Kanguva Oscars: नई दिल्ली, 97वें अकादमी पुरस्कारों के समारोह में अब दो महीने से भी कम का समय बचा है, और इस बार की ऑस्कर दौड़ में भारतीय फिल्मों ने भी जगह बनाई है। एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने इस साल के ऑस्कर के लिए पात्र 323 फिल्मों की सूची जारी की है, जिसमें से 207 फिल्में प्रतिष्ठित “सर्वश्रेष्ठ फिल्म” पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। इस लिस्ट में 6 भारतीय फिल्में भी शामिल हैं, जो ऑस्कर के लिए दावेदार बनी हैं। भारतीय सिनेमा प्रेमियों के लिए यह एक गर्व का मौका है, क्योंकि पहले कभी भी भारतीय फिल्मों की इतनी बड़ी संख्या ऑस्कर की दौड़ में नहीं थी।
कौन सी फिल्में हैं दावेदार?
ऑस्कर के सर्वश्रेष्ठ फिल्म श्रेणी में इस बार 6 भारतीय फिल्में प्रतियोगिता में शामिल हैं। इनमें से कुछ फिल्में पहले से ही चर्चा में रही हैं, जबकि कुछ को लेकर सवाल उठाए गए हैं। ये फिल्में हैं:
- कंगुवा (तमिल)
- द गोट लाइफ़ (हिंदी)
- संतोष (हिंदी)
- स्वातंत्र्य वीर सावरकर (हिंदी)
- ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट (मलयालम)
- गर्ल्स विल बी गर्ल्स (हिंदी-अंग्रेजी)
इन फिल्मों में से कुछ को लेकर आलोचनाएं भी सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, कंगुवा को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिल पाई, और कुछ लोग इस फिल्म को ऑस्कर के लिए उतनी योग्य नहीं मानते। फिर भी, इन फिल्मों के नामांकन ने भारतीय फिल्म उद्योग में एक नई उम्मीद और प्रेरणा का संचार किया है।
मतदान प्रक्रिया और नामांकन की घोषणा
ऑस्कर नामांकन के लिए मतदान 8 जनवरी से शुरू हो चुका है और यह 12 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद, 17 जनवरी को अंतिम नामांकनों की घोषणा की जाएगी। भारतीय फिल्म प्रेमियों के लिए यह समय बेहद रोमांचक है, क्योंकि वे यह जानने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि इनमें से कोई फिल्म नामांकन जीत पाएगी या नहीं।
ऑस्कर 2025 का आयोजन
ऑस्कर 2025 समारोह 2 मार्च 2025 को ओवेशन हॉलीवुड के प्रतिष्ठित डॉल्बी थिएटर में आयोजित किया जाएगा। यह दिन भारतीय फिल्म उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर इन भारतीय फिल्मों में से कोई भी नामांकन प्राप्त करती है।
भारतीय फिल्म उद्योग के लिए गर्व की बात
यह कोई छोटी बात नहीं है कि भारतीय सिनेमा को ऑस्कर की तरह प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया है। इस बार 6 भारतीय फिल्में सीधे ऑस्कर की रेस में हैं, जो भारतीय फिल्म निर्माताओं और कलाकारों के लिए एक बड़ा सम्मान है। यह दर्शाता है कि भारतीय सिनेमा को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल रही है, और उसकी कला और कहानी कहने के तरीके को सराहा जा रहा है।