही आवश्यक बन चुका है। हर कार्य क्षेत्र में कंप्यूटर अनिवार्य है।
Generation of Computer in Hindi (जनरेशन ऑफ कंप्यूटर)
अब बात करते हैं Generation of Computer in Hindi के बारे कि ये जनरेशन जनरेशन ऑफ कंप्यूटर क्या है? दोस्तों कंप्यूटर के अविष्कार से लेकर अब तक कंप्यूटर के कई Generation (संस्करण, वर्ज़न) बाज़ार में आ चुके हैं और कंप्यूटर का हरेक संस्करण पिछले संस्करण की तुलना में बेहतर और ज्यादा शक्तिशाली होता है। इसी अन्तर को यूज़र तक पहुंचाने के लिए ही कंपनी इसे कंप्यूटर जनरेशन (Generation of Computer) का नाम देती हैं।
परिभाषिक शब्दों में कहा जाए तो समय-समय पर कंप्यूटर में होने वाले बदलाव को अलग–अलग पीढ़ियों में बांट दिया गया है।“जेनरेशन” शब्द इस्तेमाल होने के पीछे का कारण सिर्फ इतना है कि पूर्व समय के कंप्यूटर में और आज के मॉडर्न कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाली हार्डवेयर (Hardware) तकनीक में होने वाले परिवर्तन तथा अंतर का पता चल सके तथा सब उसके बारे में आसानी से सारी जानकारी हासिल कर सके।
वर्तमान समय के आधुनिक कंप्यूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों मिल कर एक पूरा कंप्यूटर सिस्टम बनाते हैं। इस समय 2022 तक कंप्यूटर के कई जरनेशन मार्किट में उपलब्ध हैं जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताऐंगे।
कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)
कंप्यूटर का इतिहास Abacus के जन्म के साथ शुरू हुआ था जिसे हम कम से कम 5000 साल पुराना मान सकते हैं। कंप्यूटर एक ऐसी डिजिटल इलैक्ट्रॉनिक मशीन है जिसमें कई प्रोग्राम, अंकगणित (Arithmetic) के अनुक्रम और तार्किक संचालन (Logical Operations) को ऑटोमेटिकली अंजाम देता है।
प्राचीन काल में बनाए गए कंप्यूटर सिर्फ गणना (Calculations) के लिए इस्तेमाल किए जाते थे लेकिन आज के बनाए गए कंप्यूटर सिर्फ कैलकुलेशन ही नहीं और भी बहुत से काम करने में सहायता करते हैं।
आज के मॉडर्न कंप्यूटर हर एक कार्य को अच्छे पूरा करने के लिए काम में लाए जाते है चाहे वो ऑफिस के काम हो, इंजिनियरिंग हो, वैज्ञानिक कार्य हों, वीडियो एडिटिंग का हो या किसी गेम के ग्राफिक्स बनाने का हो। कंप्यूटर की मदद से आप कोई भी काम सरलता से पूरा कर सकते हैं।
वर्तमान के इलैक्ट्रॉनिक कंप्यूटर टेक्नोलॉजी तकनीक पर आधारित है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तकनीक शुरुआत कब हुई थी? तो इसका जवाब है कि इलैक्ट्रॉनिक कंप्यूटर तकनीक की शुरुआत सन 1946 में हुई थी।
इंटेल कोर के अनुसार कंप्यूटर जेनरेशंस (Intel Core Generation)
समय के अनुसार कंप्यूटर जेनरेशन का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि यदि आप आज के समय में कोई कंप्यूटर खरीदना चाह रहे हैं तो आप यहां बताई गई जानकारी द्वारा अपने लिए एक अच्छा कंप्यूटर चुन सकते हैं।
तो बात करते हैं इंटेल कोर के अनुसार कंप्यूटर जेनरेशन (Intel Core Generation) के आधार पर कंप्यूटर का चयन।
दोस्तों यहां हम इंटेल कंपनी का एक ऐसा लिंक दे रहे हैं जिसको पढ़कर आपकी “जनरेशन” से सम्बधित सारी समस्याऐं हल हो जाऐंगी और आपको सभी कंप्यूटर जेनरेशन (Generation of Computer) के बारे मालूम हो जाऐगा।
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समय के अधार पर कंप्यूटर जेनरेशन (Generation of Computer Over Time)
जैसे की हमने आपको बताया कि इलैक्ट्रॉनिक कंप्यूटर तकनीक की शुरुआत सन 1946 में ही हो गई थी। उसके बाद से तकनीकी क्षेत्र में आए दिन नए–नए आविष्कार और बदलाव होते ही रहे। पूर्व समय से लेकर आज तक के समय तक कंप्यूटर को 5 पीढ़ियों में बाटा गया हैं।
