Wipro Share Price से जुड़ी हर जानकारी! क्या आपको निवेश करना चाहिए?
नई दिल्ली, जब कोई कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो इसका मतलब है कि वह अपने मौजूदा निवेशकों को उनके शेयरों के अनुपात में मुफ्त शेयर देती है। उदाहरण के लिए, अगर कंपनी 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर दे रही है, तो हर एक शेयर पर एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा। हालांकि, इसका सीधा फायदा निवेशकों को तुरंत नहीं होता क्योंकि बोनस शेयर के बाद कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू उसी अनुपात में घट जाती है।
विप्रो का 1:1 बोनस शेयर इश्यू
आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर देने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि मौजूदा हर शेयर पर निवेशकों को एक अतिरिक्त शेयर मुफ्त में मिलेगा। इसके चलते मंगलवार को विप्रो का शेयर 50% सस्ता दिखा, और इसकी कीमत ₹291.90 पर आ गई। यह कीमत में गिरावट असल में बोनस शेयर इश्यू के कारण है, क्योंकि मार्केट वैल्यू इस प्रक्रिया में स्वाभाविक रूप से घट जाती है।
बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट में अंतर
बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट अक्सर एक जैसे समझे जाते हैं, लेकिन इनमें अंतर है। स्टॉक स्प्लिट में कंपनी अपने शेयर को छोटे हिस्सों में बांटती है, जिससे निवेशकों की हिस्सेदारी कम नहीं होती। जबकि बोनस शेयर में निवेशकों को मुफ्त शेयर दिए जाते हैं, लेकिन शेयर की कुल वैल्यू का बंटवारा होता है।
पिछले 15 वर्षों में विप्रो के बोनस शेयर
पिछले 15 वर्षों में, विप्रो ने कई बार बोनस शेयर दिए हैं।
- 2019: 1:3 अनुपात में बोनस शेयर।
- 2017: 1:1 अनुपात में बोनस शेयर।
- 2010: 2:3 अनुपात में बोनस शेयर।
- 2005 और 2004: दोनों बार 1:1 अनुपात में बोनस शेयर।
- 1997: 2:1 अनुपात में बोनस शेयर। इसके अलावा, विप्रो ने 1995 और 1992 में भी 1:1 अनुपात में बोनस शेयर जारी किए।
बोनस शेयर का फायदा और जोखिम
बोनस शेयर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि निवेशकों के पास शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। यह कंपनी के प्रति निवेशकों के भरोसे को भी दर्शाता है। हालांकि, इसका वित्तीय फायदा तुरंत नहीं मिलता। शेयर की कीमत घटने से बाजार में उसकी परसेप्शन बदल सकती है।
डिस्क्लेमर:
बोनस शेयर भले ही आकर्षक लगते हों, लेकिन यह जरूरी है कि निवेशक इसे दीर्घकालिक दृष्टि से देखें। इक्विटी बाजार में जोखिम होता है, और इसलिए निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।