Door to Hell: इस देश की सरकार जल्द बन्द करेगी धरती के नर्क का दरवाज़ा

0

Door to Hell: पृथ्वी पर अनेक प्रकार के विचित्र अजूबे पाये जाते हैं जिनमें कुछ प्रकृति की देन हैं तो कुछ मानव निर्मित हैं। ऐसा ही एक अजूबा तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) में स्थित है जिसे नर्क का दरवाज़ा (Door to Hell) के नाम से जाना जाता है और अब वहां की सरकार ने इस नर्क के दरवाज़े को हमेशा के लिए बंद करने का ऐलान किया है।

Door to Hell एक तरह का प्राकृतिक गैस क्रेटर (Gas Crater) है। ये आग से धधकता, प्राकृतिक गैस क्रेटर, तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से लगभग 160 मील की दूरी पर स्थित रेगिस्तानी गड्ढा है जो दशकों से लगातार जल रहा है। तुर्कमेनिस्तान आने वाले पर्यटकों के लिए यह मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

Sponsored Ad

कैसे बना Door To Hell?

साल 1971 में सोवियत संघ को मालूम हुआ कि तुर्कमेनिस्तान की इस जगह पर भारी मात्रा में प्राकृतिक गैस मौजूद है और फिर 1971 में विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा इस स्थान पर गैस-ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। ड्रिलिंग के दौरान खुदाई वाला एक यन्त्र गड्ढे में चला गया जिस कारण यहां मीथेन गैस का अत्याधिक रिसाव होने लगा।

वैज्ञानिकों द्वारा, मीथेन गैस को वातावरण में फैलने से रोकने के लिए इसमें आग लगानी पड़ी और तब से यह आजतक लागातार जल रहा है। इस जलते हुए गड्ढे को नर्क का द्वार (Door to Hell) कहा जाने लगा।

गड्ढे से आती है बेहोश करने वाली बदबू

Sponsored Ad

Sponsored Ad

इस गड्ढे की आग को बुझाने के कई प्रयास किया गऐ लेकिन सारे प्रयास असफल रहे। आपको बता दें कि आसपास की जमीन खिसकने से उस गड्ढे का आकार धीरे-धीरे बढ़ने लगा जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं। इस कारण यहां की सरकार ने इसके चारों तरफ घेराबंदी करने का निर्णय लिया ताकि लोग इसके ज्यादा नजदीक न जा पाए क्योंकि मीथेन गैस की वजह से जल रही आग से गंदी और बेहोश करने वाली बदबू आती है। यहां ज्यादा देर तक रूके रहने से तबीयत खराब हो सकती है।

2018 में Door to Hell का नाम बदला गया

gadget uncle desktop ad

2018 में तुर्कमेनिस्तान की सरकार द्वारा Door to Hell का नाम बदल कर शाइनिंग ऑफ काराकुम (Shining of Karakum) रख दिया गया लेकिन नाम बदलने से इससे निकलने वाली गैस के दुष्प्रभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था।

आग बुझाना बड़ी चुनौती

फिलहाल, यहां की स​रकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इस नर्क के द्वार (Door to Hell) की आग कैसे बुझाया जाए, क्योंकि यदि ये नर्क का द्वार धरती की किसी ऐसी परत से जुड़ा हुआ मिला, जहां पर मीथेन गैस का अथाह भंडार है तो गैस को निकलने से रोकने का कोई उपाय नहीं है।

ये भी पढ़ें: No Sunset Country दुनिया की तीन अज़ब-गज़ब जगहें जहाँ सूर्यास्त नहीं होता

इस नरक के द्वार को ढकने और बंद करने से इस पर किसी प्रकार का फर्क पड़ने के आसार कम ही हैं वहीं कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि तुर्कमेनिस्ताक की सरकार को इस गड्ढे की गर्मी का उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए करना चाहिए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.