Piyush Goyal के बयान पर अशनीर ग्रोवर का तगड़ा जवाब! जानिए क्या कहा!

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नई दिल्ली, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में इन दिनों एक नई बहस छिड़ी हुई है। केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal ने हाल ही में भारतीय स्टार्टअप्स पर निशाना साधा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अधिकतर स्टार्टअप्स फ़ूड डिलीवरी ऐप्स और गेमिंग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जबकि उन्हें डीप-टेक और नवाचार पर काम करना चाहिए। इस पर भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

अशनीर ग्रोवर ने कहा, “भारत में केवल राजनेता ही ऐसे लोग हैं जिन्हें वास्तविकता की जांच की आवश्यकता है। बाकी सभी लोग भारत की वास्तविकता में जी रहे हैं।” यह बयान उन्होंने केंद्रीय मंत्री के उस बयान के संदर्भ में दिया था, जिसमें Piyush Goyal ने भारतीय स्टार्टअप्स को ‘वास्तविकता की जांच’ की सलाह दी थी।

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चीन और भारत के स्टार्टअप्स का अंतर

केंद्रीय मंत्री Piyush Goyal ने भारतीय और चीनी स्टार्टअप्स की तुलना करते हुए कहा था कि जब भारतीय कंपनियाँ फूड डिलीवरी पर ध्यान दे रही थीं, तब चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बैटरी टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) निर्माण में कदम रखा। Piyush Goyal ने यह सवाल उठाया था कि क्या भारत के स्टार्टअप्स सिर्फ गिग जॉब्स और सस्ते श्रम बनाने में संतुष्ट रहेंगे या वे कुछ बड़ा करने की ओर बढ़ेंगे?

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अशनीर ग्रोवर ने कहा कि चीन ने डीप-टेक क्षेत्र में प्रगति करने से पहले खाद्य वितरण से शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, “चीन ने जो किया, उसे भारतीय स्टार्टअप्स भी कर सकते हैं, लेकिन शायद हमारे राजनेताओं को पहले 20 साल तक 10% से ज्यादा आर्थिक विकास का लक्ष्य रखना चाहिए।”

स्टार्टअप्स की आलोचना पर जवाब

ग्रॉवर ने Piyush Goyal की आलोचना पर सीधे कहा कि “अब वक्त आ गया है कि ‘सार्वजनिक चर्चा’ को इतिहास से विज्ञान में बदल दिया जाए।” उन्होंने आगे कहा कि इस स्वस्थ बहस के लिए मंत्री महोदय का धन्यवाद, लेकिन अब हमें इसे आगे बढ़ाना होगा।

स्थानीय स्टार्टअप्स को समर्थन की जरूरत

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Piyush Goyal की टिप्पणी पर कई स्टार्टअप संस्थापकों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। ज़ेप्टो के सीईओ आदित पालिचा ने सोशल मीडिया पर कहा कि सरकार को स्थानीय स्टार्टअप्स को नष्ट करने की बजाय उनका समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर हम कभी भी वैश्विक प्रौद्योगिकी क्रांति का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो हमें पहले स्थानीय चैंपियनों को बढ़ावा देना होगा।”

इंफोसिस के पूर्व कार्यकारी और निवेशक मोहनदास पई ने भी गोयल की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय स्टार्टअप्स को कमतर नहीं आंकना चाहिए। पई ने यह सवाल उठाया कि भारत में डीप-टेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए मंत्री महोदय ने क्या कदम उठाए हैं।

सरकार के खिलाफ आरोप

पई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए कई बाधाएं खड़ी की हैं। उन्होंने कहा कि एंजेल टैक्स और बीमा कंपनियों की निवेश नीतियों के कारण भारतीय स्टार्टअप्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

नवाचार और स्टार्टअप्स के लिए भविष्य

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार बढ़ रहा है, लेकिन यह विवाद दर्शाता है कि सरकार और उद्योग के बीच कोलैबोरेशन की जरूरत है। सरकार को स्टार्टअप्स के लिए एक सुरक्षित और प्रोत्साहक वातावरण बनाने की दिशा में कदम उठाने होंगे, ताकि देश में अधिक नवाचार हो और भारतीय स्टार्टअप वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।

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