क्या किशोरी के दिल में छुपे हैं गहरे राज? जानें Girls Will Be Girls के हर पहलू को!

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नई दिल्ली, फिल्म Girls Will Be Girls में एक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक यात्रा को दर्शाया गया है, जो एक किशोरी मीरा और उसकी मां अनिला की जटिल रिश्ते की कहानी है। यह फिल्म शुचि तलाटी द्वारा निर्देशित की गई है और इसे सनडांस फिल्म फेस्टिवल में दो पुरस्कार मिले थे। अनिला, जो अपनी बेटी की सफलता के लिए बेहद समर्पित है, उसे कड़ी मेहनत करने और अच्छे परिणाम पाने के लिए प्रेरित करती है। मीरा, जो जल्द ही 18 साल की हो जाएगी, एक होशियार और ईमानदार लड़की है, जो स्कूल की हेड प्रीफेक्ट बनी है।

अनिला का नियंत्रित व्यवहार

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अनिला, एक मां के रूप में, बेहद नखरेबाज़ और नियंत्रित करने वाली है। वह मीरा को स्कूल की परीक्षा में सफलता दिलाने के लिए हर साल हरिद्वार से आती है। अनिला की यह सख्त निगरानी मीरा के लिए कभी-कभी भारी पड़ जाती है, क्योंकि वह अपनी मां के अत्यधिक दबाव को महसूस करती है। इस फिल्म में एक महत्वपूर्ण दृश्य है, जब अनिला श्रीनिवास, एक लड़के को देखती है, जो मीरा के जीवन में आता है। इस समय अनिला की भावनाओं में उलझन और ईर्ष्या का अनुभव किया जाता है।

मीरा का विद्रोह और मानसिक संघर्ष

मीरा, एक बुद्धिमान और पढ़ाई में होशियार लड़की है, लेकिन वह स्कूल में एक ‘परफेक्ट’ के रूप में खुद को नहीं देखती। जब उसे हेड प्रीफेक्ट बनाया जाता है, तो वह इस जिम्मेदारी को लेकर परेशान होती है। स्कूल में उसकी स्थिति के कारण वह दबाव में आती है, और इस दबाव का प्रभाव उसके रिश्तों और मानसिक स्थिति पर पड़ता है। हालांकि, मीरा का जीवन एक सामान्य किशोरी के संघर्षों से कहीं अधिक जटिल होता है, क्योंकि वह अपने व्यक्तिगत और यौन विकास के दौरान नज़रों और इशारों के माध्यम से अपनी पहचान को समझने की कोशिश करती है।

श्रीनिवास का प्रभाव और यौन जागृति

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फिल्म में एक और महत्वपूर्ण पहलू श्रीनिवास का आगमन है। श्रीनिवास मीरा के जीवन में एक नया व्यक्ति है, और उसका प्रभाव मीरा की मानसिक स्थिति और उसकी मां के साथ रिश्ते पर पड़ता है। जब श्रीनिवास मीरा के घर आता है, तो उसकी मां अनिला के साथ उसका व्यवहार बदल जाता है, और यह मीरा के लिए एक चुनौती बन जाता है। इस संबंध में अनिला और मीरा के बीच एक भावनात्मक और यौन ईर्ष्या का जटिल खेल चलता है, जो फिल्म को एक मनोवैज्ञानिक गहराई देता है।

फिल्म का गहराई और संवाद

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फिल्म Girls Will Be Girls का लेखन बहुत सूक्ष्म और विस्तृत है। शुचि तलाटी ने पूरी फिल्म में शब्दों के माध्यम से जटिलताओं को व्यक्त किया है, और यह दर्शकों को गहरे विचारों में डालता है। विशेष रूप से जब मीरा और श्रीनिवास एक सत्र में एक-दूसरे से संवाद करते हैं, तो यह दृश्य पितृसत्तात्मक समाज और उसके नियमों की परतों को खोलता है। फिल्म में लैंगिक मानदंडों, पारंपरिक संरचनाओं और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बारे में विचारशील संदेश हैं, जो दर्शकों को सोचने के लिए मजबूर करते हैं।

कनी कुसरुति का उत्कृष्ट अभिनय

कनी कुसरुति ने अनिला के किरदार में गहरी भावनाओं को व्यक्त किया है। उनका अभिनय अकेलेपन और एक भावनात्मक यात्रा को दिखाता है, जो दर्शकों को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देता है। उनकी भूमिका में छुपे हुए एहसासों और संघर्षों का आकलन करना आसान नहीं है, और यही इस फिल्म को अलग बनाता है।

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