Paper Slippers in Kasha Vishwanath Temple: 14 जनवरी 2022 से काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को “खादी हस्तनिर्मित कागज की चप्पल” पहनने की अनुमति होगी। मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं और मंदिर के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को अब नंगे पांव मंदिर परिसर में प्रवेश की आवश्यकता नहीं होगी।
कागज़ की चप्पलों का प्रयोग शुरू
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) 14 जनवरी से भक्तों और श्रमिकों के उपयोग के लिए खादी हस्तनिर्मित कागज “यूज एंड थ्रो” चप्पलों की बिक्री शुरू कर रहा है। खादी हस्तनिर्मित कागज की चप्पलें, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पार्किंग स्थल पर स्थित खादी बिक्री आउटलेट पर बेची जाएंगी जिनकी कीमत 50 रुपये प्रति जोड़ी रखी गई है।
कागज़ की चप्पलें वाराणसी में पंजीकृत “खादी संस्थान काशी हस्तकला प्रतिष्ठान” द्वारा बेची जाएंगी। इसका उद्घाटन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर, काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत द्वारा किया जाएगा।
मन्दिर परिसर में चप्पल ले जाना वर्जित
प्रधानमंत्री द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के कार्यकर्ताओं के लिए भेजी गई जूट की चप्पलों के मद्देनजर इस निर्णय को लिया गया है, जब प्रधानमंत्री को ये पता चला कि मंदिर में काम करने वाले अधिकांश लोग नंगे पैर अपनी ड्यूटी निभाते हैं क्योंकि मंदिर परिसर में चमड़े या रबर से बने जूते पहनना मना है। पुजारी, सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मचारी, सेवा करने वाले लोग एवं मंदिर के पूरे कार्यबल को इस नियम का पालन करना होता है।
गर्मी और ठंड से होगा बचाव
केवीआईसी अध्यक्ष, श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि हस्तनिर्मित कागज से बनी “यूज एंड थ्रो” चप्पल मंदिर की पवित्रता बनाए रखेगी और साथ ही साथ भक्तों को गर्मी और ठंड से भी बचाएगी। साथ ही, कागज़ से बनी चप्पल (Paper Slippers in Kasha Vishwanath Temple) किसी भी तरह के प्रदूषण को भी रोकेंगी।
उन्होने कहा कि “ये हस्तनिर्मित कागज की चप्पलें मंदिर की पवित्रता को बनाए रखेंगी। ये चप्पल 100% पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से बनी हैं। मंदिर परिसर में इन चप्पलों के उपयोग से खादी कारीगरों के लिए स्थायी रोजगार भी पैदा होगा”
100 प्रतिशत पर्यावरण के अनुकूल
विशेष रूप से, खादी के हस्तनिर्मित कागज “यूज़ एंड थ्रो” चप्पल, भारत में पहली बार विकसित की गई हैं। ये हस्तनिर्मित पेपर चप्पल 100% पर्यावरण के अनुकूल और कम लागत की हैं। इन चप्पलों को बनाने में उपयोग किया जाने वाला हस्तनिर्मित कागज पूरी तरह से लकड़ी मुक्त होता है।
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ये कपास, रेशम और कृषि अपशिष्ट (Agricultural Waste) जैसे प्राकृतिक रेशों से बना होता है इसलिए, पूजा स्थलों में उपयोग के लिए उपयुक्त है। यह स्वच्छता की दृष्टि से भी कारगर है। इन चप्पलों को KVIC द्वारा हस्तनिर्मित कागज उद्योग का समर्थन करने और कारीगरों के लिए स्थायी रोजगार पैदा करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।