क्या ‘Be Happy’ फिल्म आपको भी रुला देगी? जानिए फिल्म की पूरी समीक्षा!

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नई दिल्ली, फिल्म इंडस्ट्री में हर साल कई फिल्मों का निर्माण होता है, लेकिन कुछ फिल्में दिल को छू जाती हैं और दर्शकों को गहरे प्रभाव में छोड़ देती हैं। ऐसी ही एक फिल्म है ‘Be Happy’। इस फिल्म में अभिषेक बच्चन और इनायत वर्मा मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा ने किया है और यह फिल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर प्रीमियर हुई है। फिल्म की कहानी एक पिता-पुत्री के रिश्ते और डांस के जुनून के इर्द-गिर्द घूमती है। आइए जानते हैं कि इस फिल्म में हमें क्या देखने को मिलता है।

कहानी: एक पिता और बेटी की प्रेरक यात्रा

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फिल्म की कहानी शिव रस्तोगी (अभिषेक बच्चन) और उनकी छोटी सी बेटी धरा (इनायत वर्मा) की है। शिव एक अकेले पिता हैं जो अपने बैंक की नौकरी के साथ अपनी बेटी की परवरिश कर रहे हैं। उनकी बेटी धरा का डांस के प्रति गहरा प्रेम है, लेकिन शिव उसे हमेशा इससे दूर रखने की कोशिश करते हैं। हालांकि, एक दिन धरा को डांस प्रदर्शन में इतनी प्रशंसा मिलती है कि शिव का दृष्टिकोण बदल जाता है और वह उसकी मदद करने का निर्णय लेते हैं।

धरा एक प्रसिद्ध नृत्य शिक्षिका मैगी (नोरा फतेही) से प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहती है, जिससे वह इंडियाज़ सुपरस्टार डांसर के ऑडिशन के लिए जा सकती है। शिव अपनी बेटी को उसके सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई भेजते हैं। लेकिन जैसे-जैसे धरा प्रतियोगिता में आगे बढ़ती है, एक अप्रत्याशित घटना उसे प्रतियोगिता से बाहर कर देती है। फिल्म में यह सवाल उठता है कि क्या धरा अपने सपनों को पूरा कर पाएगी और क्या शिव अपनी बेटी के संघर्ष में उसका साथ देंगे।

प्लस पॉइंट्स:

  1. इनायत वर्मा का बेहतरीन अभिनय: इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इनायत वर्मा का अभिनय है। उन्होंने धरा के किरदार को इतनी निपुणता से निभाया है कि दर्शक उनके साथ हर भावनात्मक पल महसूस करते हैं। उनके डांस मूव्स और हाव-भाव फिल्म को जीवंत बना देते हैं।
  2. अभिषेक बच्चन की भावनात्मक गहराई: अभिषेक बच्चन ने पिता की भूमिका में अद्वितीय प्रदर्शन किया है। उनके अभिनय में एक दयालु, संयमित और चिंतित पिता की छवि उभरकर सामने आती है। फिल्म के कई भावनात्मक क्षणों में उनकी अभिनय क्षमता चमकती है, खासकर धरा के साथ उनके डांस सीक्वेंस में।
  3. नोरा फतेही का अभिनय: नोरा फतेही ने फिल्म में एक नृत्य शिक्षिका की भूमिका अदा की है और उनका प्रदर्शन काफी प्रभावशाली है। उनकी उपस्थिति फिल्म में एक नई ऊर्जा लेकर आती है।

माइनस पॉइंट्स:

  1. धीमी गति: फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसकी धीमी गति है। कहानी धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और कई बार ऐसा लगता है कि फिल्म में गति की कमी है। कुछ दर्शकों के लिए यह धैर्य की परीक्षा हो सकता है।
  2. पूर्वानुमानित कहानी: कहानी का अधिकांश हिस्सा पूर्वानुमानित है। हालांकि कुछ अप्रत्याशित घटनाएं हैं, लेकिन ये फिल्म को और रोमांचक नहीं बना पातीं।
  3. जॉनी लीवर का अनावश्यक किरदार: फिल्म में जॉनी लीवर का किरदार कुछ खास नहीं है। उनका किरदार फिल्म में एक हल्की कॉमिक राहत के तौर पर रखा गया है, लेकिन इसका फिल्म की कहानी पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता।
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तकनीकी पहलू:

रेमो डिसूजा ने फिल्म की कहानी को एक दिल छूने वाली डांस ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया है। हालांकि, कहानी में और आकर्षण जोड़ने के लिए पटकथा में कुछ बदलाव किए जा सकते थे। सिनेमैटोग्राफी में विजय कुमार अरोड़ा का काम अच्छा है, और फिल्म के दृश्य दर्शकों को आकर्षित करते हैं। संगीत भी फिल्म की भावना से मेल खाता है, लेकिन कभी-कभी यह थोड़ा सामान्य सा लगता है। फिल्म में कुछ बेहतर संपादन की जरूरत थी ताकि इसकी गति को थोड़ा और बेहतर किया जा सके।

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