National Sweet in India | भारत की राष्ट्रीय मिठाई क्या है और कैसे बनाई जाती है
हैलो दोस्तों, आपको मालूम ही होगा की हमारे देश का राष्ट्रीय जानवर, राष्ट्रीय फूल, राष्ट्रीय पक्षी या राष्ट्रीय पशु क्या है लेकिन क्या आप जानते है की भारत की राष्ट्रीय मिठाई (National Sweet in India) क्या है? हमारे इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है की भारत की राष्ट्रीय मिठाई क्या है?
भारत में मिठाइयों को अच्छे संकेत का प्रतीक माना जाता है। मिठाइयां हर अवसरों और त्योहारों में बहुत अहम होती है। पूरे विश्व में उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक सभी लोगों को मिठाइयां बेहद पसंद आती है। चाहे बच्चे हो या बड़े सबको ही मिठाइयां बहुत भाती है।
भारत के अलग अलग हिस्से में अलग अलग तरह की मिठाइयां बनाई जाती है। यह मिठाइयां केवल भारत में ही भी बल्कि भारत के बाहर रहने वाले लोगों को भी बहुत पसंद आती है।
- भारत की राष्ट्रीय मिठाई (National Sweet in India)
- जलेबी का इतिहास (History of Jalebi)
- जलेबी राष्ट्रीय मिठाई क्यों है?
- जलेबी खाने के फायदे
- दूध के साथ जलेबी खाने से क्या होता है
- सुबह सुबह जलेबी खाने से क्या होता है
- जलेबी में कितना फैट होता है?
- सादा जलेबी बनाने की रेसिपी (Recipe of Jalebi)
- जलेबी बनाने की विधि
- पनीर जलेबी बनाने की रेसिपी (Recipe of Paneer Jalebi)
- पनीर जलेबी बनाने की विधि
भारत की राष्ट्रीय मिठाई (National Sweet in India)
भारत की विभिन्न मिठाइयों में एक जलेबी को राष्ट्रीय मिठाई माना गया है। जलेबी को भारत में विभिन्न प्रदेशों में अलग अलग नाम से भी बोला जाता है जैसे जिलीपी, जिलापी, मुशाबक, जुल्बिया आदि लेकिन अधिकतर जगह इसे जलेबी के नाम से ही जाना जाता है।
जलेबी पूरे भारत देश में बहुत मशहूर मिठाई है जो गरम और ठंडी दोनों तरीके से खाई जाती है। जलेबी में इस्तेमाल होने वाली सामग्री है मैदा, केसर, घी/ रिफाइंड या देशी और चीनी। जलेबी को रबड़ी, दही या दूध के साथ भी खाया जा सकता है।
जलेबी का इतिहास (History of Jalebi)
जलेबी शब्द अरेबिक (Arabic) शब्द ‘जलाबिया’ और फारसी शब्द ‘जलिबिया’ से लिया गया है इसका उल्लेख ‘किताब-अल-तबीक़’ नामक एक पुस्तक में भी दर्ज है। यह पुस्तक मध्यकालीन समय की पुस्तक है। इस पुस्तक के अनुसार जलेबी का उद्भव पश्चिम एशिया में हुआ था। ईरान में जलेबी ‘जुलाबिया’ या ‘जुलुबिया’ के नाम से मिलती है। 10वीं सदी की अरेबिक पाक कला में अलग-अलग तरह की जलेबी बनाने की रेसिपी (Jalebi Recipe) का वर्णन मिलता है। ‘भोजनकुटुहला’ नामक किताब और संस्कृत पुस्तक ‘गुण्यगुणबोधिनी’ में भी जलेबी के बारे में लिखा गया है जो 17वीं सदी की प्रसिद्ध किताबें हैं।
ऐसा माना जाता है कि जलेबी का इतिहास कम से कम 500 साल पुराना है। पर्शियन जुबान वाले तुर्की आक्रमणकारियों के साथ जलेबी पहली बार भारत पहुंची थी। समय के साथ जलेबी में बहुत से नए-नए स्वाद और परिवर्तन आए।
केवल भारत में ही नहीं, जलेबी विदेशों में भी अलग-अलग नाम से मिलती है। अरब में ‘जलाबिया’, ईरान में ‘जुलुबिया’, नेपाल में मिलने वाली ‘जेरी’ भी जलेबी का ही एक रूप है। मध्यपूर्व (Middle East) में खाई जाने वाली जलेबी हमारी भारत की जलेबी से पतली, कुरकुरी और कम मीठी होती है।
भारत में विभिन्न त्यौहारों के अवसर पर या किसी खुशी के माहौल में मिठाईयों का चलन है लेकिन अब हम इस आर्टिकल National Sweet in India में बताते हैं कि केवल जलेबी को ही राष्ट्रीय मिठाई क्यों माना गया है।
जलेबी राष्ट्रीय मिठाई क्यों है?
