नई दिल्ली, हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम को एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद टीम को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और इनमें से एक बड़ा सवाल टीम के हेड कोच गौतम गंभीर के चयन निर्णय पर है। आलोचक गंभीर पर निशाना साध रहे हैं, खासकर हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी के चयन को लेकर। इन दोनों खिलाड़ियों का चयन आईपीएल के आधार पर किया गया था, और यह भी कहा जा रहा है कि यह गौतम गंभीर के व्यक्तिगत पसंद के कारण हुआ।
राणा और नीतीश का चयन
हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी ने पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच में अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया था। दोनों ने अपने खेल से यह साबित किया कि वे भारत के लिए खेलने के काबिल हैं। राणा ने पहले टेस्ट में चार विकेट लेकर अपनी क्षमता को साबित किया था, लेकिन एडिलेड में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा। वहीं, नीतीश ने बल्ले से अपनी काबिलियत दिखाई और महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। हालांकि, एडिलेड टेस्ट में राणा का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार नहीं रहा, जिसके कारण उनकी आलोचना शुरू हो गई।
गौतम गंभीर और Ajit Agarkar का समर्थन
गौतम गंभीर की छवि ऐसी है कि वह अपने खिलाड़ियों पर विश्वास करते हैं और उनका समर्थन करते हैं। उनका चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप इस बात को प्रमाणित करता है कि वे उन खिलाड़ियों के साथ खड़े रहते हैं जिन पर उन्हें विश्वास होता है। इसी तरह Ajit Agarkar भी बड़े फैसले लेने में सक्षम हैं, और उनके द्वारा किए गए चयन फैसले टीम को मजबूती देते हैं। यदि गंभीर और Ajit Agarkar ने मिलकर राणा और नीतीश को चुना है, तो उनका समर्थन करना सही रहेगा।
रोहित शर्मा का राणा के चयन पर बयान
राणा के चयन को लेकर जब कप्तान रोहित शर्मा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि राणा ने पहले टेस्ट मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और अहम विकेट लिए थे। रोहित ने यह भी कहा कि यदि किसी खिलाड़ी ने पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन किया हो, तो उसे बिना कारण बाहर नहीं किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि राणा को एक और मौका दिया जाना चाहिए था।