निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा एक बार फिर से टल गई है। इस पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि ये ‘सरकार और सिस्टम की विफलता है। आशा देवी, निर्भया की मां ट्रायल की सभी सुनवाईओं में खुद मौजूद रही हैं। उन्होने कहा कि जब तक चारों गुनहगारों को फांसी नहीं हो जाती वे चैन से बैठने वाली नहीं है।
उन्होने ये भी कहा कि सजा में देरी के लिए सरकार को कोर्ट को जवाब देना होगा। ये सब तब हुआ जब पटियाला कोर्ट में चारों गुनहगारों की मंगलवार, 3 मार्च 2020 को होने वाली फांसी टल गई।
क्या रहा निर्भया केस के दोषियों की फांसी टलने का कारण?
आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट के जज धर्मेन्द्र राणा ने निर्भया के चारों दोषियों की फांसी की सजा पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने बताया कि तब तक दोषियों को सजा नहीं दी सकती जब तक पवन कुमार की दया याचिका, राष्ट्रपति के पास लंबित है।
दोषी पवन कुमार ने दया याचिका तब लगाई जब सोमवार 2 मार्च 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने क्युरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। वहीं केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने पवन की दया याचिका मिलने की पुष्टि कर दी है। अब ये याचिका गृहमंत्रालय से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास पहुंचेगी और इस पर विचार विमर्श करके फैसला लिया जाऐगा।
तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा पहले ही से अस्वीकार हो चुकी है। और एक दोषी रामसिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली और किशोर अपनी सजा पूरी करके रिहा हो चुका है।
तिहाड़ में चारों दोषियों की डमी को एक फिर फांसी दी गई
किपवन जल्लाद के द्वारा तीसरी बार चारों दोषियों की डमी को फांसी देने की प्रकिया पूरी की गई, तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह जानकारी दी। चारों डमी का वजन असली दोषियों के वजन के बराबर होता है। यह प्रकिया फांसी की रिहर्सल के रूप में पूरी की जाती है। इससे पहले भी 27 और 12 जनवरी को डमी की फांसी की प्रकिया पूरी की जा चुकी है।