कौन थे Osamu Suzuki? भारत के ऑटो सेक्टर को बदलने वाले मसीहा
नई दिल्ली, जापान की प्रतिष्ठित ऑटोमोबाइल कंपनी सुजुकी मोटर के प्रमुख Osamu Suzuki का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, क्रिसमस के दिन कैंसर के कारण उनका निधन हुआ। Osamu Suzuki ने अपने जीवनकाल में कंपनी को दिवालियापन से बाहर निकालने, नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और भारत को एक महत्वपूर्ण ऑटोमोबाइल बाजार के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।
सुजुकी मोटर के साथ जुड़ाव और करियर
1958 में Osamu Suzuki कंपनी में शामिल हुए। यह कंपनी उनकी पत्नी के दादा द्वारा स्थापित की गई थी। सुजुकी ने 1970 के दशक के अंत में कंपनी के अध्यक्ष का पदभार संभाला। उनके नेतृत्व में कंपनी ने न केवल दिवालियापन से खुद को बचाया बल्कि ऑटोमोबाइल उद्योग में नई संभावनाओं को जन्म दिया। 1979 में उन्होंने लोकप्रिय ऑल्टो मिनीवैन का उत्पादन शुरू किया, जिसने कंपनी को नई पहचान दी।
मितव्ययता और नवीनता के प्रतीक
Osamu Suzuki अपनी मितव्ययता और सादगी के लिए मशहूर थे। उन्होंने लागत बचत के लिए कंपनी की फैक्ट्रियों की छतों को नीचा कराया और खुद इकोनॉमी क्लास में सफर किया। उनका कहना था कि सुजुकी कंपनी का हिस्सा वह तब तक रहेंगे, “जब तक वह जीवित हैं।”
भारत में ऑटोमोबाइल क्रांति का नेतृत्व
1980 के दशक में Osamu Suzuki ने भारत में निवेश करने का साहसी निर्णय लिया। उस समय भारत का ऑटोमोबाइल बाजार शुरुआती दौर में था। उन्होंने मारुति के साथ साझेदारी की, जिसके परिणामस्वरूप 1983 में मारुति 800 का उत्पादन हुआ। यह कार भारतीय बाजार में क्रांति लेकर आई और मध्यम वर्ग की पहली पसंद बन गई। आज, मारुति सुजुकी भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक अग्रणी ब्रांड है।
सुजुकी की नेतृत्व शैली
Osamu Suzuki की नेतृत्व शैली उनके सादगी भरे और समानता के प्रति समर्पित रवैये से परिभाषित होती है। भारत में उन्होंने ओपन-प्लान ऑफिस और सभी कर्मचारियों के लिए सामान्य कैंटीन का प्रावधान किया। उनके निर्णयों ने कार्यस्थल पर समानता को बढ़ावा दिया।
चुनौतियां और विवाद
हालांकि सुजुकी के नेतृत्व में कई सफलताएं मिलीं, कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। 2009 में वोक्सवैगन के साथ साझेदारी का विवाद अदालत तक पहुंचा। लेकिन अंततः कंपनी ने अपनी स्वतंत्रता बनाए रखी।
Osamu Suzuki का योगदान
Osamu Suzuki का योगदान केवल कंपनी तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने ऑटोमोबाइल उद्योग में नवाचारों को बढ़ावा दिया और भारतीय बाजार में एक नई दिशा स्थापित की। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व को हमेशा याद किया जाएगा।