दिग्गज अभिनेता और निर्देशक धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) को टीवी की दुनिया में भले ही पौराणिक धारावाहिकों के लिए ज्यादा जाना जाता हो, लेकिन उन्होंने बॉलीवुड में भी अपना खास नाम बनाया। उनकी सबसे खास फिल्मों में से एक है “एलान”, भोजपुरी में बनी इस फिल्म को उन्होंने साल 2011 में डायरेक्ट किया था। इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों दोनों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला और IMDb पर इसे 7.6 की रेटिंग भी मिली, जो दर्शाता है कि यह एक दमदार फिल्म थी।
“एलान” की कहानी और विषय
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भोजपुरी फिल्म ‘एलान’, सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म है, जो सिस्टम की खामियों, भ्रष्टाचार और आम आदमी की आवाज को दर्शाती है। फिल्म की कहानी एक आम इंसान के इर्द-गिर्द घूमती है जो सिस्टम के खिलाफ खड़ा हो कर सिस्टम को बदलने की कोशिश करता है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि जब एक आम इंसान ठान ले, तो वह कुछ भी कर सकता है।
कलाकारों की दमदार एक्टिंग
इस फिल्म में कई जाने-माने कलाकारों ने काम किया, जिन्होंने अपने अभिनय से फिल्म को और भी शानदार बना दिया। फिल्म के कलाकारों ने, ना सिर्फ अपने किरदार को बखूबी निभाया, बल्कि दर्शकों को सोचने पर भी मजबूर कर दिया। हर एक कैरेक्टर की अपनी एक कहानी थी, जो फिल्म को और भी दिलचस्प बनाती है।
Dheeraj Kumar का निर्देशन
Dheeraj Kumar का निर्देशन हमेशा से ही साफ, सटीक और विषय पर केंद्रित रहा है। ‘एलान’ में भी उन्होंने यही दिखाया। उन्होंने इस फिल्म में हर सीन को बहुत सोच-समझकर फिल्माया और यह कोशिश की कि दर्शक फिल्म से जुड़ा महसूस करें। फिल्म की स्क्रिप्ट, डायलॉग्स और सिनेमैटोग्राफी में उनकी मेहनत साफ नजर आती है।
IMDb रेटिंग और लोगों की राय
IMDb पर 7.6 की रेटिंग मिलना किसी भी फिल्म के लिए एक बड़ी बात होती है, खासकर तब जब फिल्म बिना बड़े बजट या सुपरस्टार्स के बनी हो। ‘एलान’ को यह रेटिंग दर्शकों ने दी, जो दर्शाता है कि फिल्म ने उनके दिलों को छुआ है। कई लोगों ने इस फिल्म को सोशल मीडिया और रिव्यू साइट्स पर भी सराहा है।
धीरज कुमार का योगदान
‘एलान’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि Dheeraj Kumar के टैलेंट और सोच को दर्शाने वाली मिसाल है। उन्होंने इस फिल्म के जरिए यह साबित किया कि वे सिर्फ पौराणिक शोज ही नहीं, बल्कि गंभीर सामाजिक विषयों पर भी काम कर सकते हैं। यह फिल्म आज भी उनकी सबसे यादगार डायरेक्शन में से एक मानी जाती है।
‘एलान’ जैसी फिल्में बहुत कम बनती हैं, जो सीधे दिल और दिमाग पर असर छोड़ती हैं। धीरज कुमार ने इस फिल्म के जरिए एक साफ संदेश दिया कि जब आम लोग जागते हैं, तब बदलाव मुमकिन होता है। अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी है, तो एक बार जरूर देखिए, यह आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।
79 साल की उम्र में निधन
अभिनेता और निर्माता धीरज कुमार का सोमवार (15 July 2025) को 79 साल की उम्र में निधन हो गया। वे निमोनिया से पीड़ित थे और उन्हें गंभीर हालत में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उनके परिवार और प्रोडक्शन हाउस ने एक बयान जारी कर लोगों से प्राइवेसी बनाए रखने की अपील की थी। बयान में कहा गया था, “धीरज कुमार डॉक्टर्स की निगरानी में हैं और इलाज चल रहा है। परिवार उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा है और सभी से अनुरोध करता है कि इस कठिन समय में उनकी प्राइवेसी का सम्मान करें।”
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परिवार के नजदीकी रिश्तेदारों के पंजाब से आने के बाद बुधवार (16 July 2025) को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
धीरज कुमार का फिल्मी करियर
धीरज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 1970 के दशक में की थी। सबसे पहले वे 1974 में बनी फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में नजर आए थे। उन्होंने मनोज कुमार, जीनत अमान और बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों के साथ भी काम किया। इसके अलावा वे स्वामी, क्रांति, और हीरा पन्ना जैसी फिल्मों में भी दिखाई दिए।
धीरज कुमार का टीवी करियर
टीवी इंडस्ट्री में उन्होंने Creative Eye Limited नाम से एक प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था, जिसने कई पौराणिक और धार्मिक शोज बनाए। उनके कुछ सबसे लोकप्रिय शोज में शामिल हैं:
‘ओम नम: शिवाय’
‘श्री गणेश’
‘जय संतोषी मां’
‘जप तप व्रत’
‘इश्क़ सुभान अल्लाह’
उन्होंने हिंदी और पंजाबी सिनेमा के साथ-साथ भारतीय टेलीविज़न को भी एक नई दिशा दी। ‘एलान’ जैसी फिल्मों से लेकर ‘ओम नम: शिवाय’ जैसे शोज तक, धीरज कुमार का योगदान भारतीय मनोरंजन जगत में हमेशा याद किया जाएगा। उनका काम न केवल दर्शकों का मनोरंजन करता था, बल्कि सोचने पर मजबूर भी करता था। अब जब वे इस दुनिया में नहीं हैं, तो उनकी बनाई कहानियां और किरदार ही उन्हें जीवित रखेंगे।