Makar Sankranti 2025: जानिए सही तारीख और शुभ मुहूर्त!
Makar Sankranti 2025: नई दिल्ली, मकर संक्रांति हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल सर्दियों के अंत का सूचक है, बल्कि एक नए कृषि चक्र की शुरुआत का संदेश भी देता है। इस दिन, प्रकृति और सूर्य देवता का आभार व्यक्त किया जाता है। यह त्योहार नई ऊर्जा, उम्मीद और समृद्धि का प्रतीक है।
Makar Sankranti 2025: सही तिथि और शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति का पर्व इस वर्ष 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- मकर संक्रांति का समय: सुबह 9:03 बजे
- पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक
- महा पुण्य काल: सुबह 9:03 बजे से सुबह 10:48 बजे तक
इस दिन का सूर्योदय सुबह 7:15 बजे होगा, जबकि ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:27 से 6:21 बजे तक रहेगा।
मकर संक्रांति के विशेष अनुष्ठान
मकर संक्रांति पर प्रातःकाल स्नान का विशेष महत्व है। श्रद्धालु इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
- दान का महत्व: तिल, गुड़, कपड़े, कंबल, और बर्तन का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
- विशेष पकवान: इस दिन तिल-गुड़ के लड्डू और खिचड़ी जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं, जो उत्सव का अभिन्न हिस्सा हैं।
क्षेत्रीय विविधताएं और परंपराएं
मकर संक्रांति भारत के हर कोने में भिन्न-भिन्न परंपराओं के साथ मनाई जाती है।
- उत्तर भारत में लोहड़ी: पंजाब और हरियाणा में इसे लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है।
- दक्षिण भारत में पोंगल: तमिलनाडु में चार दिनों तक चलने वाला पोंगल त्योहार इसकी खास पहचान है।
- गुजरात और राजस्थान में पतंग उत्सव: इन राज्यों में लोग पतंगबाजी कर मकर संक्रांति का जश्न मनाते हैं।
- पूर्वी भारत में गंगा सागर मेला: पश्चिम बंगाल में गंगा सागर में इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं।
मकर संक्रांति का आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व
मकर संक्रांति केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। यह दिन लोगों को अपने पुराने मतभेद भूलकर नए सिरे से रिश्ते बनाने का अवसर देता है।