Captain America की नई फिल्म में भारतीय प्रधानमंत्री की धमाकेदार एंट्री!

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नई दिल्ली, मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (MCU) की फिल्मों ने हमेशा अपने रोमांचक एक्शन, पॉलिटिकल ड्रामा और सुपरहीरो स्टोरीलाइन के लिए दर्शकों को आकर्षित किया है। लेकिन इस बार कुछ नया हुआ है। फिल्म ‘Captain America: ब्रेव न्यू वर्ल्ड’ में भारतीय प्रधानमंत्री को एक शक्तिशाली वैश्विक नेता के रूप में दिखाया गया है, जो अमेरिका के राष्ट्रपति को सलाह देते हैं और यहां तक कि उसे डांट भी लगाते हैं। यह पहली बार है जब किसी हॉलीवुड सुपरहीरो फिल्म में भारत को इतनी मजबूत स्थिति में दर्शाया गया है।

एक राजनीतिक थ्रिलर की तरह पेश हुई फिल्म

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‘Captain America: ब्रेव न्यू वर्ल्ड’ सिर्फ एक सुपरहीरो फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली राजनीतिक थ्रिलर के रूप में भी सामने आई है। कहानी में अमेरिका का नया राष्ट्रपति थैडियस रॉस है, जो सैम विल्सन (नए Captain America) के साथ मिलकर काम करता है। कहानी तब रोमांचक मोड़ लेती है जब हिंद महासागर में वाइब्रेनियम से भी ज्यादा शक्तिशाली एक नई धातु मिलती है। इस धातु पर जापान कब्जा जमाना चाहता है, लेकिन अमेरिका चाहता है कि इसमें पूरी दुनिया की हिस्सेदारी हो।

इस बार रूस की जगह जापान को प्रतिद्वंद्वी दिखाया गया है और भारत को एक मजबूत वैश्विक ताकत के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अमेरिका को भारत का समर्थन चाहिए, जिससे यह फिल्म बदलते वैश्विक समीकरणों को भी दर्शाती है।

क्या एवेंजर्स टीम फिर से बनेगी?

‘एवेंजर्स: एंडगेम’ के बाद से MCU की दुनिया थोड़ी बिखर गई थी। लोग अब भी पुराने सुपरहीरोज जैसे आयरन मैन, हल्क और स्टीव रोजर्स को भूल नहीं पाए हैं। लेकिन ‘Captain America: ब्रेव न्यू वर्ल्ड’ इन सब चीजों को किनारे रखते हुए नए एवेंजर्स की खोज शुरू करने का संकेत देती है।

इस फिल्म में Captain America और अमेरिकी राष्ट्रपति मिलकर उन सुपरहीरोज की तलाश में हैं, जो आने वाले खतरों से निपट सकें। फिल्म की कहानी एक्शन और ड्रामा पर फोकस करती है और इमोशनल अपील से ज्यादा राजनीतिक घटनाओं को उजागर करती है।

कैसे अहंकार चूर-चूर हो जाता है?

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फिल्म एक गहरी सीख भी देती है कि सत्ता में बैठे लोग जब खुद को सबसे ताकतवर मानने लगते हैं, तब उनका पतन तय होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति भी इस सोच का शिकार होते हैं। उनका जीवन वैज्ञानिक सैमुअल स्टर्न्स द्वारा बनाए गए एक खास सीरम पर निर्भर करता है।

अगर आपको ‘द इनक्रेडिबल हल्क’ याद है, तो आपको स्टर्न्स का किरदार भी याद होगा। हालांकि, MCU की फिल्में देखने के लिए आपको पूरा पुराना सिलेबस याद रखने की जरूरत नहीं होती, इसलिए बिना किसी दुविधा के यह फिल्म एन्जॉय की जा सकती है।

Captain America का नया रूप

एंथनी मैकी, जिन्होंने इस फिल्म में Captain America की भूमिका निभाई है, पूरी तरह से इस किरदार में ढल चुके हैं। यह Captain America बाकी सुपरहीरोज से अलग है क्योंकि इसमें कोई सुपर सीरम नहीं है। वह पूरी तरह से अपनी इच्छा शक्ति और तकनीक के दम पर दुनिया को बचाने के लिए तैयार है।

फिल्म का क्लाइमेक्स बेहद दिलचस्प है, जहां कैप्टन अमेरिका और फाल्कन के बीच एक लंबी बातचीत होती है। इस बातचीत का संदेश साफ है – कुछ लोग दुनिया को बचाने के लिए बने होते हैं, भले ही उन्हें सराहा जाए या नहीं।

फिल्म का सबसे रोमांचक मोमेंट – रेड हल्क

फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है MCU में रेड हल्क की एंट्री। जब 82 साल के हैरिसन फोर्ड, जो अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका में हैं, अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में ही रेड हल्क में बदल जाते हैं, तो यह दृश्य देखने लायक होता है। यह सीन इतना दमदार है कि सिर्फ इसी के लिए फिल्म देखी जा सकती है।

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हालांकि, फिल्म की कहानी कहीं-कहीं सीधी दिशा में आगे बढ़ती रहती है, जिससे इसमें कुछ नयापन कम लगता है। लेकिन, एक्शन और कलाकारों की परफॉर्मेंस के दम पर यह फिल्म MCU की कई हालिया कमजोर फिल्मों से बेहतर साबित होती है।

MCU की नई शुरुआत

‘Captain America: ब्रेव न्यू वर्ल्ड’ सिर्फ एक सुपरहीरो फिल्म नहीं है, बल्कि यह बदलते वैश्विक समीकरणों को भी दर्शाती है। भारत को एक मजबूत शक्ति के रूप में दिखाना, अमेरिकी राष्ट्रपति को एक कमजोर स्थिति में रखना और नए एवेंजर्स की खोज शुरू करना – ये सभी इस फिल्म को खास बनाते हैं।

यदि आप MCU के फैन हैं या एक अच्छी पॉलिटिकल थ्रिलर देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। खासकर, रेड हल्क का जबरदस्त एक्शन सीन इस फिल्म को देखने का सबसे बड़ा कारण है!

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