Bhutan के राजा ने महाकुंभ में डुबकी लगाकर हिंदू परंपरा को दिया बड़ा संदेश!
नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में इस बार Bhutan के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने एक खास भागीदारी निभाई। राजा वांगचुक, जो अपने पारंपरिक भूटानी पहनावे में सज्जित थे, ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक क्षण के दौरान दोनों नेताओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर धार्मिक अनुष्ठान किए और महाकुंभ के पवित्र जल में स्नान किया।
राजा वांगचुक का आगमन और स्वागत
Bhutan के राजा वांगचुक सोमवार को लखनऊ पहुंचे थे, जहाँ उनका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान कलाकारों द्वारा भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। उसके बाद, राजा ने राजभवन का दौरा किया, जहाँ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया। राजा ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, जिससे उनके भारत-भूटान के बीच मजबूत रिश्तों की प्रतिबद्धता जाहिर हुई।
महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर डुबकी
मंगलवार को राजा वांगचुक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अन्य गणमान्य लोग त्रिवेणी संगम पहुंचे। वहां, राजा ने केसरिया रंग का लंबा कुर्ता पहने हुए पवित्र जल में डुबकी लगाई। इस धार्मिक अवसर पर स्वतंत्र देव सिंह और नंद गोपाल गुप्ता जैसे अन्य मंत्री भी उपस्थित थे। राजा के साथ धार्मिक अनुष्ठान और स्नान में भूतपूर्व नेता जगद्गुरु संतोष दास महाराज भी शामिल हुए, जिन्होंने इस अवसर पर आशीर्वाद दिया।
अक्षयवट और हनुमान मंदिर में पूजा
महाकुंभ के बाद, राजा वांगचुक ने अक्षयवट और हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की, जो हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने उनका मार्गदर्शन किया। दोनों नेताओं ने डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का दौरा किया, जिससे धार्मिक यात्रा को एक आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ा गया।
भारत-भूटान संबंधों की मजबूती
राजा की इस यात्रा को भारत-भूटान के रिश्तों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भारत और भूटान के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों में हमेशा से एक विशेष जुड़ाव रहा है। पिछले साल दिसंबर में Bhutan के राजा और रानी ने दिल्ली का दौरा किया था, और मार्च 2024 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भूटान द्वारा उनके सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ‘ऑर्डर ऑफ ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया था।
महाकुंभ के श्रद्धालुओं की संख्या
महाकुंभ मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक महासंयोग है, जहाँ श्रद्धालु अपने पापों का प्रक्षालन करने के लिए गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में स्नान करते हैं। 13 जनवरी को शुरू हुए इस मेले में अब तक 37.5 करोड़ से अधिक भक्तों ने पवित्र स्नान किया है। 26 फरवरी को महाकुंभ का समापन होगा, और इस बीच लाखों श्रद्धालु अपनी श्रद्धा का इज़हार करने के लिए यहां आ रहे हैं।