नई दिल्ली, सचिन तेंदुलकर के बेटे Arjun Tendulkar ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। हालांकि शुरूआत में उन्हें पिता की छवि की वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन Arjun Tendulkar ने अपने खेल के दम पर सबका दिल जीत लिया। मुंबई की जूनियर टीम से शुरुआत करने वाले Arjun Tendulkar ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के जरिए अपना प्रोफेशनल करियर शुरू किया। साल 2021 की नीलामी में मुंबई इंडियंस ने उन्हें टीम में शामिल किया, और 2023 में उन्होंने अपना IPL डेब्यू किया।
विजय हजारे ट्रॉफी में ऐतिहासिक प्रदर्शन
विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान ओडिशा के खिलाफ हुए मैच में Arjun Tendulkar ने अपने करियर का 50वां विकेट लिया। इस मैच में उन्होंने तीन महत्वपूर्ण विकेट चटकाए और अपनी गेंदबाजी का दमदार प्रदर्शन किया। Arjun Tendulkar की लाइन और लेंथ, साथ ही परिस्थितियों का सही उपयोग, उनकी परिपक्वता को दर्शाता है। यह मील का पत्थर Arjun Tendulkar के सफेद गेंद क्रिकेट के सफर का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
Arjun Tendulkar के गेंदबाजी आंकड़े
Arjun Tendulkar के सफेद गेंद वाले क्रिकेट के आंकड़े उनके प्रदर्शन की कहानी बयां करते हैं। अब तक खेले गए 41 सफेद गेंद वाले मैचों में Arjun Tendulkar ने कुल 51 विकेट लिए हैं। इनमें से 24 विकेट लिस्ट ए मैचों में और 27 विकेट टी20 क्रिकेट में शामिल हैं। उनकी लिस्ट ए क्रिकेट की इकॉनमी रेट सिर्फ 5.21 है, जो उनकी गेंदबाजी की सटीकता और रनों पर नियंत्रण को दर्शाती है। टी20 मैचों में भी अर्जुन ने अहम मौकों पर विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित की है।
सचिन तेंदुलकर से तुलना
सचिन तेंदुलकर के बेटे होने के कारण Arjun Tendulkar को अक्सर तुलना का सामना करना पड़ता है। हालांकि, Arjun Tendulkar ने यह साबित कर दिया है कि उनका खेल उनके पिता से अलग और अनोखा है। सचिन जहां एक महान बल्लेबाज और पार्ट-टाइम गेंदबाज के रूप में मशहूर थे, वहीं Arjun Tendulkar ने खुद को एक विशेषज्ञ तेज गेंदबाज के रूप में स्थापित किया है। यह उनकी मेहनत और लगातार सुधार की प्रक्रिया का परिणाम है।
आईपीएल का प्रभाव
मुंबई इंडियंस के साथ Arjun Tendulkar का सफर उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुआ है। यहां उन्होंने लसिथ मलिंगा जैसे महान कोच और खिलाड़ियों से गेंदबाजी के गुर सीखे। मलिंगा के मार्गदर्शन में अर्जुन ने अपनी गेंदों में अप्रत्याशितता का तड़का लगाया, जो उन्हें छोटे प्रारूप के क्रिकेट में एक मूल्यवान खिलाड़ी बनाता है।