Brain Eating Amoeba: मस्तिष्क खाने वाले कीड़े “अमीबा” ने केरल के युवक की ली जान, आप भी रहें सतर्क

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केरल के रहने वाले 15 वर्षीय गुरूदत्त की मौत का कारण एक ऐसा कीड़ा बना जो मनुष्य के मस्तिष्क को खाता है। जी हां “अमीबा” (Brain Eating Amoeba) नाम का ये कीड़ा मनुष्य के मस्तिष्क को खा जाता है जिससे इंसान की मौत हो जाती है। केरल के अलाप्पुझा क्षेत्र में 15 वर्षीय यूवक का पिछले 6 दिनों से ईलाज चल रहा था लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में नकाम रहे और शुक्रवार को यूवक ने अलाप्पुझा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आखिरी सांस ली।

Brain Eating Amoeba

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कुछ ही दिन पहले नहाते समय ये सूक्ष्म कीड़ा (Brain Eating Amoeba) यूवक की नाक से होते हुए मस्तिष्क तक पहुंच गया। मृत्यु के बाद स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (केरल) ने बताया कि प्रदूषित पानी में पनपने वाले अमीबा के कारण हुए संक्रमण से यूवक की जान गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमीबा प्रदूषित नहर या तालाब के पानी में पाया जाता है (Where do Amoebas Live) जो नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचता है। गुरूदत्त भी पिछले हफ्ते अपने घर के नजदीक किसी तालाब में नहाने के लिए गया था। डॉक्टरों के मुताबिक इसी कारण अमीबा उसके मस्तिष्क तक पहुंचा होगा।

तालाबा में नहाने के कुछ ही दिन बाद यूवक को गंभीर सिरदर्द और बुखार (Brain Eating Amoeba Symptoms) की समस्या आई जिस पर लोगों ने उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान उसके देखने की क्षमता भी चली गई थी। जांच के बाद बीमारी की पुष्टि हुई लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने 6 दिन तक यूवक का ईलाज किया परन्तु वे सफल नहीं हो सके और शुक्रवार को यूवक की मौत हो गई।

चिंता की बात नहींः वीना जॉर्ज

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि ये एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा बीमारी है। इससे किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि किसी कीचड़ वाले तालाब, नहर आदि में नहाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। मृत यूवक के शरीर के नमूने जांच के लिए, पुडुचेरी स्थित जवाहरलाल पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च को भेज दिये गऐ हैं।

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पिछले 7 वर्षों में 5वां मामला

आपको बता दें कि ये बहुत ही दुर्लभ बीमारी है और प्रति 10 हजार में किसी एक व्यक्ति को प्रभावित करती है। केरल में पिछले 7 वर्षों में ये पांचवा मामला है। आखिरी बार 2016 में अलाप्पुझा निगम के तिरुमाला वार्ड में एक मामला दर्ज किया गया था

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कुल मामलों में मलप्पुरम से 2, कोइकोड और त्रिशूर से 1-1 मामला सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिस क्षेत्र से नवीनतम मामला सामने आया है उस क्षेत्र में एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि यदि किसी व्यक्ति को ये बीमारी हो जाती है तो उसके बचने की संभावना लगभग ज़ीरो होती है।

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