क्या Durbar Rajshahi की वित्तीय संकट से उबर पाएगा BPL टीम?

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नई दिल्ली, बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) के दौरान Durbar Rajshahi टीम ने अपनी खिलाड़ियों को समय पर भुगतान नहीं किया, जिसके कारण टीम के विदेशी खिलाड़ी ढाका के एक होटल में फंसे हुए थे। ये खिलाड़ी बकायों की वजह से टीम से संबंधित कोई भी काम नहीं कर पा रहे थे। इन खिलाड़ियों में पाकिस्तान के मोहम्मद हारिस, अफगानिस्तान के आफताब आलम, वेस्टइंडीज के मार्क डेयाल और मिगुएल कमिंस, और जिम्बाब्वे के रयान बर्ल शामिल थे। कुछ खिलाड़ियों को उनकी तय राशि का 25% भुगतान किया गया था, जबकि अन्य को बिल्कुल भी भुगतान नहीं हुआ था। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब खिलाड़ियों ने मैचों में भाग लेने से इंकार कर दिया।

शफीकुर रहमान का भुगतान वादा

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Durbar Rajshahi के मालिक शफीकुर रहमान ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और 10 फरवरी तक खिलाड़ियों का सारा बकाया चुकाने का वादा किया है। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और बताया कि बकाया राशि को तीन किस्तों में चुकाया जाएगा, जिनमें 3, 7 और 10 फरवरी तक 25% की किस्तों का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि टीम से जुड़े हर व्यक्ति को बकाया राशि का भुगतान मिलेगा।

खेल मंत्रालय का हस्तक्षेप और कानूनी चेतावनी

बांग्लादेश के खेल मंत्रालय ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और सरकारी सलाहकार आसिफ महमूद ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने शफीकुर रहमान से बातचीत की और भुगतान न करने की स्थिति में परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। खेल मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि Durbar Rajshahi टीम अपने वादे पर खरा नहीं उतरती है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Durbar Rajshahi की वित्तीय स्थिति

Durbar Rajshahi की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो चुकी है। बीपीएल 2025 के बाद से टीम को लगातार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। टीम के स्थानीय खिलाड़ी एनामुल हक ने चिंता व्यक्त की थी कि टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही उन्हें उनकी बकाया राशि नहीं दी गई थी, जो कि 25% अग्रिम भुगतान के नियमों का उल्लंघन था। इससे खिलाड़ियों में असंतोष बढ़ गया और विरोध की भावना को जन्म दिया। इससे पहले, विदेशी खिलाड़ियों ने भी बकाया न मिलने के कारण मैच खेलने से मना कर दिया था।

सरकार की सख्त कार्रवाई और समाधान की उम्मीद

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बांग्लादेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसकी जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। इस कदम से सरकार का उद्देश्य इस संकट का हल निकालना और सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ियों को समय पर उनका मेहनताना मिले। शफीकुर रहमान ने सरकार की चेतावनियों को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि सभी बकाया जल्द ही चुका दिए जाएंगे। इस बीच, टीम और उसके खिलाड़ियों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि सरकार का हस्तक्षेप इस मामले को सुलझाने में मददगार साबित हो सकता है।

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