Nithin Kamath: विज्ञापन से दूरी, सफलता की करीबी, ज़ेरोधा की अनूठी कहानी।
Nithin Kamath: नई दिल्ली, ज़ेरोधा, भारत का अग्रणी निवेश मंच, अपनी अनूठी रणनीति के कारण चर्चा में है। 16 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं और 6 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति का प्रबंधन करने वाला यह मंच पारंपरिक विज्ञापन के बिना ही इतनी ऊंचाई पर पहुंचा है। कंपनी के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने बताया कि विज्ञापन न करने का फ़ैसला केवल रणनीतिक नहीं, बल्कि दार्शनिक भी था।
उनके अनुसार, “भारत में लाभ कमाना कठिन है। अगर हम विज्ञापन करते, तो हमारा अधिकांश मुनाफ़ा Google और मेटा जैसी कंपनियों को चला जाता।” यह सोच ज़ेरोधा को दूसरों से अलग बनाती है।
ग्राहकों का भरोसा और रेफ़रल से वृद्धि
ज़ेरोधा के 30% ग्राहक रेफ़रल के माध्यम से आते हैं। Nithin Kamath का मानना है कि लोग शेयर बाजार में निवेश करने का निर्णय किसी विज्ञापन से प्रेरित नहीं होते, बल्कि दोस्तों और परिवार से प्रभावित होते हैं। यह वर्ड-ऑफ-माउथ रणनीति हर महीने ज़ेरोधा को 2-4 लाख नए खाते जोड़ने में मदद करती है।
Nithin Kamath ने इसे इस तरह समझाया, “किसी व्यवसाय को विकसित करने के लिए आपके ग्राहकों का आप पर भरोसा होना सबसे ज़रूरी है। हमारा उद्देश्य उन्हें सेवा से जोड़ना है, न कि विज्ञापन के माध्यम से।”
विज्ञापन को छोड़ने का दर्शन
Nithin Kamath ने विज्ञापन की तुलना एक लत से की। उन्होंने कहा, “विज्ञापन कोकीन की तरह है। एक बार जब आप इसकी आदत डाल लेते हैं, तो आपका व्यवसाय इस पर निर्भर हो जाता है।” ज़ेरोधा ने शुरू से ही ऑर्गेनिक ग्रोथ को प्राथमिकता दी है। उनकी रणनीति “कोई स्पैम नहीं, कोई लालच नहीं, केवल अच्छी सेवा” पर आधारित है।
क्षेत्रीय बाज़ारों में चुनौतियाँ
हालांकि ज़ेरोधा ने अंग्रेजी बोलने वाले भारतीयों के बीच मजबूत पकड़ बनाई है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे हिंदी भाषी क्षेत्रों में इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कामथ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हिंदी भाषी बाज़ारों में हमारी उपस्थिति उतनी मजबूत नहीं है जितनी अंग्रेजी बोलने वाले क्षेत्रों में है।”
इस कमी को दूर करने के लिए कंपनी ने हिंदी भाषा में सामग्री चैनल लॉन्च किए हैं, ताकि व्यापक जनसांख्यिकी को जोड़ा जा सके।
ग्राहक प्रतिधारण पर ज़ोर
ज़ेरोधा की सबसे बड़ी ताकत 35-50 आयु वर्ग के ग्राहकों के बीच है, जो सेवा की गुणवत्ता और भरोसे को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, 55 से ऊपर के ग्राहकों को जोड़ने में उन्हें थोड़ी कठिनाई हुई है।
Nithin Kamath का चिंतन
Nithin Kamath का मानना है कि उनका यह निर्णय कि वे विज्ञापन नहीं करेंगे, उन्हें उनके दर्शन और मूल्यों के साथ जोड़े रखता है। उन्होंने कहा, “हमारे पास सही उत्तर नहीं है कि यह फैसला कितना सही था, लेकिन यह निश्चित रूप से हमें हमारी प्राथमिकताओं पर केंद्रित रहने में मदद करता है।”