भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई के 40 चूल्हो में तोड़फोड़, पुलिस कर रही CCTV फुटेज की जांच

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जगन्नाथ पुरी। ओडिशा के पुरी में विश्वप्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई के करीब 40 चूल्हों को रविवार को टूटी​ स्थिति में पाये गऐ। सम्बधित अधिकारियों ने इस खबर की जानकारी दी। (Demolition in the Hearths of Jagannath Temple)

अधिकारियों के अनुसार इन चूल्हों का प्रयोग ‘महाप्रसाद’ तैयार करने में किया जाता था और इस प्रसाद का भोग भगवान जगन्नाथ को ‘रोस घर’ (रसोई घर) में लगाया जाता है। आपको बता दें कि ये विश्व की सबसे बड़ी रसोई है। यहां रोजाना करीब 300 क्विंटल चावल बनाया जाता है।

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40 चूल्हों में तोड़फोड़

पुलिस अधीक्षक वीके सिंह के साथ रसोई का दौरा करने के बाद, क्षेत्र के जिला अधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया, ‘‘रोस घर के करीब 40 चूल्हों में तोड़फोड़ की गई है। हमने इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

CCTV फुटेज की जांच की जारी

उन्होंने कहा कि आरोपियों पकड़ने के लिए एवं पहचान करने के लिए मंदिर की CCTV फुटेज की जांच की जा रही है। समर्थ वर्मा आगे कहा कि पुलिस और मंदिर के अधिकारियों की संयुक्त जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने ये भी बताया कि इस घटना के कारण श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण का कार्य थोड़ा प्रभावित होगा। इसके साथ ये भी दावा किया गया है कि 2 दिनों में स्थिति सामान्य कर दी जाएगी।

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समर्थ वर्मा ने कहा कि मंदिर में होने वाले अनुष्ठान किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि केवल एक या दो ‘‘कोठा चूल्हों’’ में तोड़फोड़ हुई है जिन पर बने प्रसाद का भोग मंदिर प्रशासन द्वारा भगवान जगन्नाथ को दिया जाता है जबकि बचे चूल्हे सुरक्षित हैं।

अधिकारी ने कहा, कि इस घटना से भगवान जगन्नाथ को ‘सकल धूप (सुबह का भोग) अर्पित करने में लगभग 30 मिनट का विलम्ब हुआ।

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बता दें कि 12वीं सदी के मंदिर के दस्तावेजों के मुताबिक मंदिर में कुल 240 चूल्हें हैं जिनमें से 40 को क्षतिग्रस्त (Demolition in the Hearths of Jagannath Temple) किया गया है। उन्होने कहा कि केवल ‘सौरा’ (खाना बनाने वाला रसोईया) को ही रसोई घर में जाने की अनुमति होती है और ये संदेह है कि शनिवार की रात ‘चूल्हों’ में तोड़फोड़ की घटना में कुछ सेवादार ही संलिप्त रहे होंगे क्योंकि पारंपरिक अनुष्ठान को पूरा करने को लेकर कुछ वाद विवाद हुआ था।

अधिकारियों ने बताया कि ‘महाप्रसाद’ केवल मिट्टी के बर्तनों में ही बनाया जाता है। तोड़फोड की इस घटना के बाद से मंदिर की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

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