Ravindra Jadeja की जुझारू पारी के बीच मिशेल मार्श का ऐतिहासिक कैच!

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नई दिल्ली, ब्रिसबेन के गाबा में चल रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट मैच में Ravindra Jadeja ने भारतीय टीम के लिए एक मजबूत और साहसी पारी खेली। सातवें नंबर पर आकर, जडेजा ने 77 रनों की शानदार पारी खेली, जिसने भारतीय पारी को स्थिरता दी। उनकी बल्लेबाजी न केवल ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को चुनौती दे रही थी, बल्कि भारत को फॉलो-ऑन से बचाने की उम्मीद भी जगा रही थी।

पैट कमिंस और Ravindra Jadeja का रोमांचक मुकाबला

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यह घटना भारत की पहली पारी के 66वें ओवर में हुई। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने Ravindra Jadeja को चुनौती देने के लिए अपने बेहतरीन बाउंसर का इस्तेमाल किया। कमिंस ने ओवर द विकेट गेंदबाजी करते हुए एक तेज़ बाउंसर फेंकी, जिसने जडेजा को पुल शॉट खेलने पर मजबूर कर दिया। हालांकि जडेजा ने इससे पहले इसी ओवर में एक शानदार चौका लगाया था, लेकिन कमिंस की रणनीति और नियंत्रण ने उन्हें मात दी।

मिशेल मार्श का अद्भुत कैच

कमिंस की बाउंसर को Ravindra Jadeja ने डीप मिड-विकेट की ओर खेला। वहां फील्डिंग कर रहे मिशेल मार्श ने एक शानदार और चुनौतीपूर्ण कैच लपका। यह कैच इतना बेहतरीन था कि जडेजा, जो टेस्ट शतक के करीब पहुंच सकते थे, को वापस पवेलियन लौटना पड़ा।

भारत के लिए फॉलो-ऑन का खतरा

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Ravindra Jadeja की 77 रनों की पारी ने भारत को फॉलो-ऑन के खतरे से बचाने के लिए मजबूती दी। उनकी इस साहसी पारी के बावजूद, टीम को फॉलो-ऑन से बचने के लिए कुल 246 रन चाहिए थे। केएल राहुल ने भी 84 रनों की शानदार पारी खेली, जो भारतीय पारी का दूसरा सबसे बड़ा योगदान रहा। लेखन के समय भारत 9 विकेट पर 232 रन बना चुका था और फॉलो-ऑन से बचने के लिए केवल 14 रन दूर था।

ऑस्ट्रेलिया की रणनीति और चुनौती

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ऑस्ट्रेलिया ने गाबा की तेज़ और उछालभरी पिच का पूरा फायदा उठाते हुए भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया। हालांकि, जडेजा और राहुल की पारियों ने यह साबित किया कि भारतीय बल्लेबाजों में लड़ने का माद्दा है। ऑस्ट्रेलिया की मजबूत गेंदबाजी और मिशेल मार्श के फील्डिंग कौशल ने इस मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है।

क्या भारत बचा पाएगा फॉलो-ऑन से?

Ravindra Jadeja की पारी भारतीय टीम के लिए उम्मीद की किरण थी। उनकी मेहनत और धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी ने टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में मदद की। हालांकि, फॉलो-ऑन से बचने के लिए भारतीय टीम को शेष बल्लेबाजों से भी योगदान की जरूरत थी।

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