Economic Survey 2025: क्या महंगाई से मिलेगी राहत? जानिए बजट से पहले सरकार की योजना!
Economic Survey 2025: नई दिल्ली, केंद्रीय बजट 2025-26 से पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। यह सर्वेक्षण भारत की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, विकास दर और भविष्य की संभावनाओं को दर्शाता है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथा नागेश्वरन की अगुवाई में तैयार किया गया है और यह सरकार को आर्थिक नीतियों पर निर्णय लेने में मदद करता है।
भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है। यह सरकार के पहले अनुमानित 6.4% के आंकड़े से थोड़ा अधिक या कम हो सकता है। इस अनुमान से यह संकेत मिलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर गति से आगे बढ़ रही है।
सुधारों और विकास का रोडमैप
इस सर्वेक्षण में केवल आर्थिक प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि भविष्य के लिए सुधारों और विकास का एक स्पष्ट रोडमैप भी प्रस्तुत किया गया है। इसमें बुनियादी ढांचे, उद्योग, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्र में संभावित सुधारों का उल्लेख किया गया है। सरकार का लक्ष्य भारत को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करना है, और इसके लिए लगातार नई नीतियों को लागू किया जा रहा है।
बजट 2025-26 में क्या हो सकता है खास?
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। इस बजट में कई अहम बदलावों की उम्मीद की जा रही है, जिनमें मुख्य रूप से—
✔ आयकर स्लैब में बदलाव, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिल सकती है।
✔ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारी निवेश, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
✔ ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
✔ शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अधिक बजट आवंटन, जिससे देश के सामाजिक विकास को मजबूती मिलेगी।
बजट सत्र और इसकी समय-सीमा
बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के साथ हुई। यह सत्र 13 फरवरी को समाप्त होगा और फिर दूसरा भाग 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न नीतियों पर चर्चा होगी और सरकार अपनी योजनाओं को संसद में प्रस्तुत करेगी।