चाशनी में डूबी हुई गरम गरम मीठी जलेबी भारत में रहने वाले अधिकतर लोगों को पसंद होती है। छोटे हो या बड़े, बच्चे हो या बूढ़े हर व्यक्ति की जलेबी पसंदीदा मिठाई होती ही है। भारत के लोगों को जलेबी से बेहद प्यार होने के कारण, लोग जलेबी को अनाधिकृत (Unauthorised) रूप से राष्ट्रीय मिठाई मानते हैं।
जलेबी खाने के फायदे
जैसा कि आपको पता ही होगा जलेबी में चीनी और घी/रिफाइंड/देशी घी मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है। चीनी, घी/ रिफाइंड में काफी ज्यादा मात्रा में कैलोरी (Calories) होती हैं। अगर कोई व्यक्ति बहुत ही पतला दुबला या कमजोर है और वो अपना वज़न बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें जलेबी और दूध का सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में कैलोरीज़ होने की वजह से जलेबी खाने से किसी भी व्यक्ति का वज़न बढ़ सकता है।
किन्तु जलेबी की अत्याधिक मात्रा से आपको नुकसान भी हो सकता है। जलेबी को चीनी का चाश्नी में डुबोया जाता है जिससके कारण जलेबी अत्यधिक मीठी होती है। ज्यादा मीठा खाने से किसी को मधुमेह (Diabetes) रोग भी हो सकता है। इसलिए जलेबी की सही मात्रा ही लें।
दूध के साथ जलेबी खाने से क्या होता है
आमतौर पर लोग सादी जलेबी ही खाना पसंद करते है लेकिन कुछ लोग पनीर जलेबी, दूध के साथ जलेबी, रबड़ी के साथ जलेबी भी खाना बहुत पसंद करते हैं। जलेबी को दूध या रबड़ी के साथ खाने से इसका स्वाद और भी ज्यादा अच्छा हो जाता है और दुबले पतले लागों का वज़न भी बढ़ जाता है।
अब हम आपको दूध के साथ जलेबी मिला कर खाने से क्या फायदे होंगे वो सब भी बताने जा रहे हैं।
दूध जलेबी वज़न बढ़ाने में सहायक
दूध तो पहले से ही सेहत के लिए बहुत लाभकारी है अगर उसमें जलेबी मिलाकर खाई जाए तो उसके स्वाद की तो बात ही कुछ और हो जाती है। पतले दुबले लोगो के लिए यह फायदा बहुत सहायक हो सकता है। अगर कोई पतला दुबला व्यक्ति हर रोज़ एक गिलास दूध के साथ जलेबी मिलाकर खाता है तो उनका वज़न जल्दी बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जलेबी में मौजूद घी/ रिफाइंड और चीनी से बनी चाशनी में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है जो किसी भी पतले दुबले व्यक्ति का वज़न बहुत जल्दी से बढ़ा सकती है।
दूध जलेबी खाने से स्ट्रेस में कमी
दूध को जलेबी के साथ मिलाकर खाने से स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स (Health Experts) का ऐसा मानना है की दूध और जलेबी को मिलाकर खाने से स्ट्रेस हार्मोन्स को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसा भी माना जाता है की जलेबी के सेवन से याद्दाश्त (Memory Power) भी बढ़ सकती है।
दूध जलेबी से माइग्रेन में आराम
ऐसा भी माना जाता है की दूध जलेबी का सेवन करने से माइग्रेन (Migraine) से पीड़ित रोगी को आराम मिल सकता है। माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जिसमे सिर में बहुत भयानक और असहनीय दर्द रहता है। वैसे तो माइग्रेन की समस्या होने पर तुरंत ही डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। माइग्रेन से या किसी भी समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को दूध जलेबी या कोई भी और चीज़ खाने या उसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
सुबह सुबह जलेबी खाने से क्या होता है
सुबह का नाश्ता हर व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। बहुत से लोग सुबह के नाश्ते में जलेबी खाना बहुत पसंद करते हैं। कुछ लोग दूध के साथ या कुछ लोग जलेबी को दही के साथ खाना पसंद करते हैं।
आज भी पारम्परिक तौर पर लोग ऐसा मानते है की कुछ शुभ काम करने से पहले दूध जलेबी खानी चाहिए ताकि उनका काम मंगलमय तरीके से हो सके।
ऐसा भी माना जाता है की सुबह के नाश्ते में खाई जाने वाली दूध जलेबी आपको हल्के सर्दी जुखाम से होने वाली सांस लेने में तकलीफ से भी आराम दिला सकती है। इसके लिए आप एक नॉर्मल साइज़ की जलेबी को एक कप गरम दूध में डूबाकर उसे खा सकते है।
सूचना: इस आर्टिकल National Sweet in India में दी गई सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। ऊपर दी गई किसी भी जानकारी या सूचना को पढ़कर किसी भी चीज़ या उपाय को उपयोग में लाने से पहले अपने चिकित्सक (डॉक्टर) से सलाह (Consult) जरूर लें।
जलेबी में कितना फैट होता है?
