Mazdock Share Price ने तोड़ा रिकॉर्ड, जानें कब तक रहेगा यह उछाल?
नई दिल्ली, Mazdock Share Price 17 दिसंबर, 2024 को बाजार में 5% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। यह बढ़त लगातार दूसरे दिन देखने को मिली है, इससे पहले सोमवार के कारोबारी सत्र में भी कंपनी के शेयरों में 4% का उछाल था। शेयर की यह बढ़त नवंबर के निचले स्तर से लगभग 36% तक हो गई है। नवंबर में कंपनी के शेयर का भाव ₹3,851 तक गिर गया था, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर काफी ऊपर चला गया है।
आरएसआई और तकनीकी संकेत
कंपनी के शेयर ने अब अपने चार्ट पर महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। शेयर का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) अब 76 पर है, जो 70 से ऊपर जाने पर “ओवरबॉट” स्थिति को दर्शाता है। इसका मतलब यह है कि अब इस शेयर की खरीदारी में अधिक रुचि हो रही है और यह एक अच्छे तकनीकी संकेत के रूप में उभर कर सामने आया है। शेयर का 100-दिवसीय मूविंग एवरेज (DMA) नवंबर के अंत में पार कर लिया गया था, और इसके बाद से लगातार इसकी कीमत में वृद्धि हो रही है।
शेयर विभाजन की घोषणा से निवेशकों में हलचल
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के निवेशकों के लिए एक और सकारात्मक खबर आई है। कंपनी ने अपने शेयरों का विभाजन (Stock Split) करने की घोषणा की है। कंपनी का निर्णय है कि ₹10 के एक शेयर को ₹5 के दो शेयरों में विभाजित किया जाएगा। यह विभाजन 27 दिसंबर, 2024 को लागू होगा, और जिन निवेशकों के पास उस दिन से पहले मझगांव डॉक के शेयर डिमैट खाते में होंगे, वे इस शेयर विभाजन के पात्र होंगे।
यह खबर निवेशकों के बीच बड़ी हलचल पैदा कर रही है, क्योंकि शेयर विभाजन का सामान्यत: सकारात्मक असर होता है और यह शेयर की उपलब्धता को बढ़ाता है, जिससे इसकी कीमत में और वृद्धि हो सकती है।
शेयर की उच्चतम कीमत से केवल 10% की दूरी पर
मझगांव डॉक के शेयर वर्तमान में ₹5,280 के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं, जो कि कंपनी के रिकॉर्ड उच्च स्तर ₹5,860 से सिर्फ 10% कम है। इससे पहले अगस्त में यह रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। इस तेजी के साथ, अब यह शेयर 2024 में अब तक 131% तक बढ़ चुका है, जो कि एक महत्वपूर्ण संकेत है कि कंपनी के भविष्य में अच्छा प्रदर्शन होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार की बड़ी हिस्सेदारी और फ्री फ्लोट का मुद्दा
हालांकि, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयरों में इस समय तेजी है, लेकिन सितंबर तिमाही के अंत में कंपनी के पास बाजार में फ्री फ्लोट की कमी है। वर्तमान में, कंपनी की 84% हिस्सेदारी सरकार के पास है, जिससे बाजार में पर्याप्त हिस्सेदारी का व्यापार नहीं हो पा रहा है। इसका मतलब है कि बाजार में इस शेयर की उपलब्धता सीमित है, जिससे इसके भाव में और वृद्धि हो सकती है।