- पहली पीढ़ी (1946–1956)
- दूसरी पीढ़ी (1956–1964)
- तीसरी पीढ़ी (1964–1971)
- चौथी पीढ़ी (1971–1985)
- पांचवी पीढ़ी (1985– till now/ present)
आइए आपको कंप्यूटर की हर पीढ़ी में इस्तेमाल होने वाली तकनीक से लेकर, उसके गुणों और अवगुणों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation of Computer)
हमारे लेख Generation of Computer in Hindi में शुरूआत करते हैं कंप्यूटर की पहली जनरेशन से। कंप्यूटर का इतिहास बहुत वर्ष पुराना है। कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में उन कंप्यूटर्स को शामिल किया गया है जिनका अविष्कार सन 1946 से लेकर सन 1956 के बीच हुआ। इन्हे Electronic Numerical Integrator and Calculator (इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कैलकुलेटर, ENIAC) का नाम दिया गया था।
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) का प्रयोग किया जाता था जिनकी मात्रा हजारों में हुआ करती थी। वैक्यूम ट्यूब की मात्रा अधिक होने के कारण पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार बहुत बड़ा हुआ करता था।
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रयोग होने वाली वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार जे .पी. एकर्ट (J.P. Eckert) और जे. डब्ल्यू मौश्ले (J.W. Mauchly) ने किया था।
प्रथम पीढ़ी कंप्यूटर्स का आकार बड़ा होने के कारण इन्हें एक बड़े कमरे की जरूरत होती थी और इन कंप्यूटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना बहुत ही मुश्किल हुआ करता था। इनमें बहुत अधिक ऊर्जा की खपत हुआ करती थी, इसलिए ये बहुत जल्दी गर्म हो जाया करते थे और बिना एयर कंडीशन के इनको चलाना असंभव था। इसी समस्या के चलते यह कंप्यूटर्स कुछ ही जगह देखने को मिलते थे।
प्रथम पीढ़ी कंप्यूटर सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए कई ऑपरेटर्स की अवश्यकता होती थी और उसके साथ ही ऑपरेटर्स को कंप्यूटर चलाने के लिए कंप्यूटर में उपयोग की जाने वाली भाषा भी आना अनिवार्य था जो हर किसी के लिए समझना थोड़ा मुश्किल था क्योंकि इस जेनरेशन के कंप्यूटर की भाषा का ज्ञान हर किसी को नही था। कंप्यूटर को प्रयोग में लाने के लिए मशीनी भाषा और असेम्बली भाषा का उपयोग किया जाता था।
अगर इनकी स्पीड की बात करें तो ऐसा माना जाता है की इन कंप्यूटर्स की स्पीड बहुत ही धीमी हुआ करती थी और इनके द्वारा संचालित किया गया रिजल्ट भी शत प्रतिशत ठीक नही होता था।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग किया जाता था और साथ ही डाटा को सुरक्षित रखने के लिए इसमें पंचकार्ड का प्रयोग किया जाता था।
वैक्यूम ट्यूब क्या है (What is Vacuum Tube)
वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) को वाल्व (Valve) भी कहा जाता है। वैक्यूम ट्यूब एक इलैक्ट्रॉन ट्यूब डिवाइस है जो हाई वैक्यूम और इलैक्ट्रोड के बीच में इलैक्ट्रिक करंट का फ्लो कंट्रोल करता है जब इलैक्ट्रिकल पोटेंशियल लागू होती है। इस पीढ़ी में ENIAC के अलावा और भी अन्य कंप्यूटर्स बनाए गए थे।
पहली जनरेशन कंप्यूटर के उदाहरण (Examples of Computer of First Generation)
- EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculater)
- UNIVAC (Universal Automatic Computer)
- UNIVAC–1
- IBM–650
- IBM–701
हमारे लेख Generation of Computer in Hindi में अब हम आपको पहली जनरेशन के कंप्यूटर्स के फायदे (Advantage) और नुकसान (Disadvantage) भी बता देते हैं।
प्रथम जेनरेशन कंप्यूटर के फायदे (Advantage of First Gen Computers)