जलेबी से होने वाले फायदों के बारे में तो आप सब जान चुके हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जलेबी में कितना फैट और कितनी कैलोरीज़ होती है? अगर नहीं तो हम आपको यह भी बता देते हैं।
जलेबी के एक टुकड़े में 15 ग्राम से ज्यादा फैट होता है और वहीं कैलोरीज़ की बात करें तो जलेबी के एक टुकड़े में 88.8 से ज्यादा कैलोरीज़ होती है।
इतनी अधिक मात्रा में कैलोरीज़ और फैट होने के कारण जलेबी आपके ब्लड शुगर लेवल और कैलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर को बढ़ा सकती है। ब्लड शुगर और कैलेस्ट्रॉल से पीड़ित व्यक्तियों को हमेशा इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए।
अधिक मात्रा में जलेबी खाने से ब्लड शुगर और कैलेस्ट्रॉल ही नहीं बल्कि हार्मोनल बैलेंस भी बिगड़ सकता है जिसके चलते आपको हार्ट डिज़ीज़ (Heart Disease), वाटर रिटेंशन (Water Retention) और त्वचा (Skin) संम्बधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
सादा जलेबी बनाने की रेसिपी (Recipe of Jalebi)
हमारे लेख National Sweet in India में आपने जलेबी खाने से होने वाले सभी फायदे और नुकसान जान लिए हैं, अब हमारे इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि जलेबी कैसे बनाई जाती है।
जलेबी बनाने के लिए घोल की सामग्री
मैदा : 1 कप
बेसन : 2 चम्मच
इलायची (पाउडर) : 1 चम्मच
खाना सोडा : 1 चम्मच
दही : 4 चम्मच
खाने वाला पीला रंग : 1/2 चम्मच
जलेबी तलने के लिए घी या रिफाइंड
चाशनी बनाने के लिए सामग्री
चीनी : 2 कप
पानी : 1 कप
केसर/जाफरान : 3-4 पत्ती
जलेबी बनाने की विधि
- जलेबी बनाने के लिए सबसे पहले मैदे को छान कर एक बाउल में डाल लीजिए और उसमे बेकिंग पाउडर, दही, इलायची पाउडर और कुछ बूंदे पीले फूड कलर की डाल कर सबको अच्छे से मिला लीजिए।
- इस मिश्रण में थोड़ा थोड़ा पानी मिलाते हुए एक गाढ़ा सा पेस्ट तैयार कर लीजिए। पेस्ट बनाते हुए ध्यान रखे की पेस्ट में गुठलियां ना रहें, इसके लिए आपको पेस्ट को अच्छे से फेटना होगा।
- इस बनाए हुए पेस्ट को हम 10-15 मिनट के लिए ढक कर रख देंगे इतने समय में हम जलेबी के लिए चाशनी तैयार कर लेते हैं।
- चाशनी बनाने के लिए सबसे पहले गैस चालू कीजिए और गैस के ऊपर एक बड़ी कढ़ाई रखिए। कढ़ाई में पहले 2 कप पानी और 1 बड़ा चम्मच चीनी डालिए। तेज़ आँच पर उबाल आने तक चाशनी को चलाते रहिए जिससे चीनी कढ़ाई के तले से चिपकर जले नहीं।
- चाशनी में एक उबाल आने बाद आंच को धीमा कर दीजिए और उसे अच्छे से 10-12 मिनट तक पकने दीजिए। ध्यान रहे धीमी आँच पर चाशनी पकाते वक्त बीच बीच में चाशनी को चलाते रहें। पकती हुई चाशनी में थोड़ा केसर डाले। केसर डालने से चाशनी में अच्छी सी सुगंध आयेगी और रंग भी अच्छा आएगा। चाशनी अच्छे से पकने के बाद गैस बंद कर दे और चाशनी को ढक कर एक तरफ रख दें।
- जलेबी बनाने के लिए एक फ्लैट पैन या कढ़ाई में कुकिंग ऑयल यानी रिफाइंड या घी डाल लीजिए और उसे अच्छे से गरम कर लीजिए। घी या रिफाइंड ऑयल में से आप क्या इस्तेमाल करते हैं वो आप पर निर्भर करता है।
