Canara Bank Share: केनरा बैंक का मुनाफ़ा हुआ दोगुना! जानिए इसके पीछे की वजह

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Canara Bank Share: नई दिल्ली, केनरा बैंक ने सोमवार को अपनी तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। बैंक ने बताया कि 31 दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 12.25 प्रतिशत बढ़कर 4,104.20 करोड़ रुपये हो गया है। यह पिछले साल की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 3,656.12 करोड़ रुपये था। इस तरह से बैंक ने अपनी साल दर साल की आय में एक मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की है।

बैंक की कुल आय में वृद्धि

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इस तिमाही के दौरान, बैंक की कुल आय में भी वृद्धि देखने को मिली। कुल आय बढ़कर 36,113.77 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 32,333.93 करोड़ रुपये थी। यह वृद्धि बैंक के कारोबार में बढ़ोतरी का संकेत है और इसके साथ ही इसके वित्तीय प्रदर्शन को भी मजबूती मिली है।

ब्याज आय में वृद्धि

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक की ब्याज आय में भी इजाफा हुआ। पिछले वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में जहां ब्याज आय 28,038.83 करोड़ रुपये थी, वहीं इस बार यह बढ़कर 30,311.61 करोड़ रुपये हो गई। इस वृद्धि से बैंक के आय स्रोतों में सुधार हुआ है और यह बैंक के वित्तीय दृष्टिकोण से सकारात्मक संकेत है।

शुद्ध ब्याज आय में गिरावट

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हालांकि, शुद्ध ब्याज आय (NII) में कुछ गिरावट देखने को मिली। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में शुद्ध ब्याज आय 9,417 करोड़ रुपये के मुकाबले 2.85 प्रतिशत घटकर 9,148.57 करोड़ रुपये रह गई। हालांकि यह गिरावट मामूली थी, फिर भी इसे एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है क्योंकि अन्य क्षेत्रों में बैंक का प्रदर्शन अच्छा रहा।

नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स में कमी

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बैंक के लिए एक और राहत की बात यह रही कि उसकी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) में कमी आई। दिसंबर 2023 के अंत में, सकल NPA कुल अग्रिमों के 4.39 प्रतिशत के मुकाबले 3.34 प्रतिशत पर आ गई। शुद्ध NPA में भी गिरावट आई है, जो कि दिसंबर 2023 के अंत में 1.32 प्रतिशत था, जो अब घटकर 0.89 प्रतिशत हो गया है। यह बैंक के लिए एक बड़ा सकारात्मक बदलाव है, जो इस समय के वित्तीय संकट के बावजूद अपने एनपीए को कम करने में सफल रहा है।

प्रावधानों और आकस्मिकताओं में वृद्धि

हालांकि, प्रावधान और आकस्मिकताएं बढ़ी हैं। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के लिए प्रावधान और आकस्मिकताएं पिछले वित्त वर्ष की तिमाही के मुकाबले बढ़कर 2,398.25 करोड़ रुपये हो गईं, जो पहले 1,898.91 करोड़ रुपये थीं। यह बढ़ी हुई प्रावधान राशि बैंक द्वारा जोखिमों के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने को दर्शाती है।

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