इस पोस्ट में हम दे रहे हैं फिल्म रॉकस्टार का Kun Faya Kun Lyrics हिन्दी में। Kun Faya Kun Lyrics 2011 का हिट सूफी सॉंग है जिसे लिखा है इर्शाद कामिल ने और इसका म्यूज़िक दिया A. R. Rehman ने जिन्होने म्यूज़िक के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय और अतंरराष्ट्रीय पुरूस्कार जीते हैं। इस सूफी सॉंग को मोहित चौहान और जावेद अली और ऐ. आर. रहमान ने अपनी आवाज़ से सजाया है।
रॉकस्टार के गीत नादान परिदें के लिए इर्शाद कामिल को बेस्ट राईटर के ग्लोबल इंडियन म्यूज़िक अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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Kun Faya Kun Lyrics सूफी ट्रेडिशन कैटेगिरी में सम्मानित
फिल्म ‘रॉकस्टार’ 11 नवम्बर 2011 को रिलीज़ हुई थी और इस फिल्म ने ढेरों आवॉर्ड् के साथ बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड कायम किये। फिल्म ‘रॉकस्टार’ को ‘ग्लोबल इंडियन म्यूज़िक अवार्ड’ में बेस्ट फिल्म और बेस्ट सिंगर (Kun Faya Kun) के लिए अवॉर्ड दिया गया। ऐ.आर. रहमान को बेस्ट म्यूज़िक डॉयरेक्टर चुना गया। रॉकस्टार के Kun Faya Kun को बेस्ट सॉंग सूफी ट्रेडिशन कैटेगिरी में Mirchi Music Awards और FICCI Frames Excellence Awards से सम्मानित किया गया।
Kun Faya Kun Lyrics को हमने ज्यादा से ज्यादा बार सुना है ताकि कहीं कोई गलती न रहे। सॉंग के बोल इस प्रकार हैं।
या निज़ामुद्दीन औलिया,
या निज़ामुद्दीन सरकार
….. हारमोनियम म्यूजिक …..
कदम बढ़ा ले,
हदों को मिटा ले,
आजा खाली पन में पी का घर तेरा
तेरे बिन खाली आजा खालीपन में — 2
….. कोरस म्यूजिक …..
रंगरेज़ा… — 2
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रंगरेज़ा… — 2
कुन फायाकुन कुन फायाकुन
फायाकुन फायाकुन फायाकुन फायाकुन — 2
जब कहीं पे कुछ नहीं, भी नहीं था
वही था, वही था
वही था, वही था
जब कहीं पे कुछ नहीं, भी नहीं था
वही था, वही था
वही था, वही था
वो जो मुझमें समाया
वो जो तुझमें समाया
मौला वही-वही माया
वो जो मुझमें समाया
वो जो तुझमें समाया
मौला वही-वही माया
कुन फाया कुनकुन फायाकुन
सदा अल्लाहु अली उल अज़ीम
…..म्यूजिक …..
रंगरेज़ा रंग मेरा तन मेरा मन,
ले ले रंगाई चाहे तन चाहे मन,
रंगरेज़ा रंग मेरा तन मेरा मन,
ले ले रंगाई चाहे तन चाहे मन,
सजरा सवेरा मेरे तन बरसे,
कजरा अँधेरा तेरी जलती लौ,
…..म्यूजिक …..
सजरा सवेरा मेरे तन बरसे,
कजरा अँधेरा तेरी जलती लौ,
कतरा मिला जो तेरे दर पर से
ओ मौला… मौला
कुन फायाकुन… कुन फायाकुन… —2
कुन फायाकुन कुन फायाकुन
फायाकुन फायाकुन फायाकुन फायाकुन
जब कहीं पे कुछ नहीं, भी नहीं था
वही था, वही था
वही था, वही था
जब कहीं पे कुछ नहीं, भी नहीं था
वही था, वही था
वही था, वही था
कुन फाया कुनकुन फायाकुन
सदा अल्लाहु अली उल अज़ीम
सदका रसुलु, हुन नबी यूं करीम
सल लल ल्लाहु अलैही वसल्लम — 2
ओ मुझपे करम सरकार तेरा,
अरज तुझे, कर दे मुझे
मुझसे ही रिहा
अब मुझको भी हो दीदार मेरा
कर दे मुझे मुझसे ही रिहा
मुझसे ही रिहा…….
मन के मेरे ये भरम,
कच्चे मेरे ये करम,
लेके चले हैं कहाँ,
मैं तो जानूं ही ना,
तू है मुझमें समाया,
कहाँ लेके मुझे आया,
मैं हूँ तुझमें समाया,
तेरे पीछे चला आया,
तेरा ही मैं एक साया,
तूने मुझको बनाया,
मैं तो जग को न भाया,
तूने गले से लगाया,
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हक तू ही है खुदाया,
सच तू ही है खुदाया, आ….
कुन फायाकुन कुन फायाकुन
फायाकुन फायाकुन फायाकुन फायाकुन — 2
जब कहीं पे कुछ नहीं, भी नहीं था
वही था, वही था
वही था, वही था
जब कहीं पे कुछ नहीं, भी नहीं था
वही था, वही था
वही था, वही था
कुन फाया कुनकुन फायाकुन
सदा अल्लाहु अली उल अज़ीम
सदका रसुलु, हुन नबी यूं करीम
सल लल ल्लाहु अलैही वसल्लम — 2
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