नई दिल्ली, ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए एक सत्र और एक दिन शेष रहते हुए मुकाबला जीत लिया। इस जीत ने मेज़बान टीम को टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार का सामना कराया। श्रीलंका को पारी और 242 रन से करारी हार मिली, जो उनकी अब तक की सबसे बड़ी हार साबित हुई। इससे पहले, 2017 में भारत से नागपुर में मिली हार (पारी और 239 रन) को सबसे बड़ी हार माना जाता था, लेकिन अब यह रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया गया।
कुह्नमैन और लियोन का बेहतरीन प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्पिन गेंदबाज मैथ्यू कुह्नमैन और नाथन लियोन ने इस मैच में अहम भूमिका निभाई। इन दोनों ने मिलकर श्रीलंका के कमजोर बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस किया और कुल 16 विकेट चटकाए। कुह्नमैन ने 149 रन देकर 9 विकेट लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ टेस्ट प्रदर्शन किया। उनका यह प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में एक नया मानक स्थापित करता है।
श्रीलंका का प्रतिरोध कमजोर
श्रीलंका ने पहले टेस्ट मैच के दौरान शुरुआत में थोड़ा प्रतिरोध दिखाया, लेकिन जल्दी ही उनके बल्लेबाज एक-एक करके आउट होते गए। लंच से पहले ही उन्होंने आठ विकेट गंवा दिए, और फिर लंच और चाय के बीच में सात विकेट और खो दिए। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक गेंदबाजी और बेहतरीन क्षेत्ररक्षण ने श्रीलंकाई टीम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
Jeffrey Vandersay का आक्रमक जवाब
श्रीलंका की पारी में दिनेश चंडीमल ने 72 रन बनाए, जो टीम के लिए एकमात्र महत्वपूर्ण पारी थी। हालांकि, दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए Jeffrey Vandersay ने 47 गेंदों में 53 रन बनाकर कुछ हद तक आक्रमक खेल का प्रदर्शन किया। उनका यह खेल दर्शाता है कि पिच में कोई खास समस्या नहीं थी, बल्कि पूरी तरह से बल्लेबाजों की तकनीक और समझ की कमी थी। बावजूद इसके, वह श्रीलंका को हार से बचा नहीं पाए और चार रन से बचने की उम्मीद पूरी नहीं कर सके।
श्रीलंका की बल्लेबाजी पर सवाल
श्रीलंका की बल्लेबाजी पूरी तरह से बिखर गई थी। टीम के बल्लेबाजों की साझेदारी में कमी, अनुशासन की कमी और स्मार्ट शॉट चयन का अभाव साफ तौर पर देखने को मिला। टेस्ट मैच में श्रीलंका ने केवल दो अर्धशतक बनाए, जो उनकी बल्लेबाजी की कमजोरी को दर्शाता है। श्रीलंका को अब गॉल में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए अपनी रणनीति और टीम चयन में बदलाव की आवश्यकता होगी।
कप्तान का बयान और भविष्य की उम्मीदें
श्रीलंका के कप्तान धनंजय डी सिल्वा ने हार के बाद यह उम्मीद जताई कि उनकी टीम 2019 में हार चुकी वार्न-मुरली ट्रॉफी को दोबारा जीतने के लिए संघर्ष करेगी। हालांकि, अब ऑस्ट्रेलिया ने 1-0 की बढ़त ले ली है, जिससे ट्रॉफी उनके पास ही रहेगी। डी सिल्वा का लक्ष्य था कि उनकी टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप स्टैंडिंग में तीसरे स्थान तक पहुंच सके, लेकिन इस हार के बाद श्रीलंका सातवें स्थान पर खिसक गया है।