- जब आप जलेबी के रखे हुए पेस्ट का ढक्कन खोल कर देखेंगे तो पेस्ट थोड़ा फूला हुआ दिखाई देगा क्योंकि उसमे हमने पहले ही बेकिंग पाउडर और दही मिलाया हुआ है। इस फूले हुए पेस्ट मे एक बार फिर चम्मच चला लें।
- अब प्लास्टिक की एक खाली केचअप बोतल लीजिए और जलेबी का पेस्ट उसमे डाल लीजिए। अगर आपके पास कोई प्लास्टिक की केचअप बोतल भी है तो एक पन्नी/थैली में जलेबी का पेस्ट डाल कर पन्नी/थैली का एक कोना काट लीजिए।
- गरम रिफाइंड ऑयल या घी की कढ़ाई में पेस्ट गिराते हुए गोल–गोल घुमाइए, इस तरह कढ़ाई में 4-5 जलेबिया छोड़िए।
- जलेबी को दोनों तरफ से अच्छे से तल कर जलेबी को करारी कर लीजिए। जलेबी का रंग थोड़ा भूरा होने दें।
- फिर तली हुई जलेबी को तेल से निकालकर चाशनी में 1-2 मिनट तक डुबाए रखे और फिर बाहर निकाल ले। ऐसे ही सारी जलेबियां तल कर चाशनी में डुबा कर बाहर निकाल लीजिए।
पनीर जलेबी बनाने की रेसिपी (Recipe of Paneer Jalebi)
हमारे लेख National Sweet in India में अब हम आपको पनीर जलेबी की रेसिपी (Paneer Jalebi Recipe) बताने जा रहे हैं।
पनीर जलेबी बनाने के लिए सामग्री
150 ग्राम पनीर
4 बड़े चम्मच मैदा
1 बडा चम्मच अरारोट (कॉर्न फ्लोर)
1 चुटकी ख़ाने वाला लाल रंग
जलेबी तलने के लिए आवश्यकतानुसार के लिए घी/ रिफाइंड
चाशनी बनाने की सामग्री
200 ग्राम चीनी
300 ग्राम पानी
पनीर जलेबी बनाने की विधि
- पनीर, मैदा, आरारोट और फूड कलर को एक मिक्सी जार में डाल कर पीस कर एक चिकना मिश्रण बना लीजिए।
- मिश्रण को क्रीम जैसा थोड़ा पतला रखिए अगर आपका मिश्रण बहुत ज्यादा गाढ़ा है तो उसमे आप बहुत थोड़ा सा पानी मिलाकर उसे पतला कर लें।
- जलेबी के मिश्रण को प्लास्टिक की केचअप बोतल या छेद किये कपड़े में डाल लीजिए अगर आपके पास केचअप बोतल नही है तो आप थैली का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- अब एक बरतन में चीनी और पानी मिलाकर चाशनी बना ले और उसे गैस पर धीमी आँच पर पकाएं। चाशनी अच्छे से पक जाने के बाद आप उसमे केसर भी डाल सकते हैं जिससे चाशनी खुशबूदार हो जायेगी।
- अब एक फ्लैट पैन या कढ़ाई लेकर घी या रिफाइंड ऑयल गरम कीजिए। घी या रिफाइंड गरम हो जाने के बाद आप मिश्रण को प्लास्टिक कैचअप बोतल से गिराइए और जलेबी के आकार में गोल–गोल घुमाइए।
- अब धीमी आँच पर जलेबी को तले और दोनों तरफ से अच्छे से तल कर कुरकुरी कर लें।
- जलेबी अच्छे से तल कर कुरकुरी हो जाने के बाद जलेबी को बनाई हुई चाशनी में डाल दें और उसे 1 से 2 मिनट तक रहने दें।
- ऐसे ही बाकी की जलेबी तलें और चाशनी में 1 से 2 मिनट तक डूबा कर निकाल लें।
- लीजिए आपकी गरमा–गरम करारी पनीर जलेबिया बन कर तैयार हो गई है। जलेबी को आप दही, दूध और फीकी रबड़ी के साथ खा सकते हैं।
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आशा करते हैं आपको हमारा ये आर्टिकल National Sweet in India बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें आरै नीचे दिये कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।