- प्रथम जेनरेशन के कंप्यूटर में असेम्बली तथा मशीनी भाषा का प्रयोग किया जाता था जहां सभी कमांड 0 तथा 1 में दिए जाते थे।
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था।
- स्टोरेज के लिए कंप्यूटर में मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग होता था और साथ ही डाटा की सुरक्षा के लिए पंचकार्ड इस्तेमाल में लाए जाते थे।
प्रथम जेनरेशन कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantage of First Gen Computers)
- प्रथम जेनरेशन के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े हुआ करते थे।
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर बहुत ज्यादा मात्रा में बिजली का उपभोग किया करते थे।
- वैक्यूम ट्यूब की संख्या हजारों में होने के कारण ये कंप्यूटर बहुत जल्दी गर्म हो जाया करते थे।
- इन कंप्यूटर के द्वारा दिए गए रिजल्ट बहुत ज्यादा विश्वसनीय नहीं होते थे।
- इन कंप्यूटर को चलाने के लिए एयर कंडीशन होने बहुत जरूरी हुआ करते थे।
- आकार में बेहद बड़े होने के कारण इनको एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना बिल्कुल आसान नहीं था।
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर के काम करने के क्षमता भी कम हुआ करती थी।
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर में लिमिटेड प्रोग्रामिंग थी।
- इस कंप्यूटर का रख रखाव (Maintenance) बहुत कठिन था।
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation of Computer)
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में सन 1956 से लेकर सन 1964 के कंप्यूटर्स को शामिल किया गया है दूसरी पीढ़ी का पहला कंप्यूटर सन 1956 में आया था। इस जेनरेशन के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर ने ले ली थी जो वैक्यूम ट्यूब से काफी बेहतर साबित हुआ। ट्रांजिस्टर के उपयोग की वजह से सैकेंड जेनरेशन के कंप्यूटर को ट्रांजिस्टर कंप्यूटर भी कहा जाता था।
ट्रांजिस्टर के उपयोग से कंप्यूटर के क्षेत्र में बहुत वृद्धि हुई और दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के मुकाबले उपयोग करने में बहुत आसान हो गए थे। ट्रांजिस्टर का आविष्कार विलियम शोकले (William Shokley) और उनके साथी वैज्ञानिक टीम (Scientist Team) ने मिल कर 1956 में अमेरिका (America) में किया था।
ट्रांजिस्टर के उपयोग से दूसरी जेनरेशन के कंप्यूटर का आकार पहली जेनरेशन के कंप्यूटर से तुलना में थोड़ा छोटा हो गया था लेकिन अब भी इस कंप्यूटर को एक से दूसरी जगह ले जाना कठिन था। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम बिजली प्रयोग में लेते थे।
दूसरी जनरेशन के कंप्यूटर साइज़ में थोड़े छोटे हो गए थे और साथ ही इनकी प्रोसेसिंग स्पीड भी पहले से बेहतर हो गई थी इसलिए इन कंप्यूटर्स को पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर्स से ज़्यादा उपयोग में लाया जाने लगा।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए 1–2 लोग ही पर्याप्त थे। जहां पहली पीढ़ी के कंप्यूटर को ऑपरेट करने ले लिए असेम्बली और मशीनी भाषा का उपयोग होता था वही दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में कई भाषाएं उपयोग होती थी। दूसरे पीढ़ी के कंप्यूट में Cobol, Snobal, Fortran, Algol जैसी उच्च स्तर की भाषाओं का उपयोग किया जाता था।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर के रिजल्ट भी पहली पीढ़ी के रिजल्ट की अपेक्षा में ज्यादा सही और विश्वसनीय होते थे। उम्मीद है आपको हमारा लेख Generation of Computer in Hindi पसन्द आ रहा होगा। तो बढ़ते हैं आगे।
दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के उदाहरण (Examples of Computer of Second Generation)
