नई दिल्ली, क्रिकेट के शुरुआती दौर में वनडे मैचों में सलामी बल्लेबाजों से उम्मीद की जाती थी कि वे धीरे-धीरे पारी को संभालें और टीम को एक मजबूत नींव प्रदान करें। Sunil Gavaskar और ज्योफ बॉयकॉट जैसे दिग्गज बल्लेबाज इसी रणनीति के साथ खेलते थे। उस समय सलामी बल्लेबाजों का मुख्य उद्देश्य नई गेंद का सामना करना और मध्यक्रम के लिए एक अच्छा मंच तैयार करना था।
90 के दशक में आया बदलाव
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1990 के दशक के मध्य तक क्रिकेट के इस फॉर्मेट में बड़ा बदलाव देखने को मिला। श्रीलंका के सनथ जयसूर्या और रोमेश कालुविथराना ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली से नई मिसाल कायम की। उन्होंने पहली ही गेंद से गेंदबाजों पर आक्रमण कर दिया और 1996 वर्ल्ड कप में श्रीलंका की जीत में अहम भूमिका निभाई।
इसके बाद, बाकी टीमों ने भी इस आक्रामक शैली को अपनाना शुरू कर दिया और वनडे क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजों की भूमिका पूरी तरह बदल गई। अब बल्लेबाजों से यह उम्मीद की जाने लगी कि वे शुरुआती ओवरों में तेजी से रन बनाएँ, ताकि टीम के लिए बड़ा स्कोर खड़ा किया जा सके।
2000 के दशक में और आक्रामक हुए ओपनिंग बल्लेबाज
2000 के दशक की शुरुआत में एडम गिलक्रिस्ट ने आक्रामक बल्लेबाजी को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया। उन्होंने 2003 और 2007 के वर्ल्ड कप में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरुआत दी।
इसके बाद भारत के वीरेंद्र सहवाग ने भी यही रणनीति अपनाई और वनडे क्रिकेट में निडर होकर खेलने का फॉर्मूला अपनाया। उनकी बल्लेबाजी की विशेषता यह थी कि वे शुरुआती ओवरों में ही तेज गति से रन बनाते थे, जिससे विपक्षी टीम पर दबाव बना रहता था।
2015 वर्ल्ड कप में ब्रेंडन मैकुलम ने इसी शैली को अपनाते हुए पहले 10 ओवरों में ही गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ा दीं। उनकी बल्लेबाजी से यह साफ हो गया कि अब वनडे क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजों का रोल केवल टिककर खेलने का नहीं, बल्कि आक्रामक होकर रन बनाने का हो गया है।
आधुनिक क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजों की नई रणनीति
आज के दौर में सलामी बल्लेबाज सिर्फ आक्रामकता पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि वे आक्रमण और संतुलित खेल के बीच सही तालमेल बिठाते हैं। रोहित शर्मा, डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो जैसे बल्लेबाज अपनी पारी को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं और फिर विस्फोटक अंदाज में रन बनाते हैं।
रोहित शर्मा ने खासतौर पर इस शैली को अपनाया और वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने साबित किया कि एक सलामी बल्लेबाज न केवल पारी की अच्छी शुरुआत कर सकता है, बल्कि लंबी पारियां खेलकर टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचा सकता है।
Sunil Gavaskar ने बताया सबसे खतरनाक सलामी बल्लेबाज
पूर्व भारतीय क्रिकेटर Sunil Gavaskar ने हाल ही में रोहित शर्मा को वनडे क्रिकेट का सबसे विनाशकारी सलामी बल्लेबाज बताया। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच में रोहित की शानदार पारी की तारीफ की, जिसमें उन्होंने 90 गेंदों में 119 रन बनाकर भारत को जीत दिलाई।
Sunil Gavaskar ने कहा कि रोहित की बल्लेबाजी शैली भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अगर टीम को चैंपियंस ट्रॉफी जीतनी है, तो उनकी फॉर्म सबसे अहम भूमिका निभाएगी।