नई दिल्ली, बैडमिंटन स्टार Lakshya Sen और उनके परिवार के खिलाफ चल रहे जन्म प्रमाण पत्र फर्जीवाड़े के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक पुलिस को किसी भी सख्त कार्रवाई से रोक दिया है। यह मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता एम. जी. नागराज ने आरोप लगाया कि Lakshya Sen और उनके भाई चिराग सेन के जन्म प्रमाण पत्र में हेरफेर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सेन परिवार को फिलहाल राहत मिली है।
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती
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यह मामला तब गंभीर हो गया जब कर्नाटक हाईकोर्ट ने 19 फरवरी को दिए अपने फैसले में कहा कि इस मामले में प्रथम दृष्टया (Prima Facie) साक्ष्य मौजूद हैं और जांच जारी रहनी चाहिए। लक्ष्य सेन, उनके माता-पिता धीरेंद्र और निर्मला सेन, उनके कोच यू विमल कुमार और कर्नाटक बैडमिंटन एसोसिएशन के एक कर्मचारी के खिलाफ यह आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने सेन भाइयों की उम्र ढाई साल कम दिखाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र में गड़बड़ी की थी।
शिकायत में क्या हैं आरोप?
शिकायतकर्ता नागराज का दावा है कि जन्म प्रमाण पत्र में बदलाव करके Lakshya Sen और चिराग सेन को कम उम्र दिखाया गया ताकि वे आयु-सीमा वाले बैडमिंटन टूर्नामेंट में हिस्सा ले सकें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने RTI (सूचना का अधिकार) अधिनियम के तहत कई दस्तावेज प्राप्त किए और अदालत से अनुरोध किया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, नई दिल्ली से इनका सत्यापन किया जाए।
FIR और पुलिस जांच
शिकायत के आधार पर कोर्ट ने हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल) के तहत FIR दर्ज की। हालांकि, सेन परिवार ने 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जांच पर रोक लगाने की अपील की थी, जिस पर अंतरिम राहत मिल गई थी।
Lakshya Sen के समर्थन में दायर याचिका
Lakshya Sen और उनके परिवार का दावा है कि यह पूरा मामला निजी दुश्मनी की वजह से उछाला गया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता नागराज की बेटी ने 2020 में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में दाखिले के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे चयन प्रक्रिया में बाहर कर दिया गया था। सेन परिवार का कहना है कि यह पूरा मामला सिर्फ कोच यू विमल कुमार को निशाना बनाने के लिए खड़ा किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम राहत
इस विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां जस्टिस सुधांशु धूलिया और के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कर्नाटक सरकार और शिकायतकर्ता नागराज को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि जब तक आगे कोई फैसला नहीं आता, तब तक Lakshya Sen, उनके परिवार और कोच के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए।
क्या होगा आगे?
अब इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी, जहां दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी। फिलहाल, Lakshya Sen को राहत मिली है, लेकिन इस विवाद का क्या नतीजा निकलेगा, यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।