नई दिल्ली, बुधवार सुबह तेलंगाना के मुलुगु जिले में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया। यह झटका सुबह 7:27 बजे महसूस किया गया और इसका प्रभाव तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद और पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों तक महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र मुलुगु जिले में 40 किलोमीटर की गहराई पर था। यह घटना तेलंगाना जैसे क्षेत्र में दुर्लभ मानी जा रही है, जहां भूकंपीय गतिविधियां कम होती हैं।
भूकंप के झटकों से दहशत में लोग
भूकंप के झटकों से निवासियों में घबराहट फैल गई। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने या बड़े नुकसान की खबर नहीं है। अधिकारी स्थिति का आकलन कर रहे हैं और विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। भीड़भाड़ वाली या असुरक्षित इमारतों से दूर रहने का निर्देश दिया गया है।
तेलंगाना में सबसे शक्तिशाली भूकंप
तेलंगाना वेदरमैन नामक एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) उपयोगकर्ता ने इस घटना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में यह तेलंगाना का सबसे शक्तिशाली भूकंप है। उन्होंने उल्लेख किया कि भूकंप के झटके हैदराबाद सहित पूरे तेलंगाना में महसूस किए गए। तेलंगाना, जो आमतौर पर भूकंप की दृष्टि से कम जोखिम वाले जोन II में आता है, में इस प्रकार की घटनाएं दुर्लभ होती हैं।
भारत में भूकंपीय जोन का वर्गीकरण
भारत को चार भूकंपीय जोन में बांटा गया है: जोन II, III, IV और V। इनमें जोन V को उच्चतम भूकंपीय जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है, जबकि जोन II को न्यूनतम जोखिम वाला। तेलंगाना जोन II में आता है। देश का लगभग 59% भूभाग विभिन्न तीव्रता के भूकंपों के लिए संवेदनशील है।
अन्य भूकंपीय घटनाएं
हाल के दिनों में भारत के अन्य हिस्सों में भी भूकंप दर्ज किए गए हैं।
- असम में 2.9 तीव्रता का भूकंप
30 नवंबर की रात को असम के कार्बी आंगलोंग में 2.9 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र 25 किलोमीटर की गहराई पर था। - जम्मू-कश्मीर में 5.8 तीव्रता का भूकंप
28 नवंबर को जम्मू-कश्मीर में भी 5.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका केंद्र अफगानिस्तान में था।
भूकंप से सुरक्षा के उपाय
विशेषज्ञों ने भूकंप के दौरान निम्नलिखित उपाय अपनाने की सलाह दी है:
- सुरक्षित स्थान पर जाएं और भारी वस्तुओं से बचें।
- अगर घर के अंदर हैं तो किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिपें।
- लिफ्ट का उपयोग करने से बचें और सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- भूकंप के बाद खुले स्थान पर रहें और अधिकारियों की सलाह का पालन करें।