National Girl Child Day Messages: शिक्षा का जादू, ये बेटियां बदलेंगी गांव-गांव की तस्वीर!
National Girl Child Day Messages: नई दिल्ली, हमारे समाज में बेटियों को लेकर लंबे समय से भेदभाव की धारणा बनी हुई थी, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। आज बेटियां हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं। फाइटर प्लेन चलाने से लेकर प्रशासनिक सेवाओं तक, बेटियां साबित कर रही हैं कि वे किसी से कम नहीं हैं। यह बदलाव न केवल समाज में उनकी स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि उनकी काबिलियत और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा दे रहा है।
हर क्षेत्र में बेटियां बना रही पहचान
गिरिडीह जिले के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राएं अपने सपनों को पूरा करने में जुटी हैं। वे पढ़ाई के साथ-साथ खेल, कराटे, चित्रकला और नृत्य जैसी गतिविधियों में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। श्रेया गुप्ता, जो सातवीं कक्षा में पढ़ती हैं, ने अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा करने की ठान ली है। उनका सपना है कि वे आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करें। वहीं, कुमारी साक्षी आईपीएस अफसर बनने का सपना देख रही हैं।
शिक्षा के प्रति बढ़ता रुझान
गांवों और छोटे शहरों की बेटियां भी शिक्षा का महत्व समझ चुकी हैं। वे न केवल पढ़ाई में बेहतर कर रही हैं, बल्कि अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राएं न केवल खुद के लिए, बल्कि समाज और देश के लिए भी कुछ करना चाहती हैं।
खेल और कला में भी बेटियां आगे
श्रेया, साक्षी, रिया और भारती जैसी छात्राएं कराटे, कबड्डी, खो-खो और पेंटिंग जैसी गतिविधियों में भी हिस्सा ले रही हैं। रिया और भारती का सपना है कि वे डॉक्टर बनकर अपने गांव में अस्पताल खोलें और लोगों की सेवा करें। इसी तरह, शिवानी कुमारी कंप्यूटर विशेषज्ञ बनकर तकनीकी क्षेत्र में योगदान देना चाहती हैं।
अभिभावकों का बढ़ रहा सहयोग
सरकार की विभिन्न योजनाओं, जैसे मुफ्त किताबें, ड्रेस और स्कॉलरशिप, ने अभिभावकों पर पढ़ाई का दबाव कम किया है। अब अभिभावक बेटियों को शिक्षा दिलाने में अधिक उत्साहित हैं। यह बदलाव बेटियों के आत्मविश्वास और समाज में उनकी बढ़ती स्थिति को दर्शाता है।
शिक्षा का महत्व समझ चुकी हैं बेटियां
बगोदर प्रखंड और अन्य इलाकों की छात्राओं ने शिक्षा के महत्व को समझा है। लक्ष्मी, शिवानी, माया और अन्य छात्राएं अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत कर रही हैं। कोई वकील बनना चाहती है तो कोई शिक्षक। उनकी सोच और आत्मविश्वास हमारे देश के भविष्य को उज्ज्वल बना रहा है।