Income Tax Bill Parliament: किसे मिलेगा फायदा और कौन होगा परेशान?

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Income Tax Bill Parliament: नई दिल्ली, भारत सरकार जल्द ही नया आयकर अधिनियम, 2025 संसद में पेश करने जा रही है, जिससे 1961 का पुराना आयकर कानून पूरी तरह से बदल जाएगा। यह विधेयक करदाताओं के लिए नई कर दरों, कटौती, और नियमों को लागू करेगा। नए कानून को अप्रैल 2026 से प्रभावी किए जाने की योजना है। आइए, जानते हैं इस नए बिल के मुख्य प्रावधानों के बारे में।

पुराने आयकर अधिनियम को क्यों बदला जा रहा है?

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1961 का आयकर अधिनियम लगभग छह दशक पुराना हो चुका है। इसमें समय-समय पर बदलाव किए गए, लेकिन आज की आर्थिक संरचना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसे पूरी तरह से नए ढांचे में लाने का निर्णय लिया। नया आयकर अधिनियम करदाताओं को सरल और पारदर्शी प्रणाली प्रदान करेगा और कई जटिलताओं को समाप्त करेगा।

मुख्य बदलाव: ‘पिछला वर्ष’ की जगह ‘कर वर्ष’

नए आयकर विधेयक, 2025 में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि ‘पिछले वर्ष’ (Previous Year) की अवधारणा को हटाकर ‘कर वर्ष’ (Tax Year) को अपनाया गया है। इससे करदाताओं को अपनी आय की गणना और कर भुगतान में आसानी होगी।

नई कर स्लैब: कौन कितना टैक्स देगा?

नए बिल के अनुसार, व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर स्लैब इस प्रकार होंगे—

  • ₹4,00,000 तक – कोई टैक्स नहीं
  • ₹4,00,001 से ₹8,00,000 तक – 5%
  • ₹8,00,001 से ₹12,00,000 तक – 10%
  • ₹12,00,001 से ₹16,00,000 तक – 15%
  • ₹16,00,001 से ₹20,00,000 तक – 20%
  • ₹20,00,001 से ₹24,00,000 तक – 25%
  • ₹24,00,000 से अधिक – 30%
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नए ढांचे में छोटे करदाताओं को राहत मिलेगी, जबकि उच्च आय वालों को अधिक टैक्स देना होगा।

नए नियम: वेतन, पेंशन और मुआवज़े में क्या बदलेगा?

1. वेतन से कटौती

  • मानक कटौती – कर्मचारियों को ₹50,000 तक की कटौती का लाभ मिलेगा।
  • रोजगार पर कर – संविधान के अनुच्छेद 276(2) के तहत भुगतान किया गया कर पूरी तरह से कटौती योग्य होगा।

2. पेंशन और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

  • सरकारी कर्मचारियों की पेंशन – कम्युटेशन पूरी तरह से कर-मुक्त होगी।
  • स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना – ₹5,00,000 तक का भुगतान कर-मुक्त होगा।

कैसे प्रभावित होंगे करदाता?

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नए बिल में कई छूट और कटौतियां हटा दी गई हैं, जिससे कुछ लोगों को अधिक टैक्स देना पड़ सकता है। खासकर गृह संपत्ति, पूंजीगत लाभ और निवेश पर मिलने वाली छूट सीमित कर दी गई है। इससे निवेशकों और गृह संपत्ति मालिकों को योजना बनाकर निवेश करना होगा।

सरकार की मंशा: कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि सरकार करदाताओं के लिए कई सुधारात्मक कदम उठा रही है। फेसलेस मूल्यांकन, करदाताओं का चार्टर, और तेज़ रिटर्न प्रोसेसिंग जैसी सुविधाएं पहले से लागू की जा चुकी हैं। नया आयकर बिल भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

करदाताओं के लिए क्या होगा फायदेमंद?

नए आयकर अधिनियम, 2025 से मध्यम वर्ग को राहत मिलने की संभावना है, लेकिन उच्च आय वालों को ज्यादा कर देना पड़ सकता है। सरकार की कोशिश है कि कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाया जाए, जिससे करदाताओं को अधिक सुविधा मिले और टैक्स चोरी पर लगाम लग सके

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