- Honeywell 400
- IBM 7094
- IBM 1920
- IBM 1401
- UNIVAC 1108
- CDC 1604
- CDC 3600
दूसरी जेनरेशन कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Second Gen Computers)
- यह कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में थोड़े छोटे थे।
- यह कंप्यूटर ज्यादा विश्वसनीय थे।
- यह कम इलैक्ट्रिसिटी प्रयोग में लेते थे और कम गर्मी उत्पन करते थे।
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के मुकाबले इन कंप्यूटर की गति तेज़ थी।
दूसरी जेनरेशन कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantage of Second Gen Computers)
- जैसे की अभी हमने आपको बताया कि ये कंप्यूटर कम गरमी उत्पन्न करते थे लेकिन फिर भी इन कंप्यूटर को ठंडा रखने लिए वातानुकूलित कमरे की जरूरत होती थी।
- साइज़ में बड़े होने के कारण इन्हें भी एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना मुश्किल था।
- इस कंप्यूटर को चलाने के लिए उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग भाषाओं का ज्ञान होना बहुत जरूरी था।
- इस कंप्यूटर का रख रखाव (Maintenance) भी थोड़ा मुश्किल था।
कंप्यूटर की तीसरी जनरेशन (Third Generation of Computer)
सन 1964 से लेकर सन 1971 के सारे कंप्यूटर्स को तीसरी पीढ़ी में रखा गया। इस जेनरेशन के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर IC यानी इंटीग्रेटेड चिप (Integrated Chip) को उपयोग में लाया गया।
एक सिंगल IC में बहुत सारे ट्रांजिस्टर (Transistor), रेसिस्टर (Resistors) और कैपेसिटर (Capacitors) साथ मिल कर एक सर्किट बनाते हैं। IC के साथ बनाए गए कंप्यूटर की वजह से इस क्षेत्र में बहुत बदलाव हुए।
आई.सी. का आविष्कार जैक किल्बी (Jack Kilby) ने किया था जो Texas Instrument Company (टेक्सास इंस्ट्रूमेंट कंपनी) के एक इलैक्ट्रॉनिक इंजीनियर थे।
IC के इस्तेमाल से इन कंप्यूटर्स का आकार पिछले दोनों जनरेशन के मुकाबले काफी कम हो गया और वही पिछली दो पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में इन कंप्यूटर की गति भी बहुत तेज़ हो गई। इनमें इलैक्ट्रिसिटी की खपत भी कम हुआ करती थीं।
Third Generation of Computer में ऑपरेटिंग सिस्टम होने के कारण सभी लोग इनका प्रयोग आसानी से समझ कर सकते थे। तीसरी पीढ़ी के इन कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज जैसे फोरट्रान (Fortran), फोरट्रान–ll (Fortran–ll), Cobol (कोबोल), Pascal PL/1 (पास्कल पी एल/1), Basic (बेसिक), Algol–68 (अलगोल–68) आदि का प्रयोग किया गया था।
तीसरी जेनरेशन के कंप्यूटर द्वारा दिए गए रिजल्ट भी पहली दो पीढ़ियों के कंप्यूटरों से ज्यादा विश्वसनीय और सही थे। आकार में छोटे होने की वजह से इनका रख रखाव भी आसान हो गया था।
तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के उदाहरण (Examples of Computer of Third Generation)
- Programmable Data Processor 1 (PDP–1)
- Programmable Data Processor 5 (PDP–5)
- Programmable Data Processor 8 (PDP–8)
- UNIVAC 1108
- ICL 2903
- ICL 1900
- TDC–316
- IBM–370/168
तीसरी जेनरेशन के कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Third Gen Computers)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर IC (Itegrated Chip) का उपयोग किया गया था।
- तीसरी जेनरेशन के कंप्यूटर पिछले दोनों जनरेशन की तुलना में ज्यादा विश्वसनीय थे।
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम और दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में आकार में बेहद छोटे हो गए थे।
