Myanmar (Burma): म्यांमार में सेना का खूंखार चेहरा सामने आया है। सेना, म्यांमार में सत्ता पलट के बाद, जनता का विरोध प्रदर्शन किसी भी कीमत पर खत्म करना चाहती है इसी के चलते वहां की सेना मासूमों पर क्रूरता की हद पार कर गई है।
Myanmar की राजधानी बागो मे सेना की क्रूरता का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सेना ने एक ही दिन में 82 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। सेना ने, लोकतंत्र का समर्थन करने वाली जनता की लाशों का ढेर एक बौद्ध मंदिर में लगा दिया। लाशों का एक के उपर एक फेंकते हुए उंचा ढेर बन गया।
82 लोगों के मारे जाने की पुष्टि
Assistant Association for Political Prisoners संगठन और स्थानीय मीडिया ने 82 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है लेकिन अभी और भी मृतकों का घोषित किया जाना बाकी है। ये अंदांज़ा लगाया जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा अभी ओर बढ़ सकता है। आपको बता दें पिछले महीने 14 मार्च को म्यांमार की राजधानी से 100 किलोमीटर दूर सेना ने इसी क्रूरता के साथ 100 लोगों मौत के घाट उतार दिया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार Assistant Association for Political Prisoners संगठन के द्वारा बताये जाने वाले आंकड़े सबसे पुख्ता माने जाते हैं क्योंकि ये संगठन मौत की पुष्टि होने के बाद ही इस आंकड़ों में शामिल करते हैं। पुष्टि होने के बाद ये संगठन मौत के आंकड़े अपनी वेबसाईट पर जारी करते हैं। अभी तक अधिकारिक तौर पर 82 लोगों की पुष्टि हुई है।
पिछले चुनावों में आंग सान सू ची ने भारी बहुमत से चुनावा जीता था लेकिन सेना ने चुनावों को ही नहीं माना और कहा कि चुनावों में धांधली हुई है जिसके बाद 1 फरवरी को सेना के जनरल मिन ऑन्ग ह्लाइंग ने एक साल का आपातकाल घोषित कर दिया और इसके बाद 11 सदस्यों की सैनिक सरकार चुनी गई।
पुलिस ने आंग सान सू ची पर कई गंभीर आरोप भी लगाऐ गये थे जिसके बाद उन्हे 15 फरवरी तक कस्टडी में भेज दिया गया था। इसके अलावा म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिन पर भी कई आरोप लगा कर दो हफ्ते के लिए कस्टडी में भेज दिया गया था। तब से उन्हे सार्वजनिक रूप से कहीं नहीं देख गया है।
सेना की इस तरह की कार्यवाही को लेकर अतंरराष्ट्रीय समुदाय भी आलोचना कर रहा है।