क्या 2025 में गिग श्रमिकों के लिए होगा सुधार? Kunal Kamra ने दी चेतावनी!
नई दिल्ली, नए साल की शुरुआत के साथ, कॉमेडियन Kunal Kamra ने त्वरित वाणिज्य (Quick Commerce) उद्योग में गिग श्रमिकों की मुश्किलों और उनके शोषण पर एक गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने अपनी टिप्पणी में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे त्वरित वाणिज्य प्लेटफार्मों के मालिक गिग श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं। कामरा का मानना है कि ये प्लेटफॉर्म मालिक न केवल श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं, बल्कि वे न तो नौकरियां बना रहे हैं और न ही अपने व्यवसायों में कोई रचनात्मकता या नवाचार ला रहे हैं।
कामरा का सवाल – क्या ये कंपनियाँ गिग श्रमिकों के शोषण के लिए जिम्मेदार हैं?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब Kunal Kamra ने ब्लिंकिट (Blinkit) के सह-संस्थापक और सीईओ अलबिंदर ढींडसा से सवाल किया। उन्होंने ढींडसा से पूछा कि उनकी कंपनी के डिलीवरी कर्मचारियों का औसत वेतन क्या है। यह सवाल तब उठाया गया था जब ढींडसा ने 2024 के नए साल की पूर्व संध्या के दौरान त्वरित वाणिज्य प्लेटफार्म के लिए ऑर्डर किए गए सबसे अधिक आइटमों की जानकारी साझा की थी। इस पोस्ट में ढींडसा ने बताया था कि सबसे ज्यादा बिकने वाले आइटमों में कंडोम, मिनरल वाटर की बोतलें, और अन्य पार्टी से संबंधित सामान थे।
त्वरित वाणिज्य कंपनियों की नैतिकता पर सवाल
Kunal Kamra ने इसके बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक और पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने त्वरित वाणिज्य कंपनियों की नैतिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि त्वरित वाणिज्य कंपनियां गिग श्रमिकों का शोषण कर रही हैं। उनके अनुसार, ये कंपनियां सिर्फ लोगों को ‘आज़ादी’ देती हैं, लेकिन इसके बदले में उन्हें ऐसी मजदूरी दी जाती है जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाती। कामरा का मानना है कि ये कंपनियां केवल ‘कहीं से भी ज्यादा कमाई’ करने की भावना में हैं, जबकि गिग श्रमिकों को उनके काम के लिए सही मेहनताना नहीं दिया जा रहा है।
गिग श्रमिकों की बढ़ती परेशानियाँ
Kunal Kamra की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरू हो गई। कई नेटिज़न्स ने Kunal Kamra के विचारों का समर्थन किया और बताया कि कैसे त्वरित वाणिज्य कंपनियों के कारण गिग श्रमिकों पर अत्यधिक दबाव है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने यह भी बताया कि गिग श्रमिकों को त्वरित डिलीवरी समय सीमा को पूरा करने के लिए कितना दबाव झेलना पड़ता है। एक उपयोगकर्ता ने लिखा कि वह मॉल के अंदर लिफ्ट में चढ़ रहे थे, लेकिन लिफ्ट ज्यादा लोगों से भरी हुई थी क्योंकि गिग श्रमिकों के लिए दबाव बढ़ गया था।
इस तरह के उदाहरण दिखाते हैं कि कैसे त्वरित वाणिज्य कंपनियों के बढ़ते दबाव के कारण गिग श्रमिक अपनी जान जोखिम में डालते हैं। कई बार, ये श्रमिक रेड लाइट पार करने या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं ताकि वे अपनी डिलीवरी समय पर कर सकें।
क्या बदलाव की उम्मीद की जा सकती है?
Kunal Kamra ने यह भी कहा कि अगर इस तरह के शोषण का कोई ठोस नियमन नहीं किया गया तो किसी दिन यह प्रणाली अपने आप को विनम्र करने के लिए मजबूर होगी। गिग श्रमिकों के साथ इस तरह का व्यवहार सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए भी चिंता का विषय बन चुका है। अगर सरकार और संबंधित एजेंसियां इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देतीं, तो यह भविष्य में और भी बड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।