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की गति बहुत तेज़ थी जो पिछले दोनों जनरेशन के कंप्यूटर में नही थी।
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया और इनके प्रोसेसर फास्ट हो गए थे।
तीसरी जेनरेशन कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantage of Third Gen Computers)
- एक बार फिर एयर कंडीशन जरूरी था।
- IC (Itegrated Chip) के निर्माण में आवश्यक तकनीक थोड़ी जटिल थी।
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation of Computer)
हमारे आर्टिकल Generation of Computer in Hindi में अब बात माईक्रोप्रोसेस्सर की। सन 1971 से लेकर सन 1985 के बीच में कंप्यूटर्स को चौथी पीढ़ी में रखा गया है। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में IC यानी इंटीग्रेटेड चिप (Itegrated Chip) की जगह VLSI (Very Large Scale Integrated) चिप को उपयोग में लाया गया। VLSI को “माइक्रोप्रोसेसर” (Microprocessor) भी कहा जाता है।
VLSI सर्किट की एक छोटी चिप पर लगभग कुछ 5000 ट्रांजिस्टर होते है जो हाई लेवल कार्य और संगणना (Computation) परफॉर्म करने में काबिल थे। यह कंप्यूटर बहुत ही कम इलैक्ट्रिसिटी पर चलते थे।
VLSI के प्रयोग में आने से सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) जिसे शॉर्ट में CPU भी कहा जाता है, एक ही चिप पर लाना संभव हुआ और साथ ही इस जेनरेशन के कंप्यूटर में ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (Graphical User Interface) पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाने लगा।
आपको बता दें इंटेल (Intel) विश्व की सबसे पहली कंपनी है जिसने सबसे पहला माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) निर्माण (Develop) किया गया था।
माइक्रोप्रोसेसर आने से चौथी जेनरेशन के कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर कहा जाता है जो आकार में बेहद छोटे हो गए थे। आकार में छोटे होने की वजह से इन्हें एक छोटे टेबल पर रख कर भी आसानी से काम किया जा सकता है और इनका रख रखाव भी आसानी से किया जा सकता है।
सबसे पहले सुपरकंप्यूटर (Super Computer) इसी जेनरेशन में ही लाए गए थे जो बहुत सारी कैलकुलेशन का रिजल्ट बहुत ही जल्दी और सही देते थे। ALTAIR 800 सबसे पहला माइक्रोप्रोसेसर कंप्यूटर था जो MITS कंपनी द्वारा बनाया गया था। इस जेनरेशन के कंप्यूटर को यूज़र फ्रेंडली भी माना जाता था क्योंकि यह कंप्यूटर समझने में बहुत आसान थे।
इस जेनरेशन का पहला PC पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer) IBM द्वारा डेवलप किया गया था। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्राम लिखने के लिए C, C++, Java जैसी लैंग्वेज का प्रयोग किया गया।
चौथी पीढ़ी कंप्यूटर के उदाहरण (Examples of Computer of Fourth Generation)
- CRAY–1 (Supercomputer)
- CRAY–X– MP (Supercomputer)
- IBM 4341
- STAR 1000
- PDP 11
- DEC 10
- ZX–Spectrum
- Macintosh
चौथी जेनरेशन कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Fourth Gen Computers)
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर में VLSI का इस्तेमाल होने लगा जिसके कारण इन कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया।
- इन कंप्यूटर को ठंडा रखने के लिए बहुत कम एयर कंडीशन को जरूरत होती थी।
- इन कंप्यूटर की कीमत कम होने के कारण और इनका रख रखाव आसान होने के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें इस्तेमाल में लाने लगे।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ साथ और कई एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाए गए जिनकी मदद से कार्य करना आसान हो हुआ गया था।
चौथी जेनरेशन कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantage of Fourth Gen Computers)
- माइक्रोप्रोसेसर चिप खराब होने की संभावना थोड़ी ज्यादा होती थी।
- इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होने लगा था।
हमारे आर्टिकल Generation of Computer in Hindi में अब जानते हैं पांचवी पीढ़ी के बारे में।
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी (Fifth Generation of Computer)
पांचवी पीढ़ी की अवधि सन 1985 से शुरू हुई और आज तक के सभी कंप्यूटर्स को इसी पीढ़ी में शामिल किया गया है। पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में VLSI के स्थान पर ULSI (Ultra Large Scale Integrated) माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) को प्रयोग में लाया गया जिनमे एक माइक्रोप्रोसेसर चिप के करीब दस मिलियन इलैक्ट्रिक कंपोनेंट्स होते हैं।
इस नई तकनीक के माइक्रोप्रोसेसर की वजह से कंप्यूटर के क्षेत्र में बहुत बड़े बड़े बदलाव देखने को मिले। Fifth Generation में नई तकनीक के चलते माइक्रोप्रोसेसर का आकार और छोटा हो गया है वही इन कंप्यूटर के काम करने की क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ गई है।
Fifth Generation के कंप्यूटर AI आर्टिफिक इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर आधारित हैं। AI एक तरह का उभरता हुआ कंप्यूटर साइंस है जिस कारण कंप्यूटर इंसानों की तरह सोचने की क्षमता रखते हैं।
ये भी पढ़ें: Types Of Computer In Hindi – कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार और वर्गीकरण
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी से हम वॉइस रिकॉग्नाइजेशन (Voice Recognisation) और इमेज कंट्रोल (Image Control) की मदद से, किसी भी विषय में कुछ जानना और समझना बहुत ही सरल हो गया है।
सारी हाई लेवल लैंग्वेज जैसे C, C++, Java, .Net आदि Fifth Generation of Computer में यूज़ की जाती है। हमने इस आर्टिकल Generation of Computer in Hindi में काफी हद तक सम्पूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है।
पांचवी पीढ़ी कंप्यूटर के उदाहरण (Examples of Computer of Fifth Generation)
- Desktop
- Laptop
- Notebook
- Ultrabook
- Chromebook
पांचवी जेनरेशन कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Fifth Gen Computers)
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर का आकार छोटा होने के कारण इनको एक जगह से दूसरी जगह ले जाना बहुत आसान है।
- पहले की चार पीढ़ी की तुलना में ये कंप्यूटर बहुत कम गर्म होते हैं और लंबे समय तक काम करने में सक्षम है।
- इस कंप्यूटर में Artificial Intelligence की सुविधा होने के कारण इन कंप्यूटर को समझना बहुत आसान हो गया है।
- इस जेनरेशन के कंप्यूटर में स्टोरेज की क्षमता बहुत बढ़ गई है।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज का प्रयोग किया गया है जैसे की C, C++, Java आदि।
पांचवी जेनरेशन कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantage of Fifth Gen Computers)
- मानव जीवन में कंप्यूटर बहुत जरूरी हो गए हैं और मानव कंप्यूटर पर बहुत ज्यादा आधारित हो गए हैं।
तो ये था हमारा आर्टिकल Generation of Computer in Hindi. उम्मीद है आपको हमारी जानकारी पढ़ कर, आपके सभी सदेंह समाप्त हो गऐ होंगे। यदि हमारा आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो ये जानकारी आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करें या नीचे दिये कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।