दिल्ली में कोरोना के बढ़ते ग्राफ के मद्देनज़र दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार को प्रस्तावा भेजा है कि कोरोना हॉटस्पॉट संभावित व्यस्त बाज़ारों में लॉकडाउन लगाने का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया जाए।
इसके साथ ही मंगलवार को केजरीवाल सरकार ने शादी समारोह में 200 लोगों के शामिल होने वाले फैसले को वापस ले लिया है। नये नियम के अनुसार अब केवल 50 लोग ही शादियों में शामिल हो सकते हैं।
पिछले कुछ दिनों से त्यौहारों के चलते बाज़ारों में अच्छी खासी भीड़ देखी गई जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है और अब दिल्ली में कोरोना मरीज़ों की संख्या भी बढ़ रही है।
आपको बता दें मौजूदा स्थिति में दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 99 कोरोना मरीज़ों की मृत्यु हुई है जो महाराष्ट्र से भी अधिक है। केवल दिल्ली में अबतक 1100 से अधिक मरीज़ अपनी जान गंवा चुके हैं।
गौरतलब है कि 6 नवम्बर को दिल्ली में रिकॉर्ड 7,178 पॉजिटिव केस दर्ज किये गऐ थे।
दिल्ली सरकार प्रस्ताव के द्वारा ये अनुमति चाहती है कि जिन व्यस्त जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का पालन नहीं हो रहा है उन क्षेत्रों को अस्थाई रूप से बन्द कर दिया जाए ताकि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।
दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर CAIT ने जताई आपत्ति
दिल्ली सरकार के केन्द्र को प्रस्ताव को लेकर Confederation of all india traders (CAIT) ने आपत्ति जताई है। कैट ने कहा कि दिल्ली सरकार का ये कदम आत्मघाती साबित हो सकता है इससे लाखों लोगों की जीविका पर गहरा संकट पड़ सकता।
कैट का गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से आग्रह है कि इस प्रस्ताव पर कोई भी निणर्य लेने से पहले व्यापारियों से बातचीत अवश्य की जानी चाहिए। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार का ये प्रस्ताव, कोरोना से निपटने में दिल्ली सरकार की विफलता को दिखाता है।
खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना केस का बढ़ना निश्चित तौर पर गंभीर विषय है परन्तु इस पर सरकार द्वारा रणनीति बनाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होने ये भी कहा कि इस फैसल से नियमित वस्तुओं के साथ साथ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर भी प्रभाव पड